मंगलवार, 1 अक्टूबर 2024

आईसीयू में संक्रमण रोकने होगा संभव

 


क्रिटिकांन -2024


आईसीयू में संक्रमण रोकने होगा संभव


 आईसीयू में 30 फीसदी होते है संक्रमण के शिकार


वेंटीलेटर भी बनता  है संक्रमण का कारण


आईसीयू में खर्च बढ़ाता है संक्रमण


 


अब आईसीयू में मरीजों को संक्रमण से बचाना और आशंका को कम करना संभव होगा। संक्रमण को रोकने के लिए इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन ने विशेष कार्यशाला( क्रिटिकांन-2024) का आयोजन शुक्रवार किया संजय गांधी पीजीआई में किया। आयोजक इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के प्रो. तनमय घटक ने बताया कि आईसीयू में जिंदगी बचाने के लिए मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा जाता है। इनमें से 30 से 40 फीसदी में  वेंटीलेटर एसोसिएटेड निमोनिया, सेंट्रल लाइन एसोसिएटेड इंफेक्शन, यूटीआई होता है। इसके कारण इलाज का खर्च और स्टे बढ़ जाता है।  संक्रमण को रोकने के तरीकों के बारों में नए छात्रों को बताया गया कि मरीजों को छूने से पहले हाथ को धोना जरूरी है। गैस्ट्रिक अल्सर और डीप वेन थ्रोम्बोसिस को रोकने के लिए पहले इलाज शुरू करना चाहिए। इसे प्रोफाइलेक्सिस कहते हैं। सुई जहां लगती है उस जगह को साफ रखना चाहिए। बेड का सिरहाना 30 डिग्री तक उठा होना चाहिए। इससे संक्रमण की आशंका को कम किया जा सकता है। प्रो. तनमय ने बताया कि सोसाइटी 14 कार्यशाला का आयोजन एक साथ विभिन्न विषय़ों पर एक साथ राजधानी के कई संस्थानों में कर रहा है जिसमें नेफ्रो क्रिटकल केयर, पिडियाट्रिक केयर, ट्रैक्योस्टोमी, सहित कई विषयों के बारे में आन हैंड जानकारी दी गयी।


 


नहीं करना पड़ेगा रेडियोलाजिस्ट का इंतजार


इमरजेंसी में कई बार तुरंत अल्ट्रासाउंड की जरूरत होती है ऐसे में रेडियोलॉजिस्ट का इंतजार मरीज के लिए खतरनाक हो सकता है। इसके लिए हम इमरजेंसी के डॉक्टर को अल्ट्रासाउंड की ट्रेनिंग के लिए विशेष वर्कशाप का आयोजन किया। कई बार फेफड़ों में हवा भर जाता है।  पेट में रक्त भर जाता है। दिल में रक्त भर जाता है ऐसे में तुरंत अल्ट्रासाउंड कर परेशानी का पता कर रक्त को निकाल कर जिंदगी बचायी जा सकती है।


 


600 डॉक्टरों ने सीखा हुनर


 


   वर्कशॉप में 600 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिन्हें 200 प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा क्रिटिकल केयर में हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण प्राप्त किया।  वर्कशॉप में नर्सिंग क्रिटिकल केयर, हेमो डायनामिक मॉनिटरिंग, इकमो, आईसीयू  में मैकेनिकल वेंटिलेशन, पीडियाट्रिक क्रिटिकल केयर और कार्डियक क्रिटिकल केयर जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें