रविवार, 25 नवंबर 2018

पीजीआई में नर्सेज के व्यवहार की होगी परख-85 फीसदी लोग करते है नर्सेज के व्यवहार की शिकायत



पीजीआई में नर्सेज के व्यवहार की होगी परख



व्यवहार में सुधार के लिए चार स्टेप में चलेगी कार्यशाला
85 फीसदी लोग करते है नर्सेज के व्यवहार की शिकायत

साफ्ट स्किल डेवलेपमेंट प्रोगाम


 शोधों में देखा गया है कि 85 से 90 फीसदी मरीज की शिकायत नर्सेज के व्यवहार को लेकर रहती है। इसे दूर करने के लिए साफ्ट स्किल डेवलेपमेंट प्रोग्राम संस्थान ने शुरू किया है । चार चरणों में तमाम टिप्स देने के बाद गोपनीय तरीके से इनके व्यवहार को परखा जाएगा । जरूरत पडने पर पर्सनल काउंसलिंग भी की जाएगी। अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख प्रो. राजेश हर्ष वर्धन , एलबीएस मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की निदेशक डा. तृप्ति बर्थवाल, डा.रेड्डीज फाउंडेशन फार हेल्थ एजूकेशन के साइकोलाजिस्ट डा. राजेश पटेल और डा. विनय कुमार ने टिप्स देते हुए कहा कि 90 फीसदी बीमारी पर ध्यान दिया है जबकि इलाज मरीज का होता है। हर मरीज की मनोदशा अलग होती है। इनकी मनोदशा पर ध्यान दिया जाए तो इलाज का असर अधिक होगा। हर मरीज के यदि नर्सेज अपना शब्द जोड़ ले तो नर्से के व्यवहार में बदलाव स्वतः आ जाएगा। विशेषज्ञों ने कहा कि खुद के स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए व्यायाम, योगा शामिल करें। सुनने की क्षमता, सहानभूति रखें। मरीज और तीमारदार के लिए अस्पताल पहला या दूसरा अनुभव रहता यह ध्यान  रखें तभी उनसे अाप सहानभूति रख सकेंगे। 
  
सुबह उठना सबसे बडी चुनोती

कार्यशाला के दौरान हुए सर्वे में 80 फीसदी नर्सेज ने कहा कि सुबह उठना सबसे बडी चुनौती और टाइम पर ड्यूटी पर पहुंचना है। विशेषज्ञों ने बताया कि टाइम मैनेजमेंट यानि 10 बजे खुद और बच्चे को सुला दें तो सुबह अपने अाप 6 बजे उठ जाएगी तो घर के काम के साथ मार्निंग ड्यूटी पर टाइम से होगी। 

गुस्सा हम अपने से कमजोर पर निकालते है
विशेषज्ञों ने कहा कि काम का प्रेशर है इस लिए गुस्सा है दो मिनत आंख बंद करके सोचें कि बिना इस काम हम क्या खुश रहेंगे जबाब मिल जाएगा। गुस्सा हम अपने से कमजोर को दिखाते है हर मरीज और तीमारदार को अपने से मजबूत मानें और उन्हें एक ग्राहक मान कर व्यवहार करें ।  

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