किडनी , ब्रेन और लिवर को प्रभावित कर सकता है स्क्रब टाइफी
बुखार के दूसरे कारण न मिले परमिला स्क्रब टाइफस का संक्रमण
कुमार संजय। लखनऊ
स्क्रब टाइफी किडनी की कार्यक्षमता में कमी, दिमाग में सूजन और लीवर की कार्य क्षमता को कमी का कारण साबित हो रहा है। राजधानी के चिकित्सा विज्ञानियों ने इस बैक्टीरिया से संक्रमित लोगों पर शोध के बाद पाया कि यदि 10 दिन से बुखार है तमाम कारण टाइफाइड, डेंगू, मलेरिया सहित अन्य की जांच से कारण का पता नहीं लग रहा है तो इस बैक्टीरिया के संक्रमण की आशंका पर भी नजर रखने की जरूरत है। इस बैक्टीरिया के संक्रमण के इलाज न होने पर किडनी की कार्य क्षमता में कमी यानी एक्यूट किडनी इंजरी, एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम , हेपेटाइटिस और सांस लेने में परेशानी हो सकती है। वैज्ञानिकों ने देखा कि स्क्रब टाइफी से संक्रमित होने वाले लोगों में 82.7 फीसदी ग्रामीण इलाके के लोग मिले। स्क्रब टायफस पिस्सू के काटने से होता है। यह पिस्सू घास और झाड़ियों और चूहे के रहने वाले स्थानों में पाया जाता है। घास और झाड़ियों में घूमना, जंगलों में कैंपिंग करना, घास और जंगलों में पूरे तन को न ढकने के कारण लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं। यह पशुओं के शरीर में पाए जाने वाले पिस्सू से फैलने वाली बीमारी है. जो पिस्सू के खून चूसने से होती है जो काटने पर लार छोड़ देते हैं. इससे रिकेट्सिया नाम का वायरस इंसान के शरीर में प्रवेश कर जाता है. जो खून की प्लेटलेट्स को तेजी से कम करता है और रोगी की हालत बिगड़ जाती है.। सभी को आठ से 12 दिन से बुखार की परेशानी थी।
क्या है इलाज
कई अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि इस रोग के इलाज में टेट्रासाइक्लिन के साथ कीमोप्रोफिलेक्सिस बेहद प्रभावशाली रहती है. जिन इलाकों में पिस्सू अधिक पाए जाते हों, वहां के लोगों को त्वचा और कपड़ों पर कीट भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का प्रयोग करना चाहिए. कपड़ों और बिस्तर आदि पर परमेथ्रिन और बेंजिल बेंजोलेट का छिड़काव करना चाहिए.
ऐसे हुआ शोध
पांच दिन से अधिक बुखार के मरीज का मलेरिया परजीवियों के लिए पेरीफेरल ब्लड स्मीयर, लिवर फंक्शन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट, यूरिन टेस्ट और डेंगू, चिकनगुनिया, स्क्रब टाइफस, लेप्टोस्पायरोसिस और एंटरिक फीवर के लिए सीरोलॉजी सहित कम्पलीट ब्लड काउंट (सीबीसी) परीक्षण किया गया। छाती का एक्स-रे और पेट का अल्ट्रासाउंड भी कियागया। स्क्रब टाइफस सीरोलॉजी का एलिसा किट का उपयोग करके आरेटिंयासुत्सुगामुसी के खिलाफ आईजीएम एंटीबॉडीके लिए परीक्षण किया गया था। एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम के लिए मस्तिष्क की सीटी/एमआरआई इमेजिंग और रोगियों के सेरेब्रल स्पाइनल द्रव का विश्लेषण उन रोगियों में किया गया। किंग जार्ज मेडिकल विवि के मेडिसिन विभाग के डा. सुधीर कुमार वर्मा के साथ डा. कमलेश के गुप्ता, डा. विवेक कुमार, डा. डी हिमांशु, डा. श्याम सी चौधरी, डा. सत्येंद्र कुमार सोनकर, डा. नीरज वर्मा, डा. दीपक शर्मा, मेडिकल कालेज जालौन के डा. राजेश के आर्या, किंग जार्ज मेडिकल विवि के इंडोक्राइनोलॉजी विभाग के डा. सतीश कुमार के शोध को जर्नल ऑफ फैमिली मेडिसिन एंड प्राइमरी केयर ने स्वीकार किया है।
स्क्रब टाइफी के कारण परेशानी
-हेपेटाइटिस- 69.2 फीसदी
- एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम 47 फीसदी
- एक्यूट किडनी इंजरी 23.1फीसदी
- एक्यूट रेस्पिरेटरी फेल्योर 19.2 फीसदी
- त्वचा पर पपड़ी 21.2 फीसदी
क्या है स्क्रब टाइफस
संक्रामक रोग है जो ओरिएंटिया सुत्सुगामुषी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह पहली बार जापान में 1899में रिपोर्ट किया गया था और इसे सुत्सुगामुषी रोग भी कहा जाता है।स्क्रब टाइफस संक्रमण के लक्षण क्या हैं
-त्वचा पर पपड़ी पड़ जाती है (इसे एस्चर के नाम से भी जानाजाता है)
-लाल चकत्ते
-शरीर में दर्द और मांसपेशियों में दर्द
-सिरदर्द-बुखार और ठंड लगना
-लिम्फ नोड्स का बढ जाना
-मानसिक परिवर्तन, मतिभ्रम
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