भेष बदल कर आया डेंगू वायरस कर रहा अधिक परेशान
डेन टू सबटाइप पीजीआई के अध्ययन में खुलासा
तेजी से घटता है प्लेटलेट बढ़ती है ब्लीडिंग की आशंका
इस बार का डेंगू पिछले सालों के मुकाबले अधिक खतरनाक है। संजय गांधी पीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख प्रो. उज्जवला घोषाल के मुताबिक हमने डेंगू वायरस के प्रकार को लेकर अध्ययन किया तो पाया कि इस साल डेन -2 सब सबटाइप सबसे अधिक लोगों को संक्रमित कर रहा है। इसके साथ डेन -3 सब टाइप भी पाया गया है। वायरोलाजी लैब के प्रभारी डा. अतुल गर्ग के मुताबिक हर साल डेंगू का सब टाइप बदलता रहता है। पिछले साल डेन -3 सब टाइप संक्रमित कर रहा था । डेन -2 सब टाइप हेमोरेजिक फीवर और शांक सिंड्रोम की आशंका को बढाता है। इस लिए सचेत रहने की जरूरत है। विशेषज्ञों के मुताबिक रोगी को पहले दो दिनों तक बुखार रहता है। तीसरे दिन बुखार उतर जाता है। रोगी स्वयं को स्वस्थ समझता है। इसके बाद अचानक मरीज के प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं। डेंगू में प्लेटलेट काउंट 10,000 से कम होना चिंता का विषय है, लेकिन डी2 में 40,000 से कम प्लेटलेट काउंट पर सचेत रहने की जरूरत है। युवा डेंगू की चपेट में आ रहे हैं। 21 से 50 साल के आयु वर्ग में मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। पुरुषों की संख्या महिलाओं की तुलना में अधिक है।
सामान्य डेंगू बुखार के लक्षण
- तेज बुखार, - सिर, मांसपेशियों और जोड़ों दर्द, कमजोरी, भूख न लगना, जी मिचलाना, उल्टी , शरीर पर लाल-गुलाबी दाने
डेंगू हिमोरेजिक फीवर
- नाक और मसूड़ों , शौच या उल्टी में खून आना , त्वचा पर छोटे-छोटे गहरे नीले-काले निशान
डेंगू शॉक सिंड्रोम के लक्षण
- बेचैन होना,तेज बुखार के बावजूद उसकी त्वचा की ठंडक, धीरे-धीरे बेहोश होना, नब्ज कभी-कभी तेज और धीमी होना
डेंगू की रोकथाम और उपचार
-ऐसे कपड़े पहने जो पूरे शरीर को ढक सके
- मच्छर क्रीम, स्प्रे, तर
क्या खाएं
- ताजे फल, जूस, अंकुरित अनाज, दलिया, दूध, दाल का पानी , अधिक से अधिक पानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें