गुरुवार, 18 अप्रैल 2019

13 फीसदी युवाअों के मौत और विकलांगता का कारण साबित हो रहा है शराब

तेरह फीसद युवाओं में विकलांगता का कारण शराब


खतरे में सेहत

कुमार संजय ’ लखनऊ
भारत में हर छह मिनट में एक व्यक्ति की मौत का कारण शराब बन रही है। इनमें 75 फीसद पुरुष और 25 फीसद महिलाएं हैं। इनमें से 20 वर्ष से 39 वर्ष आयु वर्ग के 13 फीसद युवा शराब के कारण मौत और विकलांगता का शिकार हो रहे हैं। पिछले महीने जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट ऑन अल्कोहल एंड हेल्थ-2018 में तमाम आंकड़ों को सामने रखते हुए अल्कोहल के इस्तेमाल पर लगाम लगाने के लिए कहा है।

प्रति व्यक्ति शराब का सेवन बढ़ा : रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकतर बीमारियों और दुर्घटनाओं का कारण अधिक अल्कोहल का सेवन है। भारत में पर कैपिटा अल्कोहल का इस्तेमाल बढ़ा है। पिछले दस साल में पर कैपिटा अल्कोहल का इस्तेमाल 2.4 लीटर था, जो बढ़कर पुरुषों में 4.2 लीटर और महिलाओं में 1.5 लीटर हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक कुल होने वाली मौतों का 5.3 फीसद कारण शराब साबित हो रही है।

लिवर को बना रही बीमार : संजय गांधी पीजीआइ के पेट रोग विशेषज्ञ प्रो. यूसी घोषाल कहते हैं कि लिवर सिरोसिस और पैंक्रिएटाइटिस का सबसे बड़ा कारण शराब साबित हो रही है।
प्रो. अभय वर्मा कहते है कि 50 फीसदी लोगों में लिवर सिरोसिस का बडा कारण शराब है। इसके अलावा पैक्रिएटाइिटस , तंत्रिका तंत्र और दिल की बीमारी का बडा कराण है। 

परिवारवालों पर भी पड़ता है असर : शराब की वजह से होने वाली मौतों में 75 फीसदी के करीब शिकार पुरुष होते हैं। रिपोर्ट के अनुसार शराब के हानिकारक परिणामों का प्रभाव न केवल इसका सेवन करने वालों पर पड़ता है, बल्कि उनके परिजनों और समाज के लोगों पर भी विभिन्न बीमारियों के तौर पर पड़ता है।
ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट ऑन अल्कोहल एंड हेल्थ-2018 में सामने आए चिंताजनक आंकड़े
शराब के साइड इफेक्ट
फीसद>>परेशानी या बीमारी
18>>सुसाइड
18>>आपस में झगड़ा
27>>रोड एक्सीडेंट
13>>दौरा (मिर्गी)
48>>लिवर सिरोसिस
26>>मुंह का कैंसर
26>>पैंक्रिएटाइटिस
20>>टीबी
11>>कोलोरेक्टल कैंसर
05>>ब्रेस्ट कैंसर
07>>उच्च रक्तचाप सहित >>>>दिल की अन्य बीमारी
(स्रोत: ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट ऑन अल्कोहल एंड हेल्थ-2018)
लिवर सिरोसिस के 50 फीसदी मामलों की वजह शराब होती है। इसके अलावा पेनक्रिएटाइटिस के भी 20 से 30 फीसदी मामलों में शराब बड़ा कारण देखा गया है। तंत्रिका तंत्र और दिल की बीमारियां भी इससे बढ़ती हैं।
-प्रो अभय वर्मा, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट पीजीआई, लखनऊ

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