विश्व में लाइलाज आईएलडी बीमारी के लिए पीजीआई ने खोजी
उम्मीद
पीजीआई के क्लीनिकल इम्यूनोलाजिस्ट के नुस्खे से मिल रही है
राहत
शुरूअाती दौर के परिणाम से जगी उम्मीद
पूरे विश्व को पीजीआई दिखा सकता है राह
फिलहाल फेफडे की खास तरह की बीमारी आईएलडी का विश्व में कोई खास इलाज नहीं है।
इस बीमारी के इलाज के लिए पूरे विश्व में साइक्लोफास्फोमाइड दिया जाता है लेकिन इस
दवा से बीमारी बढ़ने की दर में कुछ की कमी देखी गयी है। इस बीमारी से ग्रस्त होने
पर व्यक्ति का फेफडा
पांच से सात साल में काम करना बंद कर देता है जिससे
मौत हो जाती है। संजय गांधी पीजीआई के क्लीनिकल इम्यूनोलाजिस्ट प्रो. विकास
अग्रवाल और शोध छात्र ने इन मरीजों को एेसी खास दवा खोजी है जिससे मरीज के बीमारी
के कारण होने वाली परेशानियों में कमी देखी गयी है। इस नए नुस्खे के
जरिए अजमाइस उन मरीजों पर की गयी है जिसमें स्किलोरोडर्मा के साथ आईएलडी की परेशानी थी। विशेषज्ञ ने खास नुस्खे मरीज को चार से पांच
फीसदी तक अाराम मिला अभी तक विश्व में एेसा कोई नुस्खा नहीं था जिसमें मरीज को
अाराम मिले। एक मरीज ने बताया कि वह दस कदम भी चलने में असमर्थ लेकिन नए नुस्खे से
वह अाधा किमी तक चल सकती है। प्रो. विकास का कहना है कि शुरूअाती दौर के परिणाम
काफी उत्साह जनक है लेकिन अभी इसका पूरा खुलासा करना संभव नहीं है क्योंकि इसके
लिए अधिक शोध की जरूरत है। खुद के द्वारा तैयार किया नुस्खा केवल इस लिए देना
मजबूरी था क्यों कि इसका कोई इलाज नहीं था और हम डाक्टर के नाते किसी मरीज को
परेशान देख नहीं सकते । मरीज को बताया कि कोई इलाज मेरे पास कुछ एेसी दवा है जिसे
ट्राइ कर सकते है । मरीज और उनके परिजन की अनुमति के बाद नए कंबीनेशन को ट्राइ
किय़ा। इस लिए अपने अनुभव को देखते गुए खुद तैयार किया गया कंबीनेशन दिया जिससे
मरीज को अाराम मिला। इस नए नुस्खे से कई लोगों को राहत मिल रही है।
क्या होता है अाईएलडी
अाईएलडी( इंटेरइस्टीसियल लंग डिजीज) फेफडे की बीमारी है
जिसे इसमें स्थित सूक्ष्म रक्त वाहिकाएं कडी हो कर बंद हो
जाती है जिससे फेफडा पूरी तरह अाक्सीजन नहीं ले पाता है और मरीज के शरीर में
अाक्सीजन की कमी होने लगती है। बीमारी बढने के साथ फेफडा पूरी तरह काम करना बंद कर
देता है।
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