मंगलवार, 30 जनवरी 2024

PGI will reveal the secret of the virus- ICMR gave a budget of Rs 3 crore 80 lakh for virology research and diagnostic lab.

 












PGI will reveal the secret of the virus


  ICMR gave a budget of Rs 3 crore 80 lakh for virology research and diagnostic lab.



Microbiologist Prof. Atul Garg has the highest number of Estramuller grants.


 


Many times you must have heard that due to fever in a particular area,


 The reason people are worried is that they are not able to find out the reason.


 Health department team took samples of the people there and went viral


 Research institutes are sent to institutes like Pune or Delhi. Now


 It will be possible to trace any unknown cause in the state.


 Virology Research at Sanjay Gandhi PGI Sanjay Gandhi PGI


 And diagnostic lab is going to be established. After the establishment of this lab


 Microbiology Department Prof. Atul Garg proposed to ICMR


 Was sent which was accepted. ICMR three crore eighty


 Lakh budget has also been released. To bring maximum budget for research


 For Prof. Garg received the President's Award of Maximus Extramural Grant


 Was also honored in. Pro. Atul told that a budget of Rs 1.5 crore has arrived and the work has started. The entire lab should be ready by next year


 Will go. After the lab is built, we will still test for the virus.


 For this, many viruses are tested including Corona, Herpes, Swine Flu.


 Virology Lab is a big laboratory including the strain (type) of the virus. After the construction of the new lab,


 Testing facility will be available at the level.


what is virus


Viruses are microscopic organisms that can infect humans and animals. they a


 Genetic information (DNA or


 A small piece of RNA. Some viruses also have an envelope


 Is. Viruses cannot develop without a host.


 


There are so many types of viruses


 Viruses have similar characteristics, such as size, shape and the


 are grouped into categories based on the type of genetic material they contain


 


-influenza virus


-human herpes virus


-Corona virus


-human papillomavirus


-enterovirus


-flavivirus


-Orthopoxvirus

वायरस का राज खोलेगा पीजीआई- वायरोलाजी लैब की हो रही स्थापना

 




पीजीआई खोलेगा वायरस का राज

  वायरोलाजी रिसर्च एवं  डायग्नोस्टिक लैब के लिए आईसीएमआर ने दिया 3 करोड़ 80 लाख का बजट

माइक्रोबायोलॉजिस्ट प्रो. अतुल गर्ग सबसे अधिक एस्ट्रामुलर ग्रांट लाने वाले 

 

कई बार आप ने सुना होगा कि किसी खास इलाके में  बुखार के

 कारण लोग परेशान है कारण का पता नहीं लग पा रहा है ऐसे में

 स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां के लोगों के नमूने लेकर वायरल

 रिसर्च इंस्टीट्यूट पुणे या दिल्ली जैसे संस्थान में भेजे जाते है। अब

 किसी भी अनजान कारण का पता लगाना प्रदेश में संभव होगा।

 संजय गांधी पीजीआई में संजय गांधी पीजीआई में वायरोलाजी रिसर्च

 एवं  डायग्नोस्टिक लैब की स्थापना होने जा रही है। इस लैब के स्थापना के

 लिए  माइक्रोबायोलॉजी विभाग  प्रो. अतुल गर्ग ने आईसीएमआर को प्रस्ताव

 भेजा था जिसे स्वीकार कर लिया गया । आईसीएमआर ने  तीन करोड़ अस्सी

 लाख बजट भी जारी कर दिया है।  रिसर्च के लिए सबसे अधिक बजट लाने के

 लिए प्रो. गर्ग को प्रेसिडेंट एवार्ड आफ मैक्सिमस एक्ट्रामुलर ग्रांट से हाल ङी

 में  सम्मानित भी किया गया । प्रो. अतुल ने बताया कि 1.5 करोड़ का बजट आ चुका जिससे काम शुरू हो गया है । अगले साल तक पूरी लैब तैयार हो

 जाएगी।  लैब बनने के बाद वायरस की जांच भी होगी अभी भी हम लोग

 कोरोना, हरपीज , स्वाइन फ्लू सहित कई वायरस की जांच करते है इसके लिए

 वायरोलाजी लैब है नई लैब बनने के बाद वायरस का स्ट्रेन ( प्रकार) सहित बडे

 स्तर पर जांच की सुविधा उपलब्ध होगी।

क्या है वायरस

वायरस सूक्ष्म जीव हैं जो मनुष्यों, जानवरों को संक्रमित कर सकते हैं। वे एक

 सुरक्षात्मक खोल (कैप्सिड) के अंदर आनुवंशिक जानकारी (डीएनए या

 आरएनए) का एक छोटा सा टुकड़ा हैं। कुछ वायरस में एक आवरण भी होता

 है। होस्ट के बिना वायरस विकास  नहीं कर सकते।

 

इतने तरह के होते है वायरस

 वायरस को समान विशेषताओंजैसे आकारआकार और उनके द्वारा ले जाने

 वाली आनुवंशिक सामग्री के प्रकार के आधार पर श्रेणियों में समूहित करते हैं

 

-इन्फ्लूएंजा वायरस

-मानव हर्पीस वायरस

-कोरोना वायरस

-मानव पेपिलोमावायरस

-एंटरोवायरस

-फ्लेवीवायरस

-ऑर्थोपॉक्सवायरस

Pgi Free consultation and medicines will be provided to Hepatitis B and Hepatitis C patien

 






The treatment center under the National Viral Hepatitis Control Program (NVHCP) was inaugurated today under the aegis of the Department of Hepatology, SGPGIMS, Lucknow. Under the program, free DNA testing for Hepatitis B and RNA testing for Hepatitis C will be done. Free consultation and medicines will be provided to Hepatitis B and Hepatitis C patients. The program aims to combat hepatitis and achieve countrywide elimination of Hepatitis C by 2030. The patients willing to avail these services need to register themselves in Hepatology OPD on Monday and Friday.

        The NVHCP center inauguration was attended by Dr. Brijesh Rathore (UP-DGMH), Dean of SGPGIMS Prof. Shaleen Kumar, Medical Superintendent Prof. V.K. Paliwal, Prof. Rajan Saxena (HOD Surgical gastroenterology), Dr. Vikasendu Agarwal (Nodal Officer UP-NVHCP), Prof. Amit Goel (HOD Hepatology), Assistant Profs Hepatology Dr. Surender Singh and Dr. Ajay Mishra. The Director, SGPGI Professor R K Dhiman expressed his happiness on this initiative taken by the department and hoped that patients suffering with Hepatitis B and C will be benefitted by free investigations and treatment facilities under this progr


शुक्रवार, 26 जनवरी 2024

पीजीआई के 38 कर्मचारी और अधिकारी का हुआ सम्मान

 


पीजीआई के 38 कर्मचारी और अधिकारी का हुआ सम्मान


 संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ  में आज देश का 75वां गणतंत्र दिवस पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। संस्थान के निदेशक प्रो आर के धीमन ने परंपरागत रूप से ध्वजारोहण किया और संस्थान परिवार के सदस्यों को राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढाने के लिये दृढ़ संकल्प रखने की शपथ दिलाई। 

राष्ट्रगान के पश्चात उपस्थित संकाय सदस्यों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने पिछले एक वर्ष की उपलब्धियों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया।

इमरजैंसी मेडिसिन एवं रीनल ट्रांसप्लांट सेन्टर की प्रगति के विषय मे उन्होने कहा कि धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से इमरजेंसी बेड्स का विस्तार किया जा रहा है। EMRTC में इन्टरवेन्शनल नेफ्रोलौजी शुरू करने के लिये नेफ्रोलौजी विभाग की सराहना की।

उन्होंने एडवांस डायबिटिक सेंटर के विषय में भी जानकारी दी, जिसमें  डायबिटीज से संबंधित हर बीमारी के लिए एक ही छत के नीचे समस्त उपचार सुविधाएं होंगी। यह सेंटर फरवरी माह तक कार्य करने लगेगा।

हब और स्पोक मॉडल पर आधारित टेली आई सी यू के विषय में भी उन्होंने कहा कि पीजीआई और उत्तर प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेजो के बीच में 100 बेड्स का टेली ICU भी एक बड़ी उपलब्धि है, जो बहुत शीघ्र ही क्रियाशील हो जायेगा। 


उन्होने सूचित किया कि head and neck surgery व infectious diseases विभागों के सृजन की प्रक्रिया भी चल रही है। इन्हें क्रियाशील बनाने के लिए संकाय सदस्यों की भर्ती की प्रक्रियारत है। इन विभागों  के आने से बेड्स की संख्या में बढ़ोतरी होगी। इस समय संस्थान में 2273 बेड्स क्रियाशील है। 

