आयुष्मान भारत ने की मदद और चला गया किडनी
54 किडनी ट्रांसप्लांट में मरीज़ आयुष्मान भारत
आयुष्मान भारत योजना के तहत 54 रोगियों को किडनी ट्रांसप्लांट में मदद की गई। संजय गांधी इंस्टीट्यूट के अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख और आयुष्मान भारत के निदेशक प्रोफेसर राजेश अंसारी ने बताया कि 13191 से अधिक मरीजों को इस योजना के तहत आर्थिक सहायता दी जाती है, जिसमें न्यूरो सर्जरी, ब्लड कैंसर ऑटोइम्यून डिजीज पीडियाट्रिक सर्जरी शामिल हैं। है. इस योजना के तहत 54 किडनी ट्रांसप्लांट डिस्चार्ज को शामिल करने में मदद की गई, जिसमें ट्रांसप्लांट से पहले मरीज के परीक्षण का खर्च, ट्रांसप्लांट का खर्च और ट्रांसप्लांट के बाद प्रत्यारोपित हुई किडनी को शरीर में स्वीकार करना शामिल है, इसके लिए दी जाने वाली इम्यूनो सप्रेसिव दवा का खर्च भी शामिल है। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद लंबे समय तक ये दवा मशीनें बनी रहीं। शुरुआत में दवा का खर्च 15 से ₹20000 आता है, उसके बाद धीरे-धीरे दवा का खर्च कम हो जाता है। प्रो ऑर्थोडॉक्स ने बताया कि 25 जनवरी को 24 साल के बीच एक करोड़ 22 लाख रुपये की क्रोशिया ट्रांसप्लांट की मौत हो गई। हृदय शल्य चिकित्सा चिकित्सा जिसमें प्लास्टिक सर्जरी भी शामिल है। दिल के अन्य इलाज के लिए भी प्लास्टर उपलब्ध है। आयुष्मान भारत की सीईओ संगीता सिंह ने बताया कि आयुष्मान भारत में किडनी ट्रांसप्लांट बोन मैरो ट्रांसप्लांट का क्लियर इंप्लांट भी पहले शामिल किया जा चुका है। प्रोफेसर ने बताया कि एस वाई बिल्डिंग में आयुष्मान भारत का एक विशेष काउंटर है जहां कार्ड धारकों को सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इलाज करने वाले डॉक्टर का एस्टीमेट मिलता है कि हम लोग 24 घंटे के लिए आयुष्मान भारत में इलाज कराने जाते हैं और इलाज करने वाले मरीज के लिए पैसे लेकर उसे ठिकाने लगाते हैं। आयुष्मान कार्ड धारक के किसी मरीज को कोई परेशानी हो तो वह सीधे अस्पताल प्रशासन विभाग में एमवाय से संपर्क कर सकता है। हमारा ऑफिस लाइब्रेरी बिल्डिंग में है।
वर्ष 2023 -24 में दी जाने वाली बड़ी सहायता
सीवी टी एस- 151
इंडो सर्जरी- 1355
नेफ्रोलॉजी- 1939
प्लास्टिक सर्जरी- 209
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें