पीजीआई - टीएमएस तकनीक से मिलेगा रोज़ सिरदर्द से छुटकारा
टीएमएस थेरेपी से 50 फीसदी तक सिर दर्द में राहत
कुमार संजय
रोज़ाना सिरदर्द की समस्या झेल रहे मरीजों के लिए राहत की खबर है। संजय गांधी पीजीआई, लखनऊ के न्यूरोलॉजी विभाग के विशेषज्ञों ने ट्रांसक्रानियल मैग्नेटिक स्टिमुलेशन (टीएमएस) तकनीक से इलाज कर सिरदर्द में 50 फीसदी तक की कमी दर्ज की है। खास बात यह है कि यह थेरेपी उन मरीजों के लिए कारगर साबित हुई, जिन पर दवाओं का असर कम हो जाता था। सिर दर्द में परेशानी के साथ ही शोध के नतीजों के अनुसार सिरदर्द की तीव्रता में 50 फीसदी तक सुधार हुआ।हर 28 दिनों में औसतन 10.84 दिन सिरदर्द कम हुआ।अवसाद और चिंता के लक्षणों में भी राहत मिली।
रोज़ाना सिरदर्द से परेशान मरीजों को राहत
डॉक्टरी भाषा में इस स्थिति को न्यू डेली पर्सिस्टेंट हेडेक (NDPH) कहा जाता है, जिसमें मरीज हर दिन सिरदर्द से जूझते हैं। यह समस्या क्रोनिक डेली हेडेक (सीडीएच) विकारों में आती है, जिससे दुनिया में करीब 4 फीसदी लोग प्रभावित हो सकते हैं। शोध में पाया गया कि टीएमएस तकनीक से सिरदर्द की तीव्रता और दर्द के दिनों में महत्वपूर्ण कमी आई। टीएमएस तकनीक उन मरीजों के लिए नई उम्मीद बन सकती है, जो रोज़ाना सिरदर्द से परेशान रहते हैं और जिन पर दवाओं का असर कम होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह थेरेपी सिरदर्द से स्थायी राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकती है।
शोध में 50 मरीजों पर हुआ परीक्षण
पीजीआई के न्यूरोलॉजी विभाग के विशेषज्ञों ने 50 मरीजों (31 महिलाएं शामिल) पर यह अध्ययन किया। मरीजों को लगातार तीन दिनों तक टीएमएस थेरेपी दी गई, जो बाएं प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स में दी जाती है। चार हफ्ते बाद 70 फीसदी मरीजों में 50 फीसदी तक दर्द में राहत मिली।
क्या है टीएमएस तकनीक?
ट्रांसक्रानियल मैग्नेटिक स्टिमुलेशन एक नॉन-इनवेसिव (चीरा रहित) तकनीक है, जिसमें चुंबकीय तरंगों के जरिए मस्तिष्क की नर्व कोशिकाओं को उत्तेजित किया जाता है। इससे सिरदर्द की तीव्रता को कम किया जाता है और मरीज को राहत मिलती है।
अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुआ शोध
यह शोध संजय गांधी पीजीआई के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रो. विमल कुमार पालीवाल के निर्देशन में डॉ. एम.एम. भारथा, स्वांशु बत्रा, डॉ. नैना मिश्रा और डॉ. रोमिल सैनी द्वारा किया गया। शोध को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ हेडेक एंड पेन में प्रकाशित किया गया है।