उन्होंने संस्थान के सभी विभागाध्यक्षों से निवेदन किया कि वह "मेक इन इंडिया" कैंपेन का हिस्सा बनते हुए यहां नवाचार को बढावा दे और रोगी सेवा में तकनीक के सर्वोत्तम इस्तेमाल  हेतु  STPI (Incubation centre ) के उद्देश्य को पूरा करने में सहयोग करें।

निदेशक महोदय ने रोबोटिक सर्जरी को बढ़ाने के लिए दो रोबोट और लाने के बात कही। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही हम गामा नाइफ को भी पीजीआई में उपलब्ध करा पायेगे।

इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।

 इस अवसर पर संस्थान परिवार  के  कर्मठ सदस्यों को उनके उत्कृष्ट व उत्तम कार्य निष्पादन के लिए सम्मानित किया गया। कर्मचारी संघ के पूर्व महामंत्री धर्मेश कुमार, नर्सिंग नेता सीमा शुक्ला ने बधाई दिया।


इस अवसर पर संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजय धीराज , संयुक्त निदेशक, प्रशासन, प्रोफेसर रजनीश कुमार सिंह, चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर वी के पालीवाल, एक्जक्यूटिव रजिस्ट्रार  कर्नल वरूण बाजपेयी, संकाय अध्यक्ष प्रो शालीन कुमार व अन्य संकाय सदस्य भी उपस्थित थे।



1. श्री भानु प्रताप सिंह वाहन कोषांग संविदा चालक

2. श्री विनय यादव

(संविदात्मक)

मेडिकल कॉलेज

तकनीकी

तथ्य दाखिला प्रचालक

3. श्री प्रदीप कुमार सिंह गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डाटा एंट्री ऑपरेटर

4. श्री दिनेश कुमार. वर्मा एस्टेट डिपार्टमेंट अटेंडेंट ग्रेड-I

5. श्री रमेश कुमार अपर निदेशक कार्यालय परिचारक ग्रेड-I 

6. श्री राम सुचित यादव संविदा सेल कार्यालय परिचारक ग्रेड-

7. श्री विष्णु नारायण बाल चिकित्सा गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कार्यालय परिचारक ग्रेड- I

8. श्री मुनीश कुमार रेडियोथेरेपी सीनियर अटेंडेंट

9. श्री ओम प्रकाश निदेशक कार्यालय वरिष्ठ परिचारक ग्रेड-I

10. श्री अवधेश कुमार

गौतम

बागवानी बागवानी निरीक्षक

11. श्री अनुपम त्रिवेदी जेडी(ए) (विधि प्रकोष्ठ) कनिष्ठ प्रशासनिक

अफ़सर

12. श्री गुरु प्रसाद नर्सरी स्कूल जूनियर प्रशासनिक

अफ़सर


13. श्री विनोद त्रिवेदी क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी एवं

संधिवातीयशास्त्र

कनिष्ठ प्रशासनिक

अफ़सर


14. श्री सतीश चन्द्र नेफ्रोलॉजी कनिष्ठ प्रशासनिक

अफ़सर

15. श्री बी.पी. भुवन फाइनेंस (अनुसंधान

खाता)

कनिष्ठ लेखा अधिकारी

16. श्री एम.एस. सिद्दीकी एंडोक्राइन सर्जरी सहायक। प्रशासनिक

अफ़सर


17. श्री सुंदर लाल ईआर सहायक प्रशासनिक

अफ़सर


18. श्री श्याम बिहारी

चौधरी

इंजीनियरिंग (इलेक्ट्रिकल) सहायक प्रशासनिक

अफ़सर


19. श्री सुशील कुमार सिंह MSW संवर्ग

(एंडोक्रिनोलॉजी ओपीडी)


20. श्री महेंद्र वर्मा एनेस्थिसियोलॉजी पर्सनल

21. श्री शिव राज सिंह

परिहार

सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी निजी सचिव

22. सुश्री वंदना शर्मा आपातकालीन विभाग वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी

23. श्रीमती कलावती पाल सीवीटीएस सहायक नर्सिंग अधीक्षक

24. श्रीमती नीमा पंत कार्डियोलॉजी सहायक नर्सिंग अधीक्षक

25. श्रीमती ज्योति बाला यादव सीसीएम सहायक नर्सिंग अधीक्षक

26. श्री ऋषि नातु वर्मा यूरोलॉजी सहायक। नर्सिंग अधीक्षक.

27. सुश्री मीरा प्रकाश जनरल अस्पताल सहायक नर्सिंग अधीक्षक। 8707061287

28. सुश्री अनीता वाल्टर एंडोक्रिनोलॉजी सहायक नर्सिंग अधीक्षक

(एस/आई)


29. श्री अंजना राणा

चौधरी

प्लास्टिक सर्जरी (ओटी) उप नर्सिंग अधीक्षक


31. सुश्री शशि यादव आण्विक चिकित्सा एवं

जैव प्रौद्योगिकी

तकनीकी अधिकारी

32. श्री राम दुलार पैथोलॉजी विभाग तकनीकी अधिकारी

33. श्री राकेश कुमार निगम न्यूरोलॉजी वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी

34. श्री राकेश कुमार

श्रीवास्तव

न्यूरोसर्जरी/न्यूरो-

ओटोलॉजी)

वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी

35. श्री जीतेन्द्र कुमार

उपाध्याय

ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी

36. श्री देबाशीष

चक्रवर्ती

रेडियो डायग्नोसिस वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी

37. श्री मलया घर माइक्रोबायोलॉजी मुख्य तकनीकी अधिकारी

38. श्री उत्तम कुमार न्यूक्लियर मेडिसिन मुख्य तकनीकी अधिकारी

रविवार, 14 जनवरी 2024

प्रसिद्ध शायर मुनव्वर राना का निधन

 प्रसिद्ध शायर मुनव्वर राना का  निधन 


छू नहीें सकती मौत भी आसानी से इसको
यह बच्चा अभी माँ की दुआ ओढ़े हुए है

तो अब इस गांव से रिश्ता हमारा खत्म हो गया


फिर आंख खोल ली जाय कि सपना खत्म हो गया




मुनव्वर राणा संजय गांधी पीजीआई में किडनी की परेशानी के बाद भर्ती थे वह लंबे समय से डायलिसिस पर थे बीच में तबीयत खराब होने पर उन्हें मेदांता में भर्ती कराया गया था फिर परिजन उनको पीजीआई लेकर आए थे। इनको फेफड़ों की दिक्कत भी होने लगी सांस लेने में परेशानी होने पर  इन्हें वेंटिलेटर पर भी रखा गया था। इतवार को रात 11 बजे उनका निधन हुआ।

 राना (जन्म: 26 नवंबर 1952, रायबरेली, उत्तर प्रदेश) उर्दू भाषा के साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता शाहदाबा के लिये उन्हें सन् 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।वे लखनऊ में रहते हैं।


भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय उनके बहुत से नजदीकी रिश्तेदार और पारिवारिक सदस्य देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए। लेकिन साम्प्रदायिक तनाव के बावजूद मुनव्वर राना के पिता ने अपने देश में रहने को ही अपना कर्तव्य माना। मुनव्वर राना की शुरुआती शिक्षा-दीक्षा कलकत्ता (नया नाम कोलकाता) में हुई। राना ने ग़ज़लों के अलावा संस्मरण भी लिखे हैं। उनके लेखन की लोकप्रियता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी रचनाओं का ऊर्दू के अलावा अन्य भाषाओं में भी अनुवाद हुआ है।

बुधवार, 10 जनवरी 2024

पीजीआई ने खोजा लिवर फेल्योर मरीजों के पेट में पानी भरने का कारण-आंत का सूजन कम कर दिलाएंगे लिवर खराबी के मरीजों को राहत

 पीजीआई ने खोजा लिवर फेल्योर मरीजों के पेट में पानी भरने का कारण




 आंत का सूजन कम कर दिलाएंगे  लिवर खराबी के मरीजों को राहत

लैक्टोज एवं मैनीटॉल अनुपात बताएगा  कितनी गंभीर होती परेशानी


संजय गांधी पीजीआई के चिकित्सा विज्ञानियों ने लिवर फेल्योर के मरीजों गंभीरता के कम करने का रास्ता खोज लिया है। विज्ञानियों ने पता लगा लिया है कि लिवर फेल्योर की दशा में पेट में पानी भर जाता है जिसे डॉक्टरी भाषा में एसाइटिस कहते है। पेट में पानी भरने के पीछे आंत जिम्मेदार है । आंत में सूजन जा जाता है जिसके कारण आंत की पारगम्यता बढ़ जाती है जिससे आंत के बैक्टीरिया रक्त प्रवाह में चले जाते है । इसके कारण संक्रमण होता है। रक्त प्रवाह की नसे चौडी हो जाती है जिसके कारण पेट में पानी भरता है। बीमारी गंभीर हो जाती है।  विज्ञानियों ने लीवर खराबी के दो सौ मरीजों  के रक्त एवं मूत्र का नमूना लेकर एनएमआर( न्यूक्लियर मैग्नेटिक) एवं एलाइजा परीक्षण किया। मूत्र में लैक्टोज एवं मैनीटॉल का अनुपात देखा जो बढ़ा हुआ मिला । इससे आंत की पारगम्यता बढ़ जाती है। एलाइजा परीक्षण कर देखा पाया कि रक्त में साइटोकाइन ( एक तरह के खास रसायन) टीएनएफ अल्फा, आईएफएन गामा , आईएल-6 सहित कई बढे हुए मिले इससे साबित होता है कि बैक्टीरिया आंत से रक्त प्रवाह में जा कर संक्रमण करते हैं। शोध विज्ञानियों का कहना है कि इस शोध से स्पष्ट हो गया कि लिवर की परेशानी को कम करने के लिए आंत पर फोकस करना होगा। इसके लिए आंत का सूजन करने की जरूरत है। इसके लिए भी हम लोगों ने एक ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल विकसित किया जिसके जरिए सौ से अधिक मरीजों को राहत मिल चुका है। इस ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल से उन मरीजों को फायदा होता है जो लिवर प्रत्यारोपण करना की स्थिति में नहीं है। लिवर फेल्योर के बाद भी जिंदगी बिना परेशानी के कुछ समय के लिए बढ़ जाती है।

इन विज्ञानियों ने किया शोध

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के पेट रोग विशेषज्ञ प्रो. गौरव पाण्डेय, क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी विभाग के प्रो. विकास अग्रवाल, सेंटर फार बायोमेडिकल रिसर्च के डा. दिनेश कुमार, गैस्ट्रोएनटोलजी विभाग के डा. दीपक बंसल, बीबीएयू के डा. अतुल रावत, सीबीएमआर के डा. दुर्गेश दुबे, सीबीएमआर के डा. अनुपम गुलेरिया के शोध को इंटरनेशन जर्नल  मैग्नेटिक रेजोनेंस इन केमिस्ट्री ने स्वीकार किया है। 

PGI discovered the reason of Asities in liver failure patients.

 







PGI discovered the reason  of Asities in liver failure patients


 Will reduce intestinal inflammation and provide relief to liver failure patients.


Lactose and mannitol ratio will tell how serious the problem is



Clinical and Medical  scientists of Sanjay Gandhi PGI And Centre For Bio medical Research have found a way to reduce the severity of liver failure patients. Scientists have discovered that in case of liver failure, the stomach gets filled with water, which is called ascites in medical language. The intestine is responsible for filling water in the stomach. The intestine becomes inflamed due to which the permeability of the intestine increases due to which the intestinal bacteria enter the bloodstream. This causes infection. The vessels for blood flow widen due to which the stomach fills with water. The disease becomes serious. Scientists took blood and urine samples of two hundred liver failure patients and conducted NMR (Nuclear Magnetic) and ELISA tests. The ratio of lactose and mannitol in urine was observed which was found increased. This increases intestinal permeability. By doing the ELISA test, it was found that cytokines (a type of special chemicals) including TNF alpha, IFN gamma, IL-6 were increased in the blood, which proves that the bacteria enter the bloodstream from the intestine and cause infection. Research scientists say that this research has made it clear that to reduce liver problems, focus will have to be on the intestines. This requires inflammation of the intestine. For this also, we developed a treatment protocol through which more than a hundred patients have got relief. This treatment protocol benefits patients who are not in a position to undergo liver transplantation. Even after liver failure, life increases for some time without any problems.


These scientists did research


Stomach specialist of the Department of Gastroenterology, Prof. Gaurav Pandey, Professor of Clinical Immunology Department. The research of Vikas Aggarwal, Dr. Dinesh Kumar of Center for Biomedical Research, Dr. Deepak Bansal of the Department of Gastroenterology, Dr. Atul Rawat of BBAU, Dr. Durgesh Dubey of CBMR, Dr. Anupam Guleria of CBMR has been published in the International Journal Magnetic Resonance in Chemistry. Has accepted.

बुधवार, 3 जनवरी 2024

पीजीआई में नर्सिंग स्टाफ का कार्यक्रम महिला समाज की रीढ़

  महिला समाज की रीढ़





संजय गांधी पीजीआई नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन ने   महिला सशक्तिकरण एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया इस आयोजन के मुख्य अतिथि प्रोफेसर आरके धीमान निदेशक एसजीपीजीआई एवं विशिष्ट अतिथि डॉ राजकुमार प्रमुख न्यूरोसर्जरी एवं इंचार्ज ट्रोमा सेंटर पी जी आई , प्रोफेसर डॉ बसंत पेडियाट्रिक सर्जरी एस जी पी जी आई एम एस, डॉक्टर प्याली भट्टाचार्य पेडियाट्रिशन एसजीपीजीआई डॉक्टर इंदु सुभाष श्रीमती श्रीमती शाइस्ता अम्मबर श्रीमती उषा टेकरी सी एन ओ मोजूद रहे।  मुख्य अतिथि महिला सशक्तिकरण पर कहा कि आज सावित्री बाई फुले के जन्मदिवस की सभी को वधाई हुए कहा कि अब महिलाएं शिक्षा के क्षेत्र में सशक्त हो रही है किसी भी एग्जाम के परिणाम को अगर हम देखते हैं तो महिलाएं आगे दिखाई देती हैं डॉक्टर प्याली भट्टाचार्य ने महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रम में वीरांगना महारानी अवंति बाई, महारानी लक्ष्मीबाई के योगदान की चर्चा आवश्यक है इनका शक्तिरूप हमने अपनी आंखों से देखा है ।हमे श्रीमतीसावित्री बाई फुले शिक्षा क्षेत्र, श्रीमती सरोजनी नायुडू राजनीति क्षेत्र, श्रीमती किरण बेदी प्रशासन क्षेत्र, श्रीमती बाई काशीबाई गणपत नर्सिंग सेवा क्षेत्र, सुश्री मदर टेरेसा समाज सेवा क्षेत्र में इनके द्वारा दिये गए महिला सशक्तिकरण के योगदान से हमे प्रेरणा लेना है । महिलाएं इस समाज की रीड़ है इसे मजबूत करेंगे तो यह देश विकास तेजी होगा। डॉ इंदु सुभाष, श्रीमती शाइस्ता अम्मबर श्रीमती उषा टेकरी ने कहा कि देश की सरकार महिला सशक्तिकरण एवं जागरूकता पर कानून बना चुकी है अब महिलाओं के प्रति समाज में पुरुषों की सोच बदलने की आवश्यकता है एवं सभी क्षेत्रों में जैसे शिक्षा ,अच्छा पालन पोषण , राजनीतिक, प्रशासनिक ,समाज सेवा एवं सांस्कृतिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है ।यूनियन द्वारा इस प्रोग्राम के आयोजन का उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए श्री सुजान सिंह ने कहा की अगर हमारे देश की महिला सभी क्षेत्रों में सशक्त होगी तो देश के विकास की गति तेज होगी क्योंकि महिला ही मां है और मां ही हर बच्चे की प्रथम टीचर है और एक सशक्त टीचर के द्वारा बच्चों को हर क्षेत्र की उचित शिक्षा देना शुरू होगा जिससे महिलाओं का सशक्तिकरण भी होगा , बच्चे, परिवार व देश का विकास होगा। इस विचारधारा को समाज व सरकार तक पहुंचाने का कार्य करने का उद्देश्य से आज के आयोजन को आयोजित किया गया जिसमें यूनियन के अध्यक्ष लता सचान, महामंत्री विवेक सागर , उपाध्यक्ष राजकुमार, ज्वाइंट सेक्रेटरी मनोज वर्मा एवं पूर्व अध्यक्ष अजय सिंह, कर्मचारी संघ के पूर्व महामंत्री धर्मेश कुमार  एवं समस्त यूनियन कार्यकारिणी व भारी संख्या में महिलाओं ने उत्साह के साथ उपस्थित रही।