रविवार, 16 अप्रैल 2023

पार्किंसंस का शुरू में इलाज तो 90 फीसदी मामलों में राहत

 



पीजीआई न्यूरोलॉजी विभाग का स्थापना दिवस समारोह

पार्किंसंस का शुरू में इलाज तो 90 फीसदी मामलों में राहत

 रंगी सब्जियां और प्रदूषित पानी दिमाग के सेल को कर सकते है प्रभावित




रंगी हुई ताजी सब्जी , प्रदूषित हवा और पानी दिमाग के निग्रा सेल को नुकसान पहुंचा सकती है जो पार्किंसंस के कारण साबित होता है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के न्यूरोलॉजी विभाग के स्थापना दिवस के मौके पर पार्किंसंस डिजीज पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में विभाग की प्रो. रुचिका टंडन ने बताया कि उम्र बढ़ने के साथ इस बीमारी की आशंका बढ़ जाती है। इसके आलावा वायरस का संक्रमण, दूषित हवा, दूषित पानी, एल्यूमिनियम , मैंगनीज युक्त आहार इस परेशानी को बढ़ा रहा है। आज कल सब्जियों का ताजी रखने के बाजार पर रंग दिया जाता है ।फलों और सब्जियों पर छिड़के जाने वाले कीटनाशक रसायनो भी खतरा बढ़ा देते हैं। इसके टॉक्सिन निग्रा सेल को नष्ट करते हैं। विभाग के प्रमुख प्रो. संजीव झा ने बताया कि निग्रा की सेल्स के नष्ट होने से दिमाग में डोपामाइन रसायन का लेवल गिरने लगता है । यह रसायन दिमाग को सही तरह से सन्देश पहुंचाता है। कम होने पर संदेश पहुंचाने में असमर्थ पाता है । दिमाग का कंट्रोल हमारे शरीर के अंगों से समाप्त हो जाता है। इसके शुरुआती दिनों में हमे यह बदलाव महसूस नहीं होते पर जैसे- जैसे निग्रा की सेल्स मरने लगती है। लक्षण कंपन के रूप में दिखाई देता है। प्रो. विनीता एलिथाबेज ने बताया कि शुरुआती दौर में इलाज शुरू हो जाए पहले पांच साल कर दवाओं से परेशानी में 80 से 90 फीसदी तक कमी हो जाती है। इसके बाद दवा का असर कम हो सकता है ऐसे में दवा की मात्रा बढाने की जरूरत पड़ती है। प्रो. वीके पालीवाल ने बताया कि दवा का असर होने पर हम लोग डीप वेन स्टीमुलेशन करते है। न्यूरो सर्जरी के प्रो. पवन वर्मा के साथ मिल कर हम लोग यह लगातार कर रहे है। इससे काफी आराम मिलता है। इस मौके पर बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग की प्रो. दीपिका जोशी एवं कानपुर मेडिकल कालेज के प्रो. नवनीत ने हाथ में कंपन शुरू होते ही इलाज के लिए न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। इस मौके पर वॉकथॉन का आयोजन किया गया जिसमें डा. प्रकाश, डा. महेश, डा. नागेंद्र , सीटीओ एसपी सिंह, एसटीओ रमेश कुमार निगम, सहायक प्रशासनिक अधिकारी मंजू लता यादव, डा. रूपाली महाजन, डा.धीरज कुमार, डा. भूपेश यादव, डा. नेहा पांडेय, डा. सौम्या, डा. अनादि मिश्रा, डा. हिमांशु सहित तमाम चिकित्सक एवं कर्मचारी शामिल हुए।

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