मंगलवार, 23 अक्तूबर 2018

इंडियन सोसाइटी अाफ हाइपरटेंशन ने पीजीआई विशेषज्ञों को समर्पित किया जर्नल

इंडियन सोसाइटी अाफ हाइपरटेंशन ने पीजीआई विशेषज्ञों को समर्पित किया जर्नल

पहली बार केवल पीजीआई के  विशेषज्ञों को किया गया शामिल
उच्च रक्तचाप से निपटने के लिए दिए विशेषज्ञों ने टिप्स
जागरण संवाददाता। लखनऊ



उच्च रक्त चाप के कारण होने वाली तमाम परेशानियों और इससे निपटने की जानकारी के विस्तार के लिए इंडियन सोसाइटी अाफ हाइपरटेंशन एंड वर्ड हाइपरटेंशन लीग ने 
पहली बार अपने मेडिकल जर्नल हाइपरटेंशन को  संजय गांधी पीजीआई के विशेषज्ञों को समर्पित किया है। जर्नल में संस्थान में विशेषज्ञों के लेख को स्थान दिया गया है। एडीटोरियल टीम में संस्थान के हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो. सत्येंद्र तिवारी शामिल है। जर्नल की प्रति संस्थान को निदेशक प्रो. राकेश कपूर को प्रो.तिवारी ने सौंपा। निदेशक ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है। इंटरनेशन जर्नल केवल संस्थान के विशेषज्ञों को स्थान दिया है । इससे उत्तर भारत में उच्च रक्तचाप के कारण और निवारण की जानकारी चिकित्सा जगत के लोगों को मिलेगी। इसमें सामान्य अस्पताल  डा. प्रेरणा कपूर, हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो. आदित्य कपूर, इंडोक्राइनोलाजिस्ट प्रो.सुभाष यादव, प्रो.सुशील गुप्ता,
न्यूरोलाजिस्ट  प्रो.वीके पालीवाल, प्रो.सुनील प्रधान, नेफ्रोलाजिस्ट  धर्मेंद्र भदौरिया, प्रो. मानस रंजन पटेल, प्रो.अमित गुप्ता ने अपने अनुभव बताया है। 

शहरी 20 फीसदी लोग उच्च रक्त चाप के चपेट में

विशेषज्ञों ने बताा कि 22.9 फीसदी पुरूष 23.6 फीसदी महिलाएं उच्च रक्तचाप के चपेट में हैं। शहरी क्षेत्र के लोग अधिक उच्च रक्तचाप के चपेट में देखा गया कि शहरी क्षेत्र के 20 से 25 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्र के 10 से 12 फीसदी उच्च रक्त चाप के चपेट में है। विशेषज्ञों ने बताया कि उच्च रक्च चाप नियंत्रित न रहने पर ब्रेन स्ट्रोक, किडनी की खराबी , दिल की बीमारी की आशंका बढ़ जाती है। देखा गया है कि ब्रेन स्ट्रोक का सबसे बडा कारण उच्च रक्च  चाप साबित हो रहा है।    

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