रविवार, 22 नवंबर 2020

अब कृत्रिम त्वचा से भरेगा घाव दिखेगा स्पाट लेस- पीजीआई में कृत्रिम त्वचा का रोपण

 


अब कृत्रिम त्वचा से भरेगा घाव दिखेगा स्पाट लेस

पीजीआई में कृत्रिम त्वचा का रोपण


बस्ती जिले रहने वाले  राम स्वरूप के चहरे का  कैंसर निकला , जल्दी भरा घाव और नहीं रहेगा चहरे पर निशान । यह संभव हुआ है  कृत्रिम त्वचा के रोपण तकनीक से जिसे संजय गांधी पीजीआई के प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने स्थापित कर लिया है।  राम स्वरूप  वर्ष से मुंह कि त्वचा  कैंसर से ग्रस्त थे। यह कैंसर उनक के गाल और नाक के बीच के भाग मे में स्थित था। सामान्यतः ऐसे रोगी का आपरेशन दो चरणों मे किया जाता है जिसमें कि पहले चरण मे कैंसर को निकाला जाता है  दुसरे चरण मे कैसर निकालने  के बाद उत्पन्न घाव  में त्वचा प्रत्यारोपित कि जाती है इस पूरी प्रक्रिया में 2 से चार घंट का समय लग जाता है।  इस मरीज कैंसर निकालने के बाद कृत्रिम त्वचा (इंटिगरा) का सफल उपयोग किया गया और इसको लगाने से रोगी का घाव शीघ्र हीं भर गया। पहले त्वचा निकल जाने पर उसे ठीक करने के लिए फ्लैप तकनीक से त्वचा का रोपण करता था जिसमें तमाम तरह की परेशानी की आशंका रहती थी । विभाग के प्रमुख प्रो. राजीव अग्रवाल के मुताबिक फ्लैप तकनीक में त्वचा शरीर के किसी बाहरी अंग से निकाली जाती थी जहां से त्वचा लेते है वहां निशान पडता था साथ ही कई जहां रोपित की जाती थी वहां पर यह चिपकता नहीं था । इस तकनीक में चार से पांच घंटे लगने के बाद भी त्वचा रोपण की सफलता की आशंका रहती है। कृत्रिम त्वचा आ गयी है जिसे इंटिग्रा कहते है यह डर्मिस  का काम करती है । इसका रोपण करने के कुछ दिन बाद स्किन ग्राफटिंग की जाती है जिससे घाव जल्दी भरने के साथ किसी तरह का निशान नहीं रहता है। इंटिगरा एक बहुत ही  उपयोगी संसाधन है। सबी तरह के छोटे आकार के घाव कि प्लास्टिक सर्जरी में अत्यंत कारगर है।

 

 

3 से 4 सेंमी के घाव खुद जाते है भर   

 घाव का के भरने कि कुदरती क्षमता होती है और ऐसे सारे घाव जो अमुमन तीन से चार सेंटीमीटर तक चोडे होते है  वह व्यक्ति कि शारीरिक क्षमता से अपने आप ही  कुछ समय के  बाद भर जाते  है इन मानकों से अधिक बड़े होते है वे स्वतः नही भर पाते हैं उनमें त्वचा प्रत्यारोपण कि आवश्यकता हाती  है। अधिकांश घावों कि प्लास्टिक सर्जरी में त्वचा कि पतली परत हीं इस्तेमाल कि जाती हे और फ्लैप प्रोसिजर कम मात्रा में किया जाता हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें