पीजीाई में क्लीनिकल स्किल अपडेट आन फिजियोथिरेपी टेक्निक्स पर सीएमई
गर्भवस्था के दौरान फिजियोथिरेपी से कम होती है 40 फीसदी सीजेरियन की आशंका
प्रसव के बाद नहीं बैडोल रहेगा फिजिक
फिजियोथिरेपी से 50 फीसदी बीमारी से निजात
सीएमई का उद्घाटन अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख प्रो. राजेश हर्ष वर्धन, कार्डियक सर्जन प्रो.एसके अग्रवाल, निश्चेतना विभाग के प्रो. देवेंद्र गुप्ता और एमएस डा.एके भट्ट, एमएस डा.एके भट्ट ने करते हुए कहा कि फिजियोथिरेपी के जरिए 40 से 50 फीसदी परेशानी से छुटकारा मिल सकता है। कहा कि तंत्रिका तंत्र की कमजोरी, अास्टियो अर्थराइिटस सहित कई परेशानी जिसमें दवा काम नहीं करती उसमें यह विधा काफी कारगर सबित हो रही है।
वेंटीलेटर पर कम दिन रहेगा मरीज
डा. बृजेश त्रिपाटी, डा. संदीप शर्मा और डा. राजेंद्र कुमार ने बताया कि आईसीयू में वेंटीलेटर पर रहने वाले मरीजों में सही तरीके से फिजियोथिरेपी देकर निमोनिया, निमोनिक पैच, लंग कोलेप्स सहित तमाम परेशानियों को कम किया जा सकता है। देखा गया है कि सही तरीके से फिजियोथिरेपी देने से वेंटीलेटर पर रहने का सामय 40 फीसदी तक कम किया जा सकता है। फेफडे में संक्रमित स्राव होता है जिसे इस तकनीक से स्राव को फेफडे से निकाल कर ट्रेकिया में लाते जहां से सक्शन कर स्राव को बाहर निकाल देते है इससे फेफडे में संक्रमण की आशंका कम हो जाती है। कहा कि हर आईसीयू में फिजियोथिरेपी विशेषज्ञ की तैनाती होनी चाहिए।
मिलता है कब्ज और सिर दर्द से छुटकारा
डा. संतोष उपाध्याय ने बताया कि फिजियोथिरेपी की भूमिका शरीर के जो़ड़ो तक ही सिमित नहीं है। पेट आदि जहां जोड़ नहीं है उसकी फिजियोथिरेपी कर शरीर के भीतरी अंगो को मोबलाइज कर कब्ज, अपच, भूख न लगना, शरीर में दर्द और सिर दर्द की परेशानी दूर की जा सकती है। सिर दर्द के 40 फीसदी मामलों में पेट की परेशानी कारण साबित होती है। इस तकनीक को विसरल मैनुपुलेशन कहते हैं।
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