रविवार, 4 फ़रवरी 2018

पीजीआई में ब्रासकान-2018-- ट्यूमर का अाकार घटा कर बचाया जा सकता है स्तन

पीजीआई में ब्रासकान-2018

ट्यूमर का अाकार घटा कर बचाया जा सकता है स्तन

बढ़ रही है स्तन कैंसर के प्रति जागरूरकता
अब चालिस फीसदी महिलाएं स्तन कैंसर के शुरूअाती दौर में ले रही है विशेषज्ञ से सलाह
   

स्तन कैंसर के मामले में ट्यूमर के अाकार को दवा से छोटा करने के साथ एक्सिला की गांठ को निकाल कर स्तन को बचाया जा सकता है लेकिन यह तभी संभव है जब स्तन कैंसर के  मरीज विशेषज्ञ के पास शुरूअाती दौर में  पहुंचे। संजय गांधी पीजीआई में अायोजित सोसाइटी फार ब्रेस्ट एस्थेटिक एंड रीकांस्ट्रेक्टिव सर्जरी ब्रास कान 2018 में अर्ली ब्रेस्ट कैंसर को लेकर विशेषज्ञों ने चार्चा की है। संस्थान के इंडोक्राइनोलाजिस्ट प्रो. गौरव अग्रवाल, प्रो. ज्ञान चंद और प्लास्टिक सर्जन प्रो. अंकुर भटनागर ने बताया कि महिलाअों में स्तन कैंसर को लेकर जागरूकता अायी है पहले शुरूअाती दौर में 10 फीसदी से भी  महिलाएं विशेषज्ञ के पास पहुंचती थी लेकिन अब 40 फीसदी महिलाएं शुरूअाती दौर में पहुंच रही है लेकिन इलाज में अभी भ्रांति है कि कैंसर है तो पूरा स्तन ही निकाल दें। प्रो.ज्ञान चंद ने बताया कि शुरूअाती दौर में अाने पर हम लोग कीमोथिरेपी से गांठ के अाकारा को कम करते है इससे पूरा कैंसर युक्त ट्यूमर निकल जाता है। एक्सिला( कांख) में सेंनटेनियल ग्लैड बायोप्सी कर देख कैंसर की अाशंका देखते है यदि इसमें कैंसर है ग्लैड को निकाल देते है इससे दोबारा कैंसर की अाशंका बिल्कुल कम हो जाती है।इस तरीके हम लोग 60 फीसदी से अधिक स्तन कैंसर की महिलाअों के स्तन को बचा सकते है । 

नहीं है जीवन के अायु पर फर्क

प्रो.ज्ञान चंद का कहना है कि  स्तन कैंसर के इलाज में पूरा स्तन निकलाने और स्तन को बचाने दोनों इलाज की तकनीक में टोटल सर्वाइवल लगभग बराबर है। कहने का मतलब है कि स्तन कैंसर युक्त महिला का जीवन दस साल है दोनों तकनीक से इलाज में जीवन दस साल ही रहेगा। देखा गया है कि स्तन बचाने वाली सर्जरी में कुछ मामलों में लोकल रीकरेंश होता है जिसका इलाज कर दिया जाता है। 


पीठ और पेट की चर्बी से बनाते है स्तन

प्रो. अंकुर भटनागर ने बताया कि स्तन निकल जाने पर हम लोग पीठ की मांसपेशी ( लैटिमस डोरसाई) , पेट की चर्बी से स्तन बना देते है इसके अलावा जिन महिलाअों में केवल स्तन में ट्यूमर को निकाला जाता है वहां गडढे को स्तन की मांसपेशी से भर जाते है जिससे स्तन का अाकार खराब नहीं होता है। जिनमें यह संभव नहीं होता उनमें इंप्लांट लगाते हैं। अब तक पीजीआई में हम लोग 30 से अधिक महिलाअों में ब्रेस्ट रीकांस्ट्रेक्टिव सर्जरी कर चुके हैं। 

वहीं कराएं इलाज जहां हो सब सुविधा
विशेषज्ञों ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर का इलाज उसी सेंटर पर कराना चाहिए जहां पर मल्टी स्पेशिएल्टी हो जिससे इलाज की सफलता दर बढ़ती है और मरीज को दौड़ना नहीं पड़ता है।     स्तन कैंसर के इलाज के लिए मल्टी डिस्पेलेनरी विशेषज्ञता की जरूरत होती है जिसमें इंडो सर्जन ,प्लास्टिक , रेडियोथिरेपी, हिस्टोपैथोलाजिस्ट , रेडियोलाजिस्ट की अहम भूमिका है
 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें