गुरुवार, 1 फ़रवरी 2018

पीजीआई में ब्रांसकान -2018 --- स्तन कैंसर के बाद भी नहीं रहेंगी अधूरी



पीजीआई में ब्रांसकान -2018 

स्तन कैंसर के बाद भी नहीं रहेंगी अधूरी 

बकरार रखी जा सकती है ब्रेस्ट की सुंदरता

ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी के दौरान ही होती है रीकांस्ट्रेक्टिव सर्जरी नहीं बढ़ता खर्च



स्तन कैंसर के इलाज  अब महिला अधूरी नहीं रहेगी।  स्तन निकलाने के बाद भी स्तन की सुंदरता को रीकंस्ट्रेक्टिव सर्जरी से बकरार रखा जा सकता है लेकिन  दस फीसदी से कम महिलाएं और उनके परिजन स्तन की सुंदरता बनाए रखने के लिए रीकंस्ट्रेक्टिव सर्जरी पर अमल करते है । इनका मानना होता है कि  सर्जरी में खर्चा बढ़ जाएगा।  विशेषज्ञों का कहना है कि  स्तन कैंसर की सर्जरी के दौरान ही यदि रीकंट्रेक्टिव सर्जरी की जाए तो इलाज के खर्च पर कोई असर नहीं पड़ता है । बस सर्जरी का समय एक से 1.5 घंटे बढ जाता है। स्तन कैंसर से जुडी तमाम  जनाकारी देने के लिए पहली बार संजय गांधी पीजीआई में सोसाइटी अाफ रीकांस्ट्रेक्टिव एंड एस्थेटिक(ब्रांसकांन 2018)  विशष कार्यशाला का अायोजन कर रहा है। संस्थान के इंडो सर्जरी विभाग के प्रो.गौरव अग्रवाल , प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रो. अंकुर भटनागर और इंडो सर्जन प्रो.सबारत्नम ने बताया कि स्तन कैंसर के इलाज के लिए मल्टी डिस्पेलेनरी विशेषज्ञता की जरूरत होती है जिसमें इंडो सर्जन ,प्लास्टिक , रेडियोथिरेपी, हिस्टोपैथोलाजिस्ट , रेडियोलाजिस्ट की अहम भूमिका है इस एसोसिएशन के जरिए सभी को मंच पर लाया गया है। इस कार्यशाला में सभी विधाअों से जुडे लोगों के अलावा महिला रोग विशेषज्ञ, एमबीबीएस छात्रों को स्तन कैंसर के इलाज के बारे में जानकारी दी जाएगी। वर्कशाप में यूनिवर्सटी मलाया कुअालालम्पुर की प्रो.एमीरेटस चेंग हर चिप, सिंगापुर से माइकल हार्टमैन, अमेरिका से डा. पीटर कैरीडो सहित कई विशेषज्ञ जानकारी देने अा रहे हैं। 

पीठ और पेट की चर्बी से बनाते है स्तन

प्रो. अंकुर भटनागर ने बताया कि स्तन निकल जाने पर हम लोग पीठ की मांसपेशी ( लैटिमस डोरसाई) , पेट की चर्बी से स्तन बना देते है इसके अलावा जिन महिलाअों में केवल स्तन में ट्यूमर को निकाला जाता है वहां गडढे को स्तन की मांसपेशी से भर जाते है जिससे स्तन का अाकार खराब नहीं होता है। जिनमें यह संभव नहीं होता उनमें इंप्लांट लगाते हैं। अब तक पीजीआई में हम लोग 30 से अधिक महिलाअों में ब्रेस्ट रीकांस्ट्रेक्टिव सर्जरी कर चुके हैं। 

वहीं कराएं इलाज जहां हो सब सुविधा
विशेषज्ञों ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर का इलाज उसी सेंटर पर कराना चाहिए जहां पर मल्टी स्पेशिएल्टी हो जिससे इलाज की सफलता दर बढ़ती है और मरीज को दौड़ना नहीं पड़ता है।    

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