पीजीआई में हास्पिटल इंफेक्शन कंट्रोल पर सेमीनार
भर्ती होने के बाद अस्पताल में चालिस फीसदी में होता है इंफेक्शन
इंफेक्शन के कारण बढ़ जाता है इलाज का खर्च
यूटीआइ में फेल हो रही है 80 फीसदी एंटीबायोटिक
यूटीआई के 50 से 80 फीसदी मामलों में सामान्य एंटीबायोटिक फेल हो रही है। इलाज के लिए इंजेक्टेबिल( कार्बोपेनम सहित अन्य) एंटीबायोटिक देना पड़ रहा है। यूटीआई का सबसे बडा कारण ई कोलाई है अंधाधुंध एंटीबायोटिक के इस्तेमाल के कारण बैक्टीरिया तमाम एंटीबायोटिक के खिलाफ प्रतिरोध पैदा कर लिया है। संजय गांधी पीजीआइ में हास्पिटल इंफेक्शन सोसाइटी( लखनऊ चैप्टर) के शुरूआत के मौके पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के डा. अनुज शर्मा ने कहा कि एंटीबायोटिक प्रतिरोध को कम करने के लिए स्टेट एक्शन प्लान शुरू होना चाहिए। इसमें पशुपालन, पर्यावरण , स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य की भागीदारी तय होगी। दो राज्य इस पर काम कर रहे हैं। आयोजक प्रो. राजेश हर्षवर्धन और प्रो. रिचा मिश्रा ने कहा कि एंटी बायोटिक शुरू करने पहले कल्चर और सेंसटिवटी जांच होनी चाहिए लेकिन इस जांच की सुविधा कम है। कहा कि इंफेक्शन मरीज के इलाज का खर्च बढा रहा है। लंबे समय तक बेड पर रहने के कारण दूसरे मरीज को भर्ती होने का मौका नहीं मिलता। इस तरह अस्पताल में होने वाले संक्रमण के कारण मरीज तो खुद परेशान हो ही रहा है। साथ में दूसरे मरीज को भी परेशान कर रहा इसके साथ इलाज करने वाले डाक्टर के लिए भी परेशानी खड़ी कर रहा है।
घट है इंफेक्शन
संजय गांधी पीजीआई के हास्पिटल इंफेक्शन कमेटी के नोडल अाफीसर प्रो. राजेश हर्ष वर्धन ने कहा कि हास्पिटल इंफेक्शन की गाइड लाइन को फालो कर अस्पताल में होने वाले संक्रमण को घटा कर 33 फीसदी तक लाया जा सकता है।सबसे अधिक हास्पिटल जनित इंफेक्शन का खतरा सर्जरी वाले , अाईसीयू वाले मरीजों में होता है। आईसीयू में हास्पिटल जनित संक्रमण अाठ फीसदी मानक है लेकिन विकासशील देशों में यह चालिस फीसदी तक है। देखा गया है कि यूटीआई( यूरनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) 15 से 40 फीसदी , सर्जरी वाली जगह पर 15 से 25 फीसदी, सेप्टीसीमिया 7 से 10 फीसदी और वेंटीलेटर के कारण निमोनिया दो से पांच फीसदी मरीजों में होता है। इसके कारण मरीजों को अस्पताल में अधिक समय तक भर्ती रहना पड़ता है।
केवल हैंड हाइजिन से कम हो सकता है इंफेक्शन
सोसाइटी के सचिव डा. रमन सरदाना ने कहा कि केवल हाथ धुल कर मरीज को छूने से हास्पिटल जनित इंफेक्शन को 20 फीसदी तक कम किया जा सकता है लेकिन काम के दबाव और सुविधा की कमी के कारण 70 फीसदी लोग इसे फालोनहीं करते । वायरल इंफेक्शन के 70 फीसदी मामलों में एंटीबायोटिक का इस्तेमला हो रहा है। डाक्टर को एंटीबायोटिक लिखने और मरीज को एंटीबायोटिक खाने से पहले सौ बार सोचना चाहिए। शुरू करें तो तय समय तक खाएं।
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