पीजीआई आर्गन ट्रांसप्लांट को देगा है रफ्तार
अभी साल भर में 120 में किडनी ट्रांसप्लांट 240 करने की कोशिश शुरू
कुमार संजय। लखनऊ
संजय गांधी पीजीआई किडनी ट्रांसप्लाट को रफ्तार देने के लिए नए रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर के स्थापना की शुरूआत की है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. अमित अग्रवाल ने बताया कि हमारे संस्थान में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 1.5 साल की वेटिंग है। नए रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर बनने के बाद वेटिंग कम होगी। अभी सप्ताह में तीन से चार किडनी ट्रांसप्लांट हो रहा है नया सेंटर बनने के बाद सप्ताह में 10 से 15 ट्रांसप्लांट होगा। इसके लिए 180 बेड का रीनल ट्रांस प्लांट सेंटर स्थापित किया जा रहा है जिस पर उपकरण के अलावा अन्य संसाधन पर 150 करोड़ का खर्च आने का अनुमान है। इसका शिलान्यास हाल में ही मुख्यमंत्री ने किया था।
लिवर ट्रांसप्लांट के स्थापित हुआ सेंटर
संस्थान के निदेशक प्रो. राकेश कपूर ने बताया कि लिवर ट्रांसप्लांट सेंटर 120 बेड और पांच माडीयुलर ओटी से लैड स्थापित हो गया है। इसमें लगभग 110 करोड़ खर्च हुआ है। इसमें रोज एक लिवर ट्रांसप्लांट संभव है । कोलिडो स्कोप जैसी तमाम अत्य़ाधुनिक उपकरणों से सेंटर को लैस किया जा रहा है जिससे लिवर के अास-पास नलिकाअों का पता लगाना अासान हो जाएगा। प्रो. कपूर ने बताया कि एक छत के नीचे बच्चों और बडे में लिवर की सभी तरह की बीमारी का इलाज संभव होगा। लिवर ट्रांसप्लांट के पहले मरीज को इसके लिए तैयार करना पड़ता है यह सारी सुविधा होगी।
चार साल बाद दोबारा कोशिश लेकिन फेल
ट्रांसप्लांट पूरी तरह बंद होने के चार साल बाद दोबारा नए सेंटर में 25 जनवरी को लिवर ट्रांसप्लांट एक बच्चे में किया गया दावा है कि ट्रांसप्लांट सफल रहा लेकिन इंफेक्शन के कारण बच्चे की मौत 25 फरवरी को हो गयी।
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