कोर्टिसोल बताएगा कितनी गंभीर करेगा कोरोनाकोरोना
मरीज़ों में गंभीर की भविष्यवाणी होगी संभव
संभव होगी पहले से प्लानिंग
कुमारसंजय़। लखनऊ
कोरोनाका नाम सुनते तमाम लोग तनाव में खुद-ब-खुद आ जाते है। इस तनाव के कारण शरीर में कोर्टिसोल रसायन का स्तर बढ़ जाता है जो शरीर की मेटाबोलिज्म को प्रभावित करनेके साथ ही शरीर के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है। किंग जार्ज मेडिकल विवि केमानसिक रोग विशेषज्ञ डा.एसके कार जो इस समय कोरोना वार्ड में मरीजों की देख –रेख कररहे है बताते है कि हमने देखा है कि कोर्टिसोल कार्टीसोल, सी रिएक्टिव प्रोटीन और लैक्टेट डीहाइड्रोजिनेज(एलडीएच)का बढा स्तर मरीज़ों में गंभीरता बढा रहा है। इन मरीजों को विशेष देख-रेख की जरूरतहोती है। हमारे इस बात की पुष्टि द लासेंटभी करता है। अपने रिपोर्ट एसोसिएशन बिटविन हाई सीरम कोर्टिसोल कंसनट्रेशन एंडमोर्टलिटी फ्राम कोविद-19 में बताया है कि कोर्टिसोल काबढा स्तर बीमारी की गंभीरता बढाता है। डा.कार कहते है कि कोरोना से संक्रमित 67फीसदी मरीजों जिनमें कोर्टिसोल कास्तर 744 नेनोमोल प्रति लीटर से कम था उनमें गंभीरता के साथ सर्वाइवल रेट अधिक थालेकिन 33 फीसदी मरीज जिनमें स्तर इससे अधिक था उनमें सर्ववाइवल रेट कम मिला। हमनेजो देखा इसकी पुष्टि द लासेंट भी करता है।
कई सेंटर के साथ मिल कर कर रहे है शोध
कई सेंटर के साथ मिल कर कोरोना मरीजों गंभीरता भापनेके लिए शोध कर रहे है जिसके जरिए काफी पहले प्लानिंग कर मरीज़ों को बचाना संभवहोगा। तनाव कम करने के लिए एंटी स्ट्रेस दवाएँ भी देने की संभावना पर काम कर रहेहैं।
क्या है कोर्टिसोल कोर्टिसोल
तनाव नियंत्रित करने वाला हारमोन है। यह मस्तिष्क के कुछ हिस्सों के साथ आपके मूड, प्रेरणा और भय को नियंत्रित करने के लिए काम करता है। किडनी के ऊपर स्थित एड्रीनल ग्लैंड इस हारमोन को बनाता है। संकट में आपके शरीर को "लड़ाई-या-उड़ान" के लिए ईंधन की तरह हमें तैयार करता है। कोर्टिसोल शरीर की कई चीजों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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