शुक्रवार, 31 मई 2019

देश का पहला संस्थान होगा जहां हर तरह के कैंसर का इलाज एक छत के नीचे

देश का पहला संस्थान होगा जहां हर तरह के कैंसर का इलाज एक छत के नीचे
सितंबर में 60 बेड
के साथ शुरू होगा इलाज


सब कुछ योजना के अनुसार चलता रहा तो प्रदेश उन 60 फीसदी कैंसर के मरीजों को इलाज के लिए प्रदेश के बाहर का रास्ता नहीं देखना पड़ेगा। लखनऊ में देश का पहला ऐसा कैंसर संस्थान स्थापित होने जा रहा है जहां एक छत के नीचे सभी अंगों को कैंसर के इलाज संभव होगा। कैंसर के इलाज के लिए लखनऊ में फिलहाल जितने सेंटर है कहीं पर कंपलीट इलाज की सुविधा नहीं है। कही रेडियोथिरेपी है तो कहीं कमीथिरेपी की सुविधा  है जहां यह दोनों है वहां उस अंग के सर्जन नहीं है। चक गजरिया में मूर्त रूप ले रहा है सुपर स्पेशिएलटी  कैंसर संस्थान का लक्ष्य तो 1250  बेड का है लेकिन पहले चरण में 750  को क्रियाशील करने का लक्ष्य लेकर संस्थान के निदेशक प्रो.शालीन कुमार और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. राजेश हर्ष वर्धन लेकर चल रहे हैं। दो साल पहले ओपीडी के साथ संस्थान शुरू करने की कवायद हुई लेकिन यह फेल साबित हुई क्योंकि केवल ओपीडी चलाने से इलाज संभव नहीं है। मरीज को भर्ती कर कंपलीट इलाज के बिन कोई फायदा नहीं है। संस्थान प्रशासन का कहना है कि 30 सितंबर तक 60 बेड के साथ संस्थान शुरू करने के लक्ष्य पर तेजी से काम हो रहा है। संकाय सदस्यों के साथ पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था की जा रही है। दिसंबर 2020 तक 750 बेड पूरी तरह शुरू हो जाएगा। 

प्रदेश के कैंसर के केवल 40 फीसदी को मिल पा रहा है इलाज

प्रो. राजेश के मुताबिक हर चार मौत में से एक में मौत का कारण कैंसर होता है । पुरूषों में लंग और मुंह महिलाओं में स्तन, सर्विक्स कैंसर का बडा कारण है। इसके अलावा पेट, ब्रेन, हड्डी, रक्त कैंसर भी बडे कारण है। कैंसर के इलाज जितने मरीज प्रदेश में है उनमें से केवल 40 फीसदी मरीजो को प्रदेश में इलाज मिल पाता है 60 फीसदी लोग बाहर जाते है जिसमें उन्हें कई परेशानी होती है। हम हर अंग के कैंसर के इलाज के लिए तैयारी कर रहे हैं। 

प्रिवेंटिव आंकोलाजी पर होगा फोकस

कीमोथिरेपी, रेडियोथिरेपी, आंको सर्जरी, पैलेटिव केयर इलाज के मुख्य भाग है लेकिन प्रिवेंटिव आंकोलाजी भी बडा काम है जिसमें हम संस्थान में शुरू करेंगे इस तरह सभी तरीकों से इलाज की सुविधा देश के किसी भी अस्पताल में नहीं है। 

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