शुक्रवार, 27 अगस्त 2021

योगा करें शऱीर की बढ़ती है प्रतिरक्षा क्षमता- पीजीआई मेडिकल कालेजों का थामे हाथ,,,क्लीनिकल इम्यूनोलाजी विभाग की डा. पंक्ति के मेडल पहनाते

 





पीजीआई की 26 वां दीक्षा समारोह 

योगा करें शऱीर की बढ़ती है प्रतिरक्षा क्षमता- राम नाथ कोविंद

 

 

संजय गांधी पीजीआई के 26 वें दीक्षा समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि योगा को अपना कर  कोरोना महामारी के दौरान  लोगों ने शरीर की बीमारी से लड़ने की क्षमता बढा कर समाना किया। योगा से लाइफस्टाइल से जुडी बीमारी की आशंका कम होती है। आयुर्वेद प्राचीन चिकित्सा विधि है इसे भी अपनाने की जरूरत है। राष्ट्रपति ने कहा कि  डिग्री पाने वाले छात्र से कहा कि  देश के बडे संस्थान से डिग्री हासिल किए है अपने को यूपी या लखनऊ तक सीमित न करें पूरा विश्व और पूरा देश आपकी की प्रतिभा का लाभ उठाएं यह कोशिश करें। इसलिए मैंने अंग्रेजी में अपनी बात कही। कोरोना का टीका 61 करोड़ लोगों को लग चुका है । टीका लगवाने के लिए लोग आगे आए इसके लिए जागरूक करना होगा। सबको स्वास्थ्य खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध कराने के लिए काम करना होगा। संस्थान के विशेषज्ञ प्रदेश में जो मेडिकल कॉलेज खुल रहे है उनके साथ मिल विशेषज्ञता का विस्तार करें जिससे अधिक लोगों को फायदा मिले। छात्र से कहा कि वह बिना किसी भेदभाव के मरीजों की सेवा करें। इस मौके पर राज्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा संदीप सिंह ने अतिथियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा मेरे बाबूजी यहां पर लंबे समय तक रहे है डॉक्टर , पैरा मेडिकल स्टाफ सहित अन्य लोगों ने मनोयोग सेवा किया। इस मौके पर मेदांत के निदेशक के प्रो. राकेश कपूर, कैंसर संस्थान के निदेशक प्रो. शालीन कुमार , गृह सचिव अवनीश अवस्थी  सहित तमाम लोग भागीदारी किए।  

 

तीसरी लहर से प्रति रहे सावधान

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि तीसरी लहर की चेतावनी दी जा रही है इसलिए लोगों को इसके प्रति सजग रहना होगा। टीके के साथ मास्क और सामाजिक दूरी को आपनाएं। सरकार ब्लाक स्तर पर जांच और इलाज की सुविधा को मजबूत करने के लिए काम कर रही है। जन औषधि केंद्र पर दवाएं कम दर मिल रही है जिससे गरीबों को भी दवा उपलब्ध हो रही है। आयुष्मान भारत योजना के जरिए सबको को इलाज देने का काम हो रहा है। हमारे देश के वैज्ञानिकों ने तीन टीका विकसित किया यह बडी उपलब्धि है। 12 से 18 साल के बच्चों के लिए भी टीका आ गया है। छोटे बच्चों के लिए टीका विकसित करने की कोशिश जारी है।

 

कोरोना पॉजिटिव रेट घट कर रह गया 0.01

मुख्य सचिव एवं संस्थान के अध्यक्ष आरके तिवारी ने कहा कि हम लोगों ने कोरोना से बहुत अच्छा मुकाबला किया जिसके लिए चिकित्सकों सहित अन्य स्टाफ ने काम किया। कोरोना पॉजिटिव रेट घट कर 0.01 रह गया। इसे बनाए रखना है। हम लोगों ने 78 हजार बेड तैयार किया है। 554 ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किया गया । 344 प्लाट काम करने लगे है। संस्थान के प्रगति पर संतोष जताया कहा कि उत्कृष्ट इलाज दिया  जा रहा है।

 

नंबर तक शुरू होगा एयर एंबुलेंस

संस्थान नंबर तक एयर एंबूलेंस शुरू करने की योजना पर काम कर रहा है। इससे मरीजों को बाहर से लाने में समय नहीं लगेगा। माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने 20 लाख से अधिक लोगों का कोरोना आरटी पीसीआर जांच किया जो सराहनीय है। एक सितंबर से ई ऑफिस शुरू करने जा रहे है। संस्थान को टेली आईसीयू का सेंटर बनाया गया है इससे प्रदेश से 6 मेडिकल कॉलेजों के 200 आईसीयू जुड़ेंगे इससे वहां पर मरीजों को विशेष इलाज मिलेगा।


इनको मिली डिग्री

 

डी एम - 40

 एम सी एच -18

 पी डीएफ -10

 एमडी- 33

 पी एच डी - 2

 एम एच ए- 5

 बीएससी नर्सिंग- 8


  प्रोफेसर एस आर नायक पुरस्कार-  इंडोक्राइन सर्जरी के प्रोफेसर और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर गौरव अग्रवाल

प्रो. एसएस अग्रवाल एवार्ड- एंडोक्राइनोलॉजी  विभाग के डा. संगम रजक 

प्रो. आरके शर्मा एवार्ड - क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी की डीएम डॉ पंक्ति मेहता यूरोलॉजी के एमसीएच छात्र - डा. सितांगशु काकोटी (यूरोलॉजी)

  




आटो इम्यून डिजीज के इलाज का करेंगे विस्तार

डा. कोसी नितिन थॉमस- डीएम क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी एंड रूमेटोलॉजी

 

आटो इम्यून डिजीज से ग्रस्त लोगों की संख्या बहुत अधिक है लेकिन जागरूकता की लोगों में कमी है। इन बीमारियों से ग्रस्त लोगों को समय पर सही इलाज नहीं मिल पा रहा है।  बीमारी के इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर भी बहुत कम है। इसी बात को ध्यान में रख कर मैने क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी एंड रूमेटोलॉजी विषय में विशेषज्ञता हासिल करने का फैसला लिया। इस संस्थान का यह विभाग देश का पहला विभाग है जहां पर यह पाठ्यक्रम शुरू हुआ। इस विभाग की एडवांस लैब ट्रेनिंग, पेशेंट मैनेजमेंट देश में पायनियर है। इस लिए यहां पर प्रवेश लिया। कोरना के रहने वाले डा. कोसी कहते है कि इंटर में जब था तभी डॉक्टर बनने के लिए सोचा था जिसके लिए एक साल तैयारी भी किया । एमबीबीएस और एमडी दोनों केरला गवर्नमेंट मेडिकल कालेज से किया। पत्नी पैथोलाजिस्ट है। पिता भी चिकित्सक है। इस विशेषज्ञता के विस्तार के लिए काम करूंगा। 



मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी की जरूरत

डा. अनिल कुमार गंगवार- डीएम गैस्ट्रो एन्ट्रोलॉजी

मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में इलाज की सुविधा बढ़े बिना सुपरस्पेशल्टी संस्थानों में भीड़ कम नहीं होगी। देखा गया है कि 20 से 25 फीसदी ऐसे मरीज आते है जिसका इलाज जिला अस्पताल स्तर पर हो सकता है। मेडिकल कॉलेजों में भी विशेषज्ञ नहीं है। गिने चुने विशेषज्ञता वाले संस्थान पूरे प्रदेश के मरीजों को राहत नहीं दे सकते है। बरेली के मूल निवासी और जीएसवीएम कानपुर से एमबीबीएस व केजीएमयू से एमडी करने वाले डॉक्टर अनिल गंगवार को दीक्षा समारोह में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में डीएम की डिग्री मिली है। वो कहते हैं कि सरकार चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार करें और विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशलिटी सेवाएं शुरू की जाए ताकि ग्रामीण इलाके के गरीबों को भी बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। 

डीएम की डिग्री लेने के बाद भी वह ग्रामीण इलाके में सेवा देने को तैयार हैं बशर्ते संबंधित चिकित्सा संस्थान में मरीजों के उपचार के संसाधन मिले। परिवार के पहले चिकित्सक के रूप में वह गांव और गरीब की सेवा के प्रति पूरी तरह तत्पर रहने का संकल्प लेते हैं। 

 
पेट है बीमारी की जड़ 

 डॉ आकाश माथुर- डीएम गैस्ट्रोएंटरोलॉजी 

सही खान-पान न होना तमाम बीमारी की जड़ है। अधिक कैलोरी ले रहे है लेकिन उतना ऊर्जा निकाल नहीं रहे है यानि श्रम नहीं कर रहे है तो मोटापा होगा कई बीमारी की  जड़ है। एसजीपीजीआई में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग से डिग्री हासिल करने वाले डॉक्टर आकाश माथुर कहते हैं कि शास्त्र में लिखा है कि सभी बीमारियों की जड़ पेट में होती है। मॉडर्न साइंस भी यह मानती है। ऐसे में उन्होंने एमबीबीएस करने के दौरान ही तय कर लिया था कि गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट बन कर समाज के ज्यादा से ज्यादा लोगों को राहत देने का प्रयास करेंगे। अजमेर के मूल निवासी डॉ आकाश माथुर इंदौर से एमबीबीएस और . मेडिकल कॉलेज जयपुर से एमडी हैं। वह अपनी ऊर्जा ऐसी जगह लगाना चाहते हैं जहां उनकी पढ़ाई का ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा मिल सके।


छोटे शहरों में पेट रोग विशेषज्ञ की है जरूरत  
डॉ अंकुर यादव- डीएम गैस्ट्रो एन्ट्रोलॉजी 

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी से डीएम की डिग्री ले रहे डॉ अंकुर यादव का कहना है कि उन्होंने संकल्प लिया है कि हर मरीज के साथ एक जैसा व्यवहार रखेंगे। उनके कार्य और व्यवहार में शहरी, ग्रामीण, गरीब और अमीर के बीच कोई अंतर नहीं दिखेगा। प्रयास रहेगा कि उन लोगों को भी गैस्ट्रो संबंधित चिकित्सा सुविधाएं मिलें जो ग्रामीण इलाके में रहते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर को भी शहरों की तरह बेहतर चिकित्सा सुविधा देने का प्रयास किया जाएगा। जौनपुर के मूल निवासी डॉ अंकुर ने इंदौर से एमबीबीएस और आगरा से एमडी की डिग्री ली है। परिवार के पहले चिकित्सक के रूप में वह गरीबों की सेवा में तत्पर रहने की बात कहते हैं। इसके लिए छोटे शहरों में गैस्ट्रोलॉजी की शाखाएं शुरू करने पर विचार है। 

 
बढ रही दिल की बीमारी 

डॉ स्मारक राउत- डीएम कार्डियोलॉजी

कार्डियोलॉजी से डीएम की डिग्री लेने वाले डॉक्टर स्मारक राउत का कहना है कि हृदय रोगियों की संख्या बढ़ रही है लेकिन अस्पतालों में संसाधन कम है। ऐसे में तमाम लोगों की मौत हो जाती है। इस मृत्यु दर को कम करने के लिए वह छोटे शहरों और कस्बों में कार्डियोलॉजी सेवा का विस्तार करेंगे। कार्डियोलॉजी में इंटरवेंशन और मेडिसिन दोनों के जरिए मरीजों का उपचार किया जा सकता है। इस वजह से भी उन्होंने इस विधा को चुना।  डॉ राउत परिवार के पहले डॉक्टर हैं और उड़ीसा के मूल निवासी हैं। इन्होंने कोलकाता से एमबीबीएस और गुवाहाटी से एमडी किया है।


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