मंगलवार, 1 फ़रवरी 2022

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद नए बजट का किया स्वागत



 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना लगातार चौथा बजट प्रस्तुत किया


 बजट कोविड संकटकाल को देखते हुए बजट आशाओं के अनुरूप है 


बजट में किसान, कामगार, व्यापारी, विद्यार्थी, सब का ध्यान रखा गया है।


 वरिष्ठ नागरिकों का ध्यान नहीं रखा गया जो चिंता का विषय है


राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा सुझाए गए 8 प्रस्ताव बजट 

 केंद्र सरकार का आम बजट आज संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन् द्वारा प्रस्तुत किया गया। यह उनका लगातार चौथा बजट था ।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने केंद्रीय बजट पर त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अवगत कराया है कि कोविड संकटकाल में यह बजट संतोषजनक कहा जा सकता है। इस बजट में देश के 25 साल के विकास का खाका है । युवाओं के लिए रोजगार गरीबों के लिए घर, विद्यार्थियों के लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी, एक क्लास  एक टीवी, जैसी सुविधा है। किसानों के लिए एमएसपी की सुविधा  दी गई है तो इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी जोर दिया गया है।

जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने केंद्रीय वित्त मंत्री के अधिकारिक मेल आईडी पर बजट में शामिल करने के लिए 29 जनवरी को प्रस्ताव भेजा था। संयुक्त परिषद द्वारा भेजे गए  