शनिवार, 26 फ़रवरी 2022

पीजीआई में टेक्नोलॉजिस्ट ने दिखाया हुनर

 



 संजय गांधी पीजीआई मे आज

एनस्थीसिया एंड ओटी टेक्नोलॉजिस्ट के तत्वाधान में, द्वितीय नेशनल कॉन्फ्रेंस TECHNOCON 2022 का उद्घाटन संस्थान के निदेशक  प्रोफेसर आर के धीमन के द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफ़ेसर गौरव अग्रवाल, विभागाध्यक्ष प्रो  एस पी अंबेश व ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ एनेस्थीसिया एंड ओटी टेक्नोलॉजिस्ट के महामंत्री श्री फिरोज आलम उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री एन के चौरसिया जी द्वारा की गई।

इस कार्यक्रम में देश भर से आए हुए लगभग 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।यह प्रतिनिधि लगभग 10 विभिन्न प्रदेशों जैसे तमिलनाडु, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश से आए थे। 

 प्रतिभागी नई विधाओं को सीखने और ऑपरेशन थिएटर में संक्रमण से बचाव और नए उपकरणों की प्रदर्शनी मे शामिल हुए। जूम ऐप के माध्यम से लगभग 200 से अधिक टेक्नोलाजिस्ट इस कांफ्रेंस में शामिल हुए।

 इस अवसर पर निदेशक महोदय ने  एनेस्थीसिया और ओ टी  टेक्नोलॉजिस्ट के द्वारा कोविड 19 महामारी के दौरान दिए गए योगदान की भूरी भूरी प्रशंसा की। इन कठिन विषम परिस्थितियों में विभागीय तकनीकी अधिकारियों द्वारा जो उपकरणों का विकास और निर्माण किया गया, उसकी भी उन्होने सराहना  की। 

साथ ही नई विधाओं में उनको प्रशिक्षण के लिए और और नई खोज और टेक्नोलॉजी विकसित करने के लिए प्रेरित भी किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि संस्थान के स्तर से उनके इस अभियान को और बढ़ावा दिया जाएगा।


प्रोफेसर गौरव अग्रवाल ने , एनएसथीसिया टेक्निशियन के  द्वारा ऑपरेशन थिएटर में दिए गए दिए जा रहे योगदान जी चर्चा की और भूरि भूरि प्रशंसा की। उन्होंने आश्वासन भी दिया कि तकनीकी संवर्ग के हितों का संवर्धन किया जाएगा। हेमाटोलॉजी विभाग के टेक्नोलॉजिस्ट मनोज सिंह ने स्टेम सेल ट्रांसप्लांट में टेक्नोलॉजिस्ट की भूमिका पर बताया कि पेरीफेरल ब्लड से स्टेम सेल को अलग करने और उसकी पहचान में आम भूमिका है रेडियोलोजी विभाग के टेक्नोलॉजिस्ट सरोज वर्मा ने सर्जरी से पहले प्री एनएसथसिया चेकअप में एक्स-रे की भूमिका पर जानकारी दिए।


संस्थान के मेडिकल ऑफिसर श्री धीरज सिंह के पुष्पराज द्वारा वीडियो लैरिंगोस्कोप को कम लागत में और हर जगह आसानी से काम आने के लिए बनाने व श्री सुनील प्रकाश वर्मा तथा श्री चंद्रेश कश्यप कश्यप द्वारा बनाए गए इको प्रोब होल्डर की निदेशक महोदय ने सराहना की।


फिरोज आलम, ऑल इंडिया एसोसिएशन आफ एनएसथीसिया एंड ओटी टेक्नोलॉजी के महासचिव ने अपने वक्तव्य में काउंसिल के गठन की प्रक्रिया पूर्ण होने पर संतोष व्यक्त किया और इसे जमीनी रूप देने के लिए उन्होंने आगे की कार्यवाही के लिए निदेशक महोदय और सीएमएस महोदय से संस्थान स्तर पर इस को आगे बढ़ाने की बात भी की।


श्री राजीव सक्सेना ने अपने संबोधन में एनेस्थीसिया  के टेक्नोलॉजिस्ट  द्वारा निभाई गई भूमिका, दक्षता व  कुशलता पर विशेष जोर दिया तथा आगे की चुनौतियों का सामना करने के लिए उनके उच्चतर प्रशिक्षण हेतु संस्थान प्रशासन से अनुरोध भी किया।


कांफ्रेंस के दौरान श्री धीरज सिंह के द्वारा बनाया गया वीडियो लैरिगोस्कोप , इन्स्टरुमेनट ड्रायर तथा टयूब होल्डर का प्रदर्शन भी किया गया और प्रशिक्षकों ने उससे प्रशिक्षण भी प्राप्त किया।

  श्री सुनील प्रकाश वर्मा ने सांस की नली को डालने में सहायक होने वाली  तकनीक पर व्याख्यान दिया।

किस प्रकार ऑक्सीजन की बचत करके एनएस्थीसया को मेंटेन रखा जा सकता है, इस पर पीजीआई चंडीगढ़ से आए श्री विशाल सिंह ने अपने विचार रखे।   

ह्यूमन मैनेकविन जो कि मानव रोबोट की तरह व्यवहार करते हैं, उन पर चिकित्सीय या तकनीकी लापरवाही से किस प्रकार बचा जा सकता है, इसका उल्लेख  प्रोफ़ेसर देवेंद्र गुप्ता ने अपने व्याख्यान में किया। कोविड महामारी  में आई सी यू मे  उपकरणों  के अलार्म पर भी व्याख्यान पीजीआई चंडीगढ़ से आए हुए नरेश कुमार ने दिया।

 संजय गांधी पीजीआई लखनऊ के चंद्रेश कश्यप ने सिंगिंग वेंटीलेशन की तकनीक का प्रदर्शन किया। 

रामचंद्र हॉस्पिटल, चेन्नई से आए हुए प्रतिभागियों ने पोस्टर प्रतियोगिता में हिस्सेदारी की ।

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