बडे होकर यह बच्चे भी भरेंगे जिंदगी की उड़ान
क्रानियोसिनेस्टोसिस से ग्रस्त बच्चों को पीजीआई दो विभाग ने मिल दिया जीवन
जल्दी सर्जरी तो अच्छी होगी बच्चों की जिंदगी
संजय गांधी पीजीआई के न्यूरो सर्जरी विभाग और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विशेषज्ञों ने मिल कर जन्मजात बनावटी बीमारी क्रानियोसिनेस्टोसिस बीमारी से ग्रस्त बच्चों की सर्जरी कर इनकी जिंदगी में उड़ान भर दिया है। इस बीमारी के कारण इन बच्चों के सिर, आंख व हाथ की विकृति थी जिसे सर्जरी कर नया जीवन दिया है। अब दोनों मासूम के अंग दिखने में सामान्य बच्चों की तरह हो गए हैं। इनमें एक बच्चा सीतापुर व दूसरा कोलकाता है। यह उपलब्धि पीजीआई के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों हासिल की है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस तरह के जटिल सर्जरी की सुविधा यूपी में सिर्फ पीजीआई में उपलब्ध। यह दोनों ऑपरेशन पीजीआई के न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रो. अरुण श्रीवास्तव व प्रो. वेद प्रकाश मौर्य की टीम ने किया है। प्रो. अरुण बताते हैं कि यह ऑपरेशन काफी जटिल होता है। सिर को पूरा खोलते हैं। फिर हड्डियों को कई टुकड़ों में अलग कर फिर सही क्रम में जोड़ते हैं। जुड़ी हुई उंगली एवं तालु का ऑपरेशन प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रो. राजीव अग्रवाल व प्रो अंकुर भटनागर द्वारा की गईं। डॉक्टरों ने यह ऑपरेशन नवम्बर में किया था। ऑपरेशन में करीब सात घंटे लगे। एनेस्थीसिया टीम में डॉ. शशी, डॉ. देवेन्द्र गुप्ता एवं डॉ. रूद्रा शीश रहे। दोनों मासूमों को अस्पताल से छुट्टी कर दी गई है। अब दोनों मासूम स्वस्थ्य हैं।
क्या है क्रानियोसिनेस्टोसिस
प्रो. अरुण कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि क्रानियोसिनेस्टोसिस एक जटिल बीमारी है। इसमें नवजात बच्चों के सिर की हड्डियां समय से पहले जुड़ जाती हैं। सिर का आकार बढ़ने के साथ दिमाग, आंख व दूसरे अंगों में दबाव पड़ने पर अंग क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। आंखें बाहर निकल आती हैं। यह बीमारी दो से ढाई हजार बच्चों में से एक को होती है। अभी इसका आपरेशन सिर्फ दिल्ली, चेन्नई व केरल में हो रहा है।
दिमाग का विकास प्रभावित होता
इस बीमारी का सही वक्त पर इलाज न मिलने पर दिमाग व शरीर का विकास प्रभावित होता है। बच्चों में सोचने, समझने की क्षमता और याददाश्त कमजोर होने लगती है। शरीर के दूसरे अंगों पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। इसकी पहचान जितनी जल्दी होगी। उसके ठीक होने की उम्मीद ज्यादा होगी। अभिभावक व बाल रोग विशेषज्ञों को भी चाहिए कि वह बीमारी के शुरुआती लक्षण पता चलने पर तुरन्त न्यूरो सर्जरी के डॉक्टर के पास भेजें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें