टूट गई मजहब की दीवार
हिंदु की किडनी मुसलमान के खून करेगा साफ
सुरेंद्र दो लोगों को दे गए जिंदगी
सड़क दुर्घटना में घायल सुरेंद्र के अंग रहेंगे जिंदा
कुमार संजय। लखनऊ
तमाम लोग मजहब की बात पर एक दूसरे के जान के दुश्मन बन जाते हैं लेकिन यहां तो एक हिंदू की किडनी एक मुस्लिम युवक के खून को साफ कर रगों में शुद्ध खून दौडा कर जिंदगी देगा। सड़क दुर्घटना में घायल हरदोई जिले के लोनार गांव के रहने 21 वर्षीय सुरेंद्र सिंह की किडनी 35 वर्षीय साद में प्रत्यारोपित की गयी। साद के परिवार में कोई डोनर नहीं था। लंबे समय से डायलिसिस पर थे। सुरेंद्र इलाज के लिए मेडिकल विवि आए थे । दस दिन से वेंटिलेटर पर जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे थे, लेकिन ब्रेन डेड के शिकार हो गए। मेडिकल विवि के लिवर ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट प्रो. अभिजीत चंद्रा और सोटो और पीजीआई के अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख प्रो. राजेश हर्ष वर्धन की टीम ने परिवार को लोगों की काउंसलिंग की जिसके बाद परिजन अंगदान के लिए तैयार हो गए। दोनों किडनी, लिवर रोपित किया गया। एक किडनी संजय गांधी पीजीआई में प्रत्यारोपित की गई। एसजीपीजीआई के यूरोलॉजिस्ट एवं किडनी ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट प्रो. संजय सुरेखा , यूरोलॉजिस्ट डा. संचित और डा. मोहित के साथ मेडिकल विव पहुंचे कर किडनी निकाली। किडनी को वह खुद रोपित करने के लिए मेडिकल विवि में किया।
पीजीआई की इस टीम ने किया किडनी ट्रांसप्लांट
प्रो.एमएस अंसारी, प्रो.उदय प्रताप सिंह और एनेस्थीसिया टीम प्रो. संजय धीराज, डा. तपस और दिव्या ने किडनी ट्रांसप्लांट को अंजाम दिया।
मेडिकल विवि में एक ही मरीज में पहली बार हुआ किडनी और लिवर का प्रत्यारोपण
मेडिकल विवि के लिवर ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट में प्रो. अभिजीत चंद्रा और एसजीपीजीआई के प्रो. संजय सुरेखा की टीम में 50 वर्षीय पुरुष में किडनी एवं लीवर का प्रत्यारोपण किया। इनके यह दोनों अंग काम नहीं कर रहे थे। इनके पास कोई डोनर नहीं था।
हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए नहीं मिला मरीज
हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए एलर्ट नार्थ इंडिया स्तर जारी किया गया लेकिन उपयुक्त मरीज के न मिलने के कारण हार्ट का डोनेशन संभव नहीं हो पया।
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