सोमवार, 19 दिसंबर 2022

इंफ्रारेड टॉर्च बता देगा कितना हुआ है दिमाग में डैमेज



इंफ्रारेड टॉर्च बता देगा कितना हुआ है दिमाग में डैमेज

 

ब्रेन में चोट की गंभीरता के अनुसार इलाज की दिशा  होगी तय

 

  

रोड एक्सीडेंट में या किसी दूसरे दुर्घटना में घायल होने वाले किसी भी व्यक्ति के दिमाग पर कितना चोट लगा है यह वहां पर भी जनना संभव होगा  जहां पर एमआरआई या सीटी स्कैन की सुविधा नहीं है।  चिकित्सक इंफ्रारेड टॉर्च के जरिए यह पता लगा सकेंगे कि दिमाग को कितना नुकसान हुआ है।  इसके आधार पर वह आगे के लिए कहां पर भेजना है। कितना वह खुद इलाज कर सकते हैं।  इंफ्रारेड टॉर्च के जरिए आंख पर रोशनी डाली जाती है जिससे सेरेब्रॉस्पाइनल फ्लुएड को देखकर ब्रेन में इंजरी का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके अलावा बायो मार्कर परीक्षण भी विकसित किया गया है जो किसी भी छोटे सेंटर पर या किया जा सकता है। इन बायोमार्कर के आधार पर  इंजरी का अंदाजा लगाया सकता है। यह परीक्षण प्रिगनेंसी टेस्ट की तरह ही है। संजय गांधी पीजीआई में आयोजित न्यू डिवलेंपमेंट इन न्यूरो सर्जरी विषय़ आयोजित सतत चिकित्सा शिक्षा में बताया कि  बार इंजरी के कारण लक्षण बाद में आते हैं और बायो मार्कर में बदलाव जल्दी आ जाते हैं।   बिना देर किए मरीज को इलाज के लिए भेजा जा सकेगा। पूर्व निदेशक एसजीपीजीआई प्रो.एके महापात्रा, एम्स दिल्ली के डा. दीपक अग्रवाल, निमहांस बैंगलोर के डा. धवल शुक्ला , अमेरिका के डा. मिलिंद देवगांवकर, संस्थान के प्रो. अरुण कुमार श्रीवास्तव, डा. आशुतोष कुमार सहित अन्य लोगों ने नई तकनीक के बारे में जानकारी दी।   

 

ट्रामा मैनेजमेंट गाइडलाइन तैयार एमसीआई से होगी लागू करने की सिफारिश

 

 एम्स दिल्ली के पूर्व न्यूरो सर्जन प्रोफेसर सुमित सिन्हा ने कहा कि न्यूरोलॉजिकल सोसायटी आफ इंडिया और न्यूरो ट्रामा सोसाइटी ऑफ इंडिया ने मिलकर ट्रामा के मरीजों के इलाज के लिए गाइड लाइन तैयार किया है।  दूसरे देशों में  गाइड लाइन है लेकिन भारत में कोई गाइड लाइन अभी तक नहीं है।  हम लोगों ने मिलकर 2016 में प्रयास शुरू किया और अब यह गाइड लाइन बनकर तैयार हो गया है ।  इस गाइड लाइन के जरिए किस अस्पताल में कितना इलाज होना चाहिए और किस इलाज के लिए मरीज को दूसरे सेंटर भेजना चाहिए सहित तमाम मानक तय किए गए हैं। इसे लागू करने के लिए  मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया और ट्रामा मैनेजमेंट सिफारिश करेंगे।

 

वाकथान निकाल कर किया जागरूक

 वाकथान जरिए रोड एक्सीडेंट से बचाव का संदेश न्यूरो सर्जन सहित अन्य लोगों ने दिया। विभाग के प्रमुख एवं ट्रामा सेंटर  के प्रभारी ने बताया कि  सीट बेल्ट जरूर लगाएं हेलमेट पहने ट्रैफिक रूल का फॉलो करें ओवर स्पीड गाड़ी मत चलाएं और शराब पीकर कभी गाड़ी मत चलाएं। 




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