रविवार, 17 अप्रैल 2022

पीजीआई में पहली बार रोटा प्रो तकनीक से महिला की धमनी का ब्लॉकेज खोला

 

पीजीआई में पहली बार रोटा प्रो तकनीक से महिला की धमनी का ब्लॉकेज खोला
-महिला की धमनी केई दीवारों पर कैल्शियम जमा हो गया था
-हाथ से की एंजियोप्लास्टी


संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान
के हृदय रोग विशेषज्ञ ने ने पहली बार रोटा प्रो तकनीक से महिला के धमनी में जमें कैल्शियम और ब्लॉकेज को दूर किया। हाथ के रस्ते एंजियोप्लास्टी की है। महिला के स्वस्थ होने पर छुट्टी कर दी गई है। यह कामयाबी संस्थान के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों हासिल की है। 

पीजीआई के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो आदित्य कपुरने बताया कि राजधानी की 45 साल की महिला के सीने ने छह माह से दर्द हो रहा था। उच्च रक्तचाप के साथ महिला डायबिटीज से पीड़ित है। पीजीआई मेंएंजियोग्राफी  जांच से पता चला कि महिला की धमनियों की दीवारों पर कैल्शियम जमा था। धमनी में जमा कैल्शियम कठोर होने की वजह से एंजियोप्लास्टी गुब्बारा से धमनी को पूरी तरह से खोलना सम्भव नहीं था। लिहाजा डॉक्टरों ने फ्लोरोस्कोप की सहायता से दिल की धमनियों के अंदर कैथेटर के समान ड्रिल को डालकर जमा कैल्सियम काटकर हटाया गया।

कार्डियोलॉजिस्ट प्रो सत्येंद्र तिवारी बताते हैं कि रोटाप्रो तकनीक का उपयोग पैर के बजाय हाथों से होता है। कैल्शियम हटाने के बाद हाथ के रास्ते एंजियोप्लास्टी की मदद से स्टंट डालकर धमनियों को फुला दिया गया। ताकि धमनियों में दोबारा से सिकुड़ न आये।

यह है डॉक्टरों की टीम
महिला की जटिल एंजियोप्लास्टी में रोटा प्रो तकनीक का उपयोग करने वाली टीम में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. आदित्य कपूर, प्रो. सत्येंद्र तिवारी, प्रो. रूपाली खन्ना व प्रो अंकित साहू थे। संस्थान के निदेशक डॉ. आर के धीमन ने कार्डियोलाजी की पूरी टीम को इस उत्कृष्ट कार्य के लिए सराहा एवं सभी को बधाई दी है।

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