शुक्रवार, 13 अगस्त 2021

दो गुना हो गयी है तंत्रिता तंत्र की बीमारी ब्रेन स्ट्रोक, मिर्गी और सिर पर चोट की परेशानी

 दो गुना हो गई गैर संचारी न्यूरोलॉजिकल परेशानियां 


 



ब्रेन स्ट्रोक, मिर्गी , चोट बन रहे बड़े कारण

 

 देश का पहला शोध में जिसमें पता लगा कि कितने लोग किस न्यूरोलॉजिकल बीमारियों प्रभावित

 

 कुमार संजय। लखनऊ

   तंत्रिका तंत्र की परेशानियां  ब्रेन स्ट्रोकमिर्गीसिर दर्द   में 4.2 की वृद्धि दर्ज की गयी है। इस तथ्य का खुलासा इंडिया स्टेट लेवल डिजीज वर्जन इनीशिएटिव ने किया है।  द वर्डेन ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एक्रॉस द स्टेट ऑफ इंडिया द ग्लोबल वर्डेन आफ डिजीज स्टडी नाम से हुए शोध को इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल लासेंट ने इसी हफ्ते जारी किया है। उत्तर प्रदेश सहित  कई राज्यों से मिले आकड़ों पर शोध करने के बाद बताया है कि 1990 में न्यूरोलॉजिकल ( तंत्रिका तंत्र) की बीमारियों की चार फीसदी थी जो 2019 में बढ़ कर 8.2 फीसदी हो गया। ब्रेन स्ट्रोक सबसे बडा कारण  सामने आया है। सिरदर्द और मिर्गी भी बड़ा कारण है। रिपोर्ट के मुताबिक संचारी( कम्युनिकेबल ) तंत्रिका तंत्र की बीमारी इंसेफेलाइटिसमेनिनजाइटिस और टिटनेस के बीमारियों में कमी आयी है। 2019 में घट कर 1.1 फीसदी हो गया जो 1990 में 4.1 फीसदी था। चोट से संबंधित तंत्रिका संबंधी विकारों का योगदान 02 फीसदी  से बढ़कर 06 फीसदी हो गया।

 

रिपोर्ट की सलाह

 

गैर-संचारी और चोट से संबंधित तंत्रिका संबंधी विकार बढ़ रहे है। न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के इलाज  विशिष्ट स्वास्थ्य प्रणाली की जरूरत है।   जागरूकताप्रारंभिक पहचानउपचार और पुनर्वास पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

 

 

 

 

तीन तरह के होते है न्यूरोलॉजिकल बीमारी  

 

न्यूरोलॉजिकल विकारों में गैर-संचारी तंत्रिका( नॉन कम्युनिकेबल न्यूरोलॉजिकल) बीमारी में    स्ट्रोकसिरदर्द विकारमिर्गीसेरेब्रल पाल्सीअल्जाइमर रोग और अन्य मनोभ्रंशमस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र कैंसरपार्किंसंस रोगमल्टीपल स्केलेरोसिसमोटर न्यूरॉन रोग और अन्य तंत्रिका संबंधी विकार) शामिल हैं। संचारी तंत्रिका तंत्र की बीमारी( कम्युनिकेबल न्यूरोलॉजिकल डिजीज)  में एन्सेफलाइटिसमेनिन्जाइटिस और टिटनेस और चोट से संबंधित तंत्रिका बीमारी में  दर्दनाक मस्तिष्क की चोट और रीढ़ की हड्डी की चोट।

 

 

 

 

 

यह हो सकते है कारण

तंत्रिका रोगों के कारणों में  उच्च रक्तचापवायु प्रदूषणआहार संबंधी जोखिमउच्च रक्चताप,  उपवास प्लाज्मा ग्लूकोज और उच्च बॉडी-मास इंडेक्स (मोटापा)  बडे कारण है। इसके आलावा संक्रमण और चोट भी बडा कारण है। 

 

उत्तर प्रदेश में न्यूरोलॉजिकल बीमारियों की दर

-गैर संचारी न्यूरोलॉजिकल बीमारियां- 2559 प्रति एक लाख

-संचारी न्यूरोलॉजिकल बीमारियां - 400 से अधिक प्रति एक लाख

 -चोट के कारण न्यूरोलॉजिकल बीमारियां-160 -189 प्रति एक लाख

 

स्ट्रोक- 37.9 फीसदी

सिर दर्द- 17.5

मिर्गी- 11.3

सेरीब्रल पाल्सी- 5.7

 

इंसेफेलाइटिस- 5.3

अल्जाइमर- 4.6

ब्रेन और सीएनएस( सेंट्रल नर्वस सिस्टम) कैंसर- 2.2

पार्किंसंस- 1.8

मल्टीपिल स्केलोरोरिस- 0.2

मोटर न्यूरॉन डिजीज- 0.1

मेनिनजाइटिस- 4.8

टिटनस- 1.1

इंजरी-6.0

ब्रेन इंजरी और स्पाइनल कॉर्ड इंजरी - 4.1

 

 

ब्रेन और स्पाइनल कार्ड इंजरी न्यूरोलॉजिकल परेशानी का बड़ा कारण है इसके लिए वाहन चलाते समय हेलमेटओवर स्पीड से बचने की जरूरत है। इसके साथ शुगर बीपीमोटापे कम करने  पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के कारण व्यक्ति कई बार काम करने में असमर्थ हो जाता है। अपने काम भी नहीं कर पाता है ...प्रो. रुचिका टंडन तंत्रिका रोग विशेषज्ञ संजय गांधी पीजीआई   

 

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें