35 फीसदी पीएचसी पर उपलब्ध नहीं सुरक्षित प्रसव के लिए दवा और समान
38 जिलों को 284 स्वासथ्य केंद्र पर शोध के बाद हुआ खुलासा
दूर इलाकों में सप्लाई चेन पर विशेष ध्यान की दी सलाह
कुमार संजय। लखनऊ
प्रदेश के 35 से 40 फीसदी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सीएचसी( कम्युनिटि हेल्थ सेंटर) , सीएचसी या फर्सट रेफरल यूनिट में बीपी नापने की मशीन, डिलेवरीट्रे, अईवी फ्लूड, आक्टोसिटन, मैगशियम सल्फेट और एंटीबायोटिक जैसी जरूरी प्रसव के लिए आवश्यक वस्तुएं और दवाएं उपलब्ध नहीं रहती हैं। इस बातका खुलासा अमेरिका , दिल्ली और लखनऊ सहित कई संस्थानों के विशेषज्ञों ने प्रदेश के 38 जिलों के 85 पीएचसी, 137 सीएचसी और 62 सीएचसी या एफआरयूसेंटर पर शोध के बाद हाल में मैटर्नल एंड चाइल्ड हेल्थ जर्नल में एवेलबिलिटि आफ सेफ चाइल्ड बर्थ सप्लाई इन 284 फैसीलिटिस इंन उत्तर प्रदेश शीर्षक से जारी किया है। शोध पत्र में कहा गया है कि प्रदेश दूर स्थित सीएचसी , पीएचसी में सप्लाई चेन प्रभावित होने की आशंका बनी रहती है जिस परविशेष ध्यान देने की जरूरत है। सप्लाई चेन बाधित होने से मां और शिशु के जीवन खतरे में पड़ सकता है।
डब्लूएचअो में जारी किया था चेक लिस्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सुरक्षित प्रसव के लिए गर्भावस्था के दौरान, प्रसव के दौरान और प्रसव के बाद सही देख भाल के लिए23 वस्तुओं और दवाअों कीचेक लिस्ट बनायी है। इन्ही वस्तुओं की उपलब्धता जानने के लिए विशेषज्ञों ने कुल 284 स्वास्थ्य केंद्रो का सर्वे किया। 23 वस्तुओं, दवाअों को मैटर्नल, न्यूबार्न और इंफेक्शन कंट्रोल श्रेणी में बांटा गया है। मैटर्नल श्रेणी में बीपी एपरेटस, आक्सीजन सिलेंडर, डिलेवरी ट्रे. आईवी फ्लूड, मैगनेशिय़म सल्फेट,आक्सीटोसिन, एंडीबायोटिक, पेरेटोग्राफ आठ वस्तु एवं दवाएं शामिल है। न्यू बार्न की श्रेणी में नौ वस्तु एवं दवाएं है जिसमें सक्शन मशीन, एंबू बैग, लेवल,तौलिया, कार्ड कलैंप, नाइफ, वेट स्केल, बेबी वार्मिंग , विटामिन के शामिल है। इंफेक्शन कंट्रोल की श्रेणी में 6 आइटम शामिल है।
कहां मिली कैसी उपलब्धता
एफआरयू(62) सीएचसी(137) पीएचसी(85)
इंफेक्शन कंट्रोल 88.2 76.2 75.8
न्यू बार्न 84.2 78.2 76.7
मैटर्नल केयर 70 62.0 60.8
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें