सोमवार, 12 दिसंबर 2022

आनुवांशिक बीमारियों की जानकारी गर्भधारण से पहले जरूरी


आनुवांशिक बीमारियों की जानकारी गर्भधारण से पहले जरूरी : प्रो.शुभा फड़के
सियामकॉन 2022

 बाल रोग विशेषज्ञों को उनके तीन पीढ़ियों की पूरी जानकारी लेनी चाहिए

लखनऊ । यदि किसी के परिवार की तीन पीढ़ियों में बच्चा मंदबुद्धि रहा हो या फिर किसी बच्चे को मांसपेशियों की बीमारी रही हो। इसके अलावा परिवार में खून की कमी की बीमारी और हीमोफीलिया से कोई ग्रसित रहा हाे। ऐसे परिवार की महिलाओं को गर्भधारण से पहले आनुवांशिक रोग विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। यह कहना है एसजीपीजीआई स्थित मेडिकल जेनेटिक्स विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो.शुभा फड़के का। वह रविवार को एसजीपीजीआई स्थित ऑडिटोरियम में आयोजित सियामकॉन - 2022 के 7वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। रविवार को आयोजित इस कार्यशाला में लखनऊ और कानपुर के बाल रोग विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया और आनुवांशिक बीमारियों में प्री-प्रेगनेंसी काउंसलिंग और जांचों की बारिकियां जानी। प्रो.शुभा फड़के ने बताया कि जिन परिवारों में बच्चों की अचानक मौत हुई हो या फिर किसी भी गंभीर बीमारी से पीड़ित रहे हों । ऐसे परिवारों के बच्चों का इलाज करते समय बाल रोग विशेषज्ञों को उनके तीन पीढ़ियों की पूरी जानकारी लेनी चाहिए। जिससे उस परिवार में आने वाले बच्चे को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके।
डॉ.शुभा फड़के ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य आम लोगों के साथ ही बाल रोग विशेषज्ञों और महिला रोग विशेषज्ञों में आनुवांशिक बीमारियों को लेकर जागरुकता लाना था। क्योंकि आम व्यक्ति को आनुवांशिक बीमारियों की जानकारी नहीं होती है। ऐसे में उन चिकित्सकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है जो नवजात बच्चों और गर्भवती महिलाओं का इलाज करते हैं। बाल रोग विशेषज्ञ नवजात को देखकर यह तय कर सकते हैं कि आनुवांशिक बीमारियों की जांच करनी है या फिर जेनेटिक विशेषज्ञ से सलाह लेनी है।

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