शनिवार, 20 जुलाई 2024

पीजीआई में शुरू हुआ उत्तर भारत का पहला ट्रांसजेंडर क्लीनिक

 


पीजीआई में शुरू हुआ उत्तर भारत का पहला ट्रांसजेंडर क्लीनिक


- हर शुक्रवार को होगी ओपीडी


- 6 विभागों के विशेषज्ञ मिलकर करेंगे इलाज


- मल्टी स्पेशियलिटी की मिलेगी सुविधा




संजय गांधी पीजीआई में उत्तर भारत के पहला ट्रांसजेंडर क्लीनिक शुक्रवार को शुरू हो गया।  नोडल ऑफिसर एवं एंडोक्राइन विभाग के प्रमुख प्रो. सुशील गुप्ता ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय को हमारे समाज में पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करने में एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता है। इनकी  विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप मल्टी स्पेशिएल्टी युक्त चिकित्सा सेवाएं और व्यापक देखभाल दिया जाएगा। इसमें  हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, रिडक्शन मैमोप्लास्टी,जननांग पुनर्निर्माण सर्जरी, परामर्श, मनोरोग सहायता और त्वचा विज्ञान सेवाएं शामिल हैं। इनके इलाज के लिए 6 विभागों की मदद ली जाएगी।  प्लास्टिक सर्जरी और बर्न विभाग के  प्रमुख प्रो. राजीव अग्रवाल,  यूरोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांटेशन विभाग के प्रमुख प्रो. एम.एस. अंसारी,  मनोरोग विभाग से  डॉ. रोमिल सैनी, त्वचाविज्ञान और यौन रोग विभाग से  डॉ. अजित कुमार और माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख प्रो.  रुंगमेई एस.के. मराक शामिल हैं। बताया कि ओ पी डी प्रत्येक शुक्रवार को होगी। छह बिस्तरों वाले एक वार्ड भी तैयार किया गया है।  उद्घाटन समारोह में  मुख्य अतिथि प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं सलाहकार, ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड, उत्तर प्रदेश सरकार  देविका देवेंद्र एस मंगलामुखी ने समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों और उनके कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर जोर दिया। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर राधा कृष्ण धीमन ने कहा कि इस इकाई की स्थापना से समुदाय के सभी सदस्यों को गरिमा और सम्मान के साथ सेवा मिलेगी। सीएमएस प्रो. संजय धीराज, एमएस प्रो. प्रीति दबडघाव, एंडोक्राइनोलॉजिस्ट प्रो. सुभाष यादव ने कहा कि ट्रांसजेंडर के देखभाल के लिए कई तरह पर काम करने की जरूरत है जो यहां पूरी होगी।


 


 


 


 


 


 


क्या होते हैं ट्रांसजेंडर


 ट्रांसजेंडर व्यक्ति वह होता है जिसकी लिंग पहचान जन्म के समय उसे दी गई लिंग पहचान से भिन्न होती है। भारत में लगभग 5 लाख व्यक्ति ट्रांसजेंडर हैं।

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