बुधवार, 14 दिसंबर 2022

लक्षण और हिस्ट्री पर ध्यान दें तो 15 से 20 फीसदी में पड़ेगी जांच की जरूरत

 पीजीआई का 39 वां स्थापना दिवस समारोह

  

लक्षण और हिस्ट्री पर ध्यान दें तो  15 से 20 फीसदी में पड़ेगी जांच की जरूरत  

 70 फीसदी में बन जाती है डायग्नोसिस

क्षेत्रीय परेशानी को लेकर हो शोध और हो पॉलिसी   चेंजर  


 

संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के 39 वें स्थापना दिवस पर किंग जॉर्ज मेडिकल विवि के पूर्व मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रो.एमके मित्रा से स्थापना दिवस व्याख्यान में कहा कि आर्ट ऑफ क्लीनिक मेडिसिन को सीखने और पालन करने की जरूरत है। लक्षण किसी भी मरीज में प्लेट में परोसे हुए नाश्ते की तरह । लक्षण और हिस्ट्री का विश्लेषण करने से ही 70 फीसदी लोगों में बीमारी की डायग्नोसिस बन जाएगी। 15 से 20 फीसदी में फिजिकल एग्जामिनेशन की जरूरत है। 15 से 20 फीसदी में ही केवल रेडियोलाजिकल एवं पैथोलाजिकल परीक्षण की जरूरत पडेगी। सेल्फ आडिट पर ध्यान चिकित्सक ध्यान दें। आप दुनिया या किसी को नहीं बदल सकते है लेकिन अपने को बदल सकते हैं। डॉक्टर क्या मरीज के साथ ऐसा व्यवहार कर रहे है जो आप या अपने मरीज के भर्ती होने पर व्यवहार की अपेक्षा करते हैं।  प्रो. मित्रा ने कहा कि शोध को क्षेत्रीय समस्याओं पर केंद्रित करे साथ में एसा शोध हो सरकार की नीति बदल सकें। नेफ्रोलाजिस्ट  प्रो. नरायन प्रसाद के शोध नेफ्रोटिक सिंड्रोम से ग्रस्त बच्चों में स्टेरायड प्रतिरोध पर किए। विश्व स्तर पर स्वीकार किया गया।  प्रो. यूसी घोषाल के छोटी आंत से पानी निकालने के लिए देसी कैथेटर माइक्रोबायोटा सैंपलर विकसित किया जिसे पेटेंट मिला। आयोडीन की कमी को लेकर एम्स दिल्ली में शोध हुए जिसके बाद आयोडीन युक्त नमक बनाने की नीति बन गयी। प्रो. मित्रा ने पढाई रोचक बनाने की सलाह दिया। चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि उच्च गुणवत्ता की नर्सेज नहीं है। ट्रेंड नर्सेज की संख्या तो बढ़ रही है लेकिन एग्जाम में वह पास नहीं कर पाती है। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने कहा कि डॉक्टर और नर्सेज का अनुपात ठीक करने की जरूरत है। विशेषज्ञ पैरा मेडिकल स्टाफ भी विकसित करने की जरूरत पर बल दिया। निदेशक प्रो.आरके धीमन ने संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया। डीन प्रो.शुभा फड़के ने अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया। इस मौके पर रक्तदान और वृक्षारोपण भी किया गया।

 

सरकार की योजनाएं लोगों तक पहुंचे- राज्यपाल

राज्यपाल एवं संस्थान की विजिटर आनंदीबेन पटेल ने कहा कि सरकार की योजनाएं सभी तक पहुंचे इस पर काम करने की जरूरत है। शोध के परिणाम को लोगों तक पहुंचाएं इससे दूसरे लोगों को लाभ मिलता है। कहा कि संस्थान किसी एक या दो लोगों से नहीं चलता है । सम्मान केवल डाक्टर , नर्स या टेक्नीशयन का नहीं सफाई कर्मचारी, लैब में काम करने वाले छोटे कर्मचारियों का भी सम्मान होना चाहिए। आयोग द्वारा आयोजित  नर्सेज एक्जाम में एक लाख में से 27 हजार पास कर पायी यह चिंता का विषय़ है। यह भी शोध का विषय है। अच्छे शिक्षक, लैब , संसाधन से परिणाम बेहतर आएंगे।जी -20 का सम्मेलन 13 फरवरी को लखनऊ में होगा। इसमें कई देशों से डॉक्टर भी आंएंगे।  इनसे नई चीजें सीखी जा सकती है। भारत का अध्यक्ष होना गर्व का विषय़ है।       

