क्रिटकल केयर का हुनर प्रदेश के डाक्टरों को सिखाएगा पीजीआई
एक्यूट क्रटिकल केयर कोर्स का नोडल सेंटर बना पीजीआई
कम होगी आईसीयू में भर्ती की जरूरत
कुमार संजय । लखनऊ
भारतीय मूल के इन विदेशीयों ने चलाई मुहिम
इंग्लैंड के प्रो. महेश निर्मल, डा. अजय शर्मा, लंदन के डा.शैलवा कुमार, आस्ट्रेलिया के डा. शांतनु भट्टाचार्य, यूके से गीता शेट्टी सभी अपने क्षेत्र के माहिर लोग है। इनका कहना है कि सभी डाक्टर चाहे वह मेडिसिन का हो या सर्जन सभी को क्रिटकल केयर अाना चाहिए इससे इलाज की सफलता दर बढ़ती है । इसके लिए हम लोगों पूरा प्रोटोकाल बनाया है जिसमें ए से लेकर जे तक ट्रिप्स है। सबसे अहम है खून, एक्स-रे जांच लास्ट स्टेप है लेकिन भारत में यह स्टेप पहले है। जांच से पहले क्या करना है इसके बारे में पूरी जानकारी दी गयी है।
20 फीसदी को पड़ती है क्रिटिकल केयर की जरूरत
कोर्स को-आर्डीनेटर एनेस्थेसिया विभाग के प्रो.संदीप साहू ने बताया कि इलाज के लिए आने वाले कुल मरीजों में लगबघ 20 फीसदी मरीज एेसे होते है जिनको क्रिटकल केयर की जरूरत पड़ती है। अधिक बीमारी पड़ने और मौत में काफी दूरी होती है समय पर मैनेजमेंट कर इनको बचाया जा सकता है। बताया कि विदेशों में एक्टूट क्रिटकल केयर ट्रेनिंग के बाद भी प्रैक्टिस करने की अनुमति मिलती है लेकिन हमारे देश में एेसा नहीं है। इसी लक्ष्य को स्थापित करने के लिए प्रदेश के सभी डाक्टर को ट्रेनिंग देने का सिलसिला शुरू किया है। 40 लोगों को ट्रेंड किया है यह आगे दूसरे डाक्टर को ट्रेनिंग देने के लिए कोर्स का आायोजन करेंगे। हम हर स्तर पर सहयोग करेंगे।
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