शनिवार, 20 जुलाई 2024

पीजीआई में हुई दिल के नीचे तक फैले हुए किडनी कैंसर की रोबोटिक सर्जरी

 


पीजीआई में हुई दिल के नीचे तक फैले हुए किडनी कैंसर की रोबोटिक सर्जरी 


पीजीआई में हुई जटिल किडनी कैंसर की सर्जरी


 संजय गांधी स्नातकोत्तर पीजीआई के यूरोलॉजी और गुर्दा प्रत्यारोपण विभाग ने बाएं गुर्दे के कैंसर के लिए दुर्लभ और अत्यंत जटिल रोबोटिक सर्जरी सफलतापूर्वक की है, जिसमें ट्यूमर हृदय के स्तर के ठीक नीचे इन्फीरियर वीना कावा नामक मुख्य रक्त वाहिका तक फैला हुआ था। वाराणसी से

65 वर्षीय महिला को  सर्जरी के लिए भेजा गया था।

प्रो उदय प्रताप सिंह ने बताया कि   कैंसर के इनफीरियर वीना कावा   में फैलाव के कारण सर्जरी में जटिल थी।  । सर्जरी के दौरान इनफीरियर वीना  कावा के  निगरानी आवश्यक थी । कई बार थ्रोम्बस के टूट कर जाने से   पल्मोनरी  एम्बोलिज्म या मृत्यु का कारण बन सकता है।  थ्रोम्बस की स्थिति की निगरानी के लिए इंट्रा-इसोफेगल अल्ट्रासाउंड  का उपयोग किया। मरीज की जल्द स्वास्थय लाभ की वजह से सर्जरी के चार दिन बाद छुट्टी दे दी गई। 

ऑपरेशन के दौरान लिवर का कन्ट्रोल भी महत्वपूर्ण हिस्सा था ।  टीम में   डॉ. रजनीश कुमार सिंह ने  किया। एनेस्थीसिया टीम, जिसका नेतृत्व डॉ. संजय धीराज और डॉ. अमित रस्तोगी  ने सर्जरी की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।



पीजीआई में हुई दिल के नीचे तक फैले हुए किडनी कैंसर की रोबोटिक सर्जरी 

पीजीआई में हुई जटिल किडनी कैंसर की सर्जरी

 संजय गांधी स्नातकोत्तर पीजीआई के यूरोलॉजी और गुर्दा प्रत्यारोपण विभाग ने बाएं गुर्दे के कैंसर के लिए दुर्लभ और अत्यंत जटिल रोबोटिक सर्जरी सफलतापूर्वक की है, जिसमें ट्यूमर हृदय के स्तर के ठीक नीचे इन्फीरियर वीना कावा नामक मुख्य रक्त वाहिका तक फैला हुआ था। वाराणसी से
65 वर्षीय महिला को  सर्जरी के लिए भेजा गया था।
प्रो उदय प्रताप सिंह ने बताया कि   कैंसर के इनफीरियर वीना कावा   में फैलाव के कारण सर्जरी में जटिल थी।  । सर्जरी के दौरान इनफीरियर वीना  कावा के  निगरानी आवश्यक थी । कई बार थ्रोम्बस के टूट कर जाने से   पल्मोनरी  एम्बोलिज्म या मृत्यु का कारण बन सकता है।  थ्रोम्बस की स्थिति की निगरानी के लिए इंट्रा-इसोफेगल अल्ट्रासाउंड  का उपयोग किया। मरीज की जल्द स्वास्थय लाभ की वजह से सर्जरी के चार दिन बाद छुट्टी दे दी गई। 
ऑपरेशन के दौरान लिवर का कन्ट्रोल भी महत्वपूर्ण हिस्सा था ।  टीम में   डॉ. रजनीश कुमार सिंह ने  किया। एनेस्थीसिया टीम, जिसका नेतृत्व डॉ. संजय धीराज और डॉ. अमित रस्तोगी  ने सर्जरी की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें