21.5 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल पर है मौजूदा एक्साइज ड्यूटी, वैट वसूली 27 फीसदी
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कच्चे तेल के दाम गिरे, फिर बढ़ोतरी क्यों
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रोज दाम बदलने से किसे फायदा पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के बाद पेट्रोलियम मंत्री ने भले ही इसके लिए तेल कंपनियों को जिम्मेदार ठहरा दिया हो लेकिन अब इस पर सवाल उठ रहा है कि जब कच्चे तेल के दाम गिरे हैं तो फिर भी बढ़ोतरी क्यों की गई है। दरअसल सरकार ने 16 जून से डायनमिक फ्यूल प्राइस का फॉर्म्युला अपनाया था, जिसमें डेली बेसिस पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों की समीक्षा हो रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें इंटरनैशनल मार्केट पर निर्भर है। कच्चे तेल के दाम गिरते हैं तो यहां भी पेट्रोल और डीजल के कम होते हैं, मगर अब नजारा कुछ अलग लग रहा है। कमोडिटी मार्केट के एक्सपर्ट एस. वेंकेटेश का कहना है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें मुख्य तौर पर क्रूड ऑयल और रुपये पर निर्भर हैं, मगर पिछले 6 महीने में क्रूड में 1.36 फीसदी की गिरावट रही है। वहीं रुपया पिछले 6 महीने में रुपया 2.94 फीसदी मजबूत हुआ है। ऐसे में अहम सवाल है कि फिर क्यों यह मूल्यवृद्धि। यह कैसा खेल अक्टूबर 2014 में कच्चे तेल के दाम इंटरनैशनल मार्केट में 108 डालर प्रति बैरल था। तब दिल्ली में पेट्रोल के दाम 76.10 रुपये था। अब जबकि कच्चे तेल के दाम 54 डालर प्रति बैरल है, दिल्ली में पेट्रोल के दाम 70.38 रुपये प्रति लीटर है। दिल्ली में डीजल की मौजूदा कीमत 58.6 रुपये प्रति लीटर है, जबकि अक्टूबर 2014 में दाम 59 रुपये प्रति लीटर था। |
बुधवार, 13 सितंबर 2017
30 रूपए के पेट्रोल को 70 में बेच रही है सरकार
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