मंगलवार, 9 अप्रैल 2019

दिल के मरीजों के लिए क्रॉनिक टोटल ऑक्लूजन (सीटीओ) तकनीक

सीटीओ तकनीक में तीन रास्ते से एंजियोप्लास्टी संभव



 दिल के मरीजों के लिए क्रॉनिक टोटल ऑक्लूजन (सीटीओ) तकनीक काफी सफल है। सीटीओ तकनीक में तीन रास्ते से एंजियोप्लास्टी हो सकती है। ये जानकारी पीजीआई में आयोजित तीन दिवसीय इंटरवेंशन कार्डियोलॉजिस्ट कॉन्फ्रेंस के समापन पर डॉक्टरों ने दी। पीजीआई के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुदीप कुमार बताते हैं कि इस तकनीक से गांव के लोगों को ज्यादा फायदा मिल रहा है। इसकी वजह गांव में लोगों के वॉल्व में दिक्कत आने पर वो सुपर स्पेशियल्टी अस्पताल नही पहुंच पाते हैं। दिल की बीमारियां बढ़ने की वजह जीवनशैली और खानपान है। कॉन्फ्रेंस के आखिरी दिन एंजियोप्लास्टी की विभिन्न तकनीक का प्रदर्शन भी किया गया। 


टहलना और कसरत फायदेमंद है


दिल की बीमारी से बचाव के लिए संयमित भोजन के साथ सुबह-शाम टहलना और कसरत बहुत फायदेमंद  है। इससे ब्लड प्रेशर और डायबिटीज नियंत्रित रहता है। एक तिहाई लोगों को बीपी की समस्या है, हर सातवां व्यक्ति मधुमेह की चपेट में है। सामान्य जनसंख्या में हर चौथा व्यक्ति धूम्रपान करता है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को जितना नुकसान होता है, उतना ही नुकसान उसके आसपास मौजूद लोगों को भी उठाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में धूम्रपान रोकना जरूरी है।


-डॉ. शरद चंद्रा, केजीएमयू


जल्द इलाज से मृत्यु दर कम हो सकती है


हार्ट अटैक होने के घंटेभर के अंदर इलाज मिलने लगे तो मृत्युदर को कम किया जा सकता है। तमाम चिकित्सक दिल के मरीजों का इलाज करने के बजाय रेफर कर देते हैं, लेकिन संबंधित मरीज के लिए दो से तीन घंटे का वक्त काफी महत्वपूर्ण होता है। ऐसी स्थिति में उसे तत्काल इलाज मिल जाए और फिर एंजियोप्लास्टी की जाए तो मौत की आशंका कम हो जाती है। आमतौर पर हायर सेंटर पहुंचने में चार से पांच घंटे लग जाते हैं, जो मरीज की मौत की वजह बनता है।


-डॉ. हिमांशु यादव, आगरा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें