पुरूष महिलाओं के मुकाबले अधिक होते है विकलांगता के शिकार
दो फीसदी लोग विकलांगता के शिकार
कुशीनगर विकलांगता के मामले में सबसे ऊपर और ज्योतिफुलेनगर सबसे कम
पुरूष महिलाओं के मुकाबले अधिक होते है विकलांगता के शिकार
कुमार संजय। लखनऊ
विकलांगता के दुख को समझने के लिए थोड़ी देर के लिए ही अपने एक पांव को
बाँधकर कुछ देर चल कर देखें या एक हाथ से दिन भर काम करें, शायद ऐसा करने से
भी आपको उनके कष्टों का मात्र एक प्रतिशत ही अनुभव होगा। विकलांगता को मुख्य:
दो भागों में बाँटा गया है. पहला शारीरिक और दूसरा मानसिक लेकिन विकलांगता
चाहे जो भी हो वह जीवन को अत्यंत दुश्वार बना देती है। आंकडे गवाही दे रहे है
कि प्रदेश के हर एक लाख में से 2081 लोग विकलांगता के शिकार है। दो फीसदी लोग
किसी न किसी विकलांगता के शिकार है। पूर्वाचल का कुशीनगर विकलांगता में पहले
स्थान पर है । पुरूष महिलाओं की मुकाबले अधिक विकलांगता के शिकार है। हाल में
ही जर्नल आफ पब्लिक हेल्थ एंड रिसर्च के शोध प्रिवलेंस आफ डिसएबिलिटी इन उत्तर
प्रदेश के शोध में बताया गया है कि सबसे अधिक सुनने की परेशानी 514 प्रति लाख
है। देखने की परेशानी 382 प्रति लाख और चलने फिरने में परेशानी में 339 प्रति
लाख लोगों में है। कारण के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कम उम्र में चोट और
अधिक उम्र में शारीरिक है जबकि मानसिक और बौद्धिक विकलांगता का कारण भी कई बार
जंम जात है तो कुछ लोगों में उम्र है। शोध रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक
विकलांगता के शिकार 60 से अधिक उम्र के लोग देखे गए है जिसमें सभी प्रकार की
विकलांगता शामिल है। विकलांगों के प्रति समाज का दृष्टि कोण बदलने के लिए हम
एक को अपने को बदलना होगा।
टाप 10 जिले प्रति लाख विकलांगता
कुशीनगर- 3922
गाज़ियाबाद- 3102
प्रयागराज-2992
बलिया-2802
आगरा-2748
कौशांबी-2666
लखनऊ-2616
वाराणसी-2615
जौनपुर-2600
कानपुर नगर-2449
सबसे कम विकलांगता वाले 10 जिले प्रति लाख
ज्योतिफुलेनगर-1447
बलरामपुर-1447
ललितपुर-1500
बांदा-1524
चित्र कूट-1566
संतकबीरनगर-1589
मुज़फ़्फरनगर-1602
हमीरपुर-1603
चंदौली-1636
आजमगढ़-1638
किस आयु वर्ग में कितनी है विकलांगता प्रति लाख
0 से 9- 1644
20 से 39- 2070
40 से 59-2314
60 से अधिक-4276
किस लिंग और परिवेश में कितना
पुरूष-2263
महिला-1881
ग्रामीण-2039
शहरी -2227
किस उम्र में कितनी कौन सी परेशानी
परेशानी 0-19 20-39 40 – 59 60 से अधिक
देखने- 283 311 451 1112
सुनने- 439 493 558 947
बोलने – 115 144 152 163
चलने- 202 403 375 878
मानसिक – 81 110 96 70
बौद्धिक- 25 51 54 44
कई परेशानी- 85 84 85 396
विकलांगों की साक्षरता दर
एनएसओ यानि नेशनल स्टेटिस्टिकल ऑफिस के अनुसार विकलांगों की साक्षरता दर को
मापने के लिए उन्हें अलग- अलग उम्र समूह में बांटा गया है। 7 या उससे अधिक
उम्र के विकलांगों की साक्षरता दर 52.2 थी। 15 या उससे अधिक उम्र के विकलांगों
में 19.3 प्रतिशत हाई सेकेंड्री या उसे अधिक स्तर तक पढ़ाई कर चुके हैं और 3
से 35 की उम्र के विकलांगों में सिर्फ 10.1 प्रतिशत ऐसे लोग थे जो प्री- स्कूल
कार्यक्रम में शामिल हुए हैं।
इस वर्ग को सरकारी मदद
3.7% विकलांग आत्मनिर्भर हैं अकेले रहते हैं। 62.1% विकलांगों की देखभाल करने
के लिए केयर टेकर हैं। 21.8% लोगों को सरकार से सहायता मिलती थी, वहीं 1.8%
विकलांगों की निजी संस्थान सहायता कर रही थी।
नौकरी में स्थिति
15 साल या उससे अधिक उम्र समूह की बात करें तो, श्रम बल भागीदारी दर विकलांगों
में 22.8 प्रतिशत थी। वहीं बेरोजगारी दर 15 और उसे अधिक व्यक्तियों में 4.2
प्रतिशत है।
ट्रॉमा विश्व भर में मृत्यु और विकलांगता का सबसे बड़ा और प्रमुख कारण है।
इससे निपटने के लिए जरूरी प्रशिक्षण दिया जाए तो काफी हद तक इन मौतों और
विकलांगता को रोका जा सकता है। इस तरह की मौतों पर अंकुश न लग पाने का सबसे
बड़ा कारण लोगों को इसके बारे में जरूरी प्रशिक्षण न होना और मदद के लिए आगे
न आना भी है....प्रो. रूचिका टंडन न्यूरोलाजिस्ट एसजीपीजीआई
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