जागरण स्पेशल....
गन्ना कटाई के बाद नहीं कम होगा वजन न कम होगी मिठास
किसान और चीनी मिल का नुकसान कम करने में कारगर साबित हुआ नुस्खा
भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान ने खोजा नुस्खा
कुमार संजय़। लखनऊ
गन्ने की कटाई के बाद चीनी मिल तक पहुंचाने के लिए साधन न मिलने। मिल पर तौलने के लिए लंबी लाइन । तौल के लिए पर्ची न मिलने सहित अन्य कारण कई बार कटाई के बाद गन्ने का बिकने और पेराइ में लंबा समय लग जाता है जिसकी वजह से गन्ने का भार कम होता है । गन्ने का भार कम होने से किसान को नुकसान होता है क्योंकि भार के अनुसार किसान को पैसा मिलता है। इसके साथ ही गन्ने में सुक्रोज की मात्रा कम हो जाती है जिससे चीनी का परता नहीं मिलता है। चीनी कम बनती है इससे चीनी मिल को नुकसान होता है। गन्ने का भार कम होने और सुक्रोज की कमी को रोकने के लिए भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने क नुस्खा तैयार किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस नुस्खे के छिड़काव को गन्ने का भार में कमी और सुक्रोज लास को कम किया जा सकता है। इस नुस्खे को गन्ना काटने के तुरंत बाद छिड़काव किया जाता है। गन्ना काटने के बाद उससे पत्ती और गेड़ा कट जाता है जिसके बाद बोझा( बंडल) बनाया जाता है। संभव होतो बंडल बनाने के पहले छिड़काव किया जाए नहीं तो बाद में अच्छी तरह से छिड़काव किया जाए। इससे किसान को आर्थिक नुकसान नहीं होगा साथ ही चीनी मिल को पूरा परता मिलेगा। संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. अजय कुमार शाह ने बताया कि शोध को प्रचारित करने के लिए गन्ना विभाग और चीनी मिलों को नुस्खा दिया गया है।
क्या नुस्खा और कैसे हुआ शोध
बेंजालकोनियम क्लोराइज(बीकेएस) और सोडियम मेटासिलीकेट(एसएमएस) मिश्रण के 0.5 फीसदी घोल बनाया जाता है। इस घोल का परीक्षण गन्ना कटने के बाद छिड़काव किया और कुछ गन्ने पर छिड़काव नहीं किया गया। गन्ना कटने पर भार देखा गया छिड़काव वाले गन्ने के भार में 240 घंटे बाद कमी 11.04 फीसदी आयी जबकि बिना छिड़काव वाले में 11.96 फीसदी की कमी आयी। इसी तरह सुक्रोज में कमी छिड़काव वाले में 20.5 फीसदी आयी जबकि बिना छिड़काव वाले गन्ने में 240 घंटे बाद 20.88 फीसदी की कमी आयी।
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