 

एक साल लेखा जोखा

ओपीडी में सलाह - 4.5 लाख

भर्ती -38 हजार

सर्जरी- 11 हजार

 

 

 

इनको मिला बेस्ट का सम्मान

1-बेस्ट सीनियर रेजिडेंट (डीएम) डॉ. निधि गुप्ता नेफ्रोलॉजी

2 बेस्ट सीनियर रेजिडेंट (एमसीएचडॉ. सराह इदरीस एंडोक्राइन सर्जरी

3 बेस्ट जूनियर रेजिडेंट (एमडी) डॉ. योगिता

खंडेलवाल न्यूक्लियर मेडिसिन

4 बेस्ट नर्सिंग स्टाफ जीआर-1 नीलमणि एस्थर सीसीएम

5 सर्वश्रेष्ठ नर्सिंग स्टाफ जीआर -2 सीनियर सुनीता पाल एंडोक्रिनोलॉजी

6 बेस्ट टेक्नीशियन जीआर-1 राशिद अख्तर पैथोलॉजी

7 सर्वश्रेष्ठ तकनीशियन जीआर -2  चंद्रेश

कश्यप एनेस्थिसियोलॉजी

 

छात्रों की श्रेणी में  कोमल और डा. सना अव्वल

क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी विभाग शोध सहायक  कोमल सिंह ने क्लीनिकल रिसर्च में प्रथम स्थान हासिल किया है।  कोमल ने प्रो. अमिता अग्रवाल के निर्देशन में किसमें टीबी के संक्रमण की आशंका है जानने के लिए मार्कर खोजने में कामयाबी हासिल की है। दूसरा स्थान एंडोक्राइन सर्जरी डा. स्पंदना को मिला है । प्रो. शब्बा रत्नम के निर्देशन में शोध किया। तीसरा स्थान नेफ्रोलॉजी विभाग की डा. निधि गुप्ता को मिला है । इन्होंने प्रो. नरायन प्रसाद ने निर्देशन में शोध किया है। सांत्वना पुरस्कार नियोनेटल के डा. नेहा, न्यूरोलॉजी के डा. अंकित गुप्ता और न्यूक्लियर मेडिसिन के डा. लोकेश्वरन

 

  बेसिक साइंस की श्रेणी में

पहला पुरस्कार इंडोक्राइनोलॉजी के डा. सना राजा , दूसरा स्थान  न्यूरोलॉजी के डा. अभिलाषा त्रिपाठी , तीसरा स्थान गैस्ट्रोएंट्रॉलजी की शिखा साहू । सांत्वना सम्मान में हिमैटोलॉजी की मनाली जैन , ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन की डा. वसुंधरा सिंह, मॉलिक्यूलर मेडिसिन की डा. अंजलि सिंह

 

संकाय सदस्यों प्रो. उज्जवल और प्रो.राजन रहे अव्वल

 

प्रथम स्थान पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंट्रॉलजी के प्रो. उज्जवल पोद्दार , दूसरे स्थान पल्मोनरी मेडिसिन के डा. जिया हासिम, तीसरा स्थान कार्डियोलॉजी के डा. अंकित साहू , चौथा स्थान नियोनेटल के डा. अभिजीत राय। सर्जिकल श्रेणी में प्रथम स्थान गैस्ट्रो सर्जरी के प्रो. राजन सक्सेना. दूसरा स्थान एंडोसर्जरी के डा. शब्बा रत्नम , तीसरा स्थान  गैस्ट्रो सर्जरी के डा. राहुल , चौथा स्थान यूरोलॉजी डा. प्रियांक यादव  

 

बेसिक साइंस श्रेणी में संकाय सदस्य

प्रथम स्थान मॉलिक्यूलर मेडिसिन,  डा. स्वाति तिवारी,दूसरा स्थान  हिमैटोलॉजी के डा. खलीकुर रहमान, तीसरा स्थान हिमैटोलॉजी के डा. सीपी चतुर्वेदी, चौथा स्थान यूरोलॉजी के डा, नवीन गौतम

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें