पीजीआई कोविड अस्पताल के कर्मियों को मानदेय न मिलने से आक्रोश
-करीब 600 कर्मियों का दो माह से भुगतान नही हुआ
-11 जनवरी को प्रशासनिक भवन का घेराव की चेतावनी
संजय गांधी
पीजीआई के राजधानी कोविड अस्पताल में काम करने वाले आउटसोर्सिंग कर्मी दो माह से मानदेय न मिलने से आक्रोशित हैं। करीब 600 कर्मचारी हैं। जिन्हें अभी तक नवम्बर और दिसम्बर का भुगतान नही हुआ है। मानदेय मांगने पर इन कर्मियों को संस्थान प्रशासन के अफसर नौकरी से निकालने की धमकी दे रहे हैं। खफा कर्मियों ने तीन दिन के भीतर भुगतान न होने पर सोमवार को कोविड अस्पताल में पीपीई किट पहन कर प्रदर्शन करने की धमकी दी है।
पीजीआई की मुख्य बिल्डिंग व कोविड अस्पताल में कार्यरत करीब छह सौ डाटा इंट्री ऑपरेटर, पेशेंट हेल्पर और चालक अप्रैल से अब तक कोविड वार्ड में छह से सात बार ड्यूटी कर चुके हैं। इसके बावजूद संस्थान प्रशासन इनके साथ भेदभाव कर रहा है। जब कर्मचारी मानदेय मांगने ऑउट सोर्सिंग कंपनी के प्रतिनिधि के पास जाते हैं तो यह लोग पीजीआई द्वारा बजट न देने की बात कहकर संस्थान के अफसरों के पास भेज देते हैं। उल्टा अफसर इन्हें पीजीआई का नही मानते हुए कंपनी के पास भेज देते हैं।
राशन के लिए पैसे नही
कोविड वार्ड में 14 दिन की ड्यूटी करने वाले इन कर्मियों के घर पर राशन और कमरे का किराया देने के लिए रुपये नही हैं। कोविड वार्ड में ड्यटी की वजह से पड़ोसी में मदद करने से कतराते हैं। एक कर्मी ने बताया कि अधिकांश कर्मी पीजीआई के आसपास किराए के मकानों में रहते हैं। कोविड अस्पताल में 14 दिन ड्यूटी करने की वजह से यह घर भी नही जा पा रहे हैं। मानदेय न मिलने की वजह से बच्चे व परिवार के सदस्यों के आगे खाने की समस्या गई है।
संस्थान प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी गोलमोल जवाब दे रहे हैं। भुगतान में हो रही देरी पर खुद की जिम्मेदारी से बच रहे हैं।
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