बुधवार, 11 अप्रैल 2018

जापानी इंसेफेलाइिटस से बचा सकती है गाय

गाय जेई से करेगी बचाव


एक्यूट इंसेफेलाइिटस के इलाज से पहले कारण की जांच है जरूरी 


जागरणसंवाददाता। लखनऊ

गौ सेवा से अाप अपने और अपने परिवार को जपानी इंसेफेलाइिटस से बचा सकते हैं। देखा गया है कि जहां पर गाय की संख्या अधिक होती है वहां पर जेई का प्रकोप कम होता है। संजय गांधी पीजीआई में अायोजित एडवांस पिडियाट्रिक केयर पर अायोजत वर्कशाप में न्यूरोलाजी विभाग के प्रमुख प्रो.सुनील प्रधान ने सलाह दिया कि गाय पालन को बढावा देकर काफी हद तक जेई के प्रकोप को कम कर सकता है। मच्छर पहले गाय को काटता है लेकिन गाय में जेई का वायरस नहीं होता है इसलिए मच्छर जब मनुष्य को काटता है तो उसमें जेई वायरस नहीं जाता है। जेई वायरस सूअर में रहता है जिससे मच्छर के जरिए मनुष्य में पहुंचता है।  सूअर पालन अाबादी से दूर होना चाहिए । प्रो. प्रधान ने कहा कि जेई से बचाव के लिए मच्छर दानी के इस्तेमाल को बढावा देने के साथ ही लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। विभाग के प्रो. संजीव झा, प्रो.वीके पालीवाल और प्रो.विनीता ने बताया कि एक्यूट इंसेफेलाइटिस के लक्षण वाले बच्चों का इलाज शुरू करने से पहले कारण का पता करना जरूरी है। जांच की सुविधा हर जिले में होनी चाहिए। इंसेफेलाइिटस वायरस के अलावा बैक्टीरिया से होते है। बैक्टीरिया के कारण होने वाले इंसेफेलाइटिस एंटीबायोटिक से काफी हद तक ठीक हो जाते है। वायरल इंसेफेलाइिटस से बचने के बाद बच्चों में विकलांगता अा जाती है जिसमें मांस पेशियों में कडा पन, कंपन सहित कई परेशानी को दवा और एक्सरसाइज से काफी हद तक अाराम दिलाया जा सकता है।

पेशेंट सेफ्टी के मानको का हो पालन

 प्रो. राजेश हर्ष वर्धन ने कहा कि अस्पताल में सामान्य इलाज या आईसीयू में अाने वाले मरीजों के लिए पेशेंट सेफ्टी के मानको का इस्तेमाल 66  फीसदी अस्पतालों में मानक के अनुरूप नहीं हो रहा है। कहा कि पेशेंट सेफ्टी में संक्रमण की रोक -थाम, अनजाने में गलत इलाज सहित कई मानक हैं।   

50 फीसदी में होता है बैक्टीरिया इंसेफेलाइिटस

विशेषज्ञों ने कहा कि एक्यूट इंसेफेलाइिस कई कारण से होता है। जेई के अलावा वेस्टनाइल वायरस, चांदीपुरा वायरस, नीफा वायरस भी इंसेफेलाइिटस का कारण होता है। इसके अलावा टीबी, स्क्रब टाइफी, लेप्टोस्पाइjरेसिस सहित अन्य बैक्टीरिया भी जिम्मेदार होते है। देखा गया है कि 30 फीसदी लोगों में स्क्रब टाइफी कारण साबित हो रहा है जिसमें केवल डाक्सी साइक्लीन से मरीज ठीक हो जाता है। देखा गया है कि 50 फीसदी लोगों में इंसेफेलाइिटस का कारण बैक्टीरिया होता है। विशेषज्ञों ने कहा कि इलाज की प्रक्रिया में मरीज की तीमारदार को भी शामिल करें । 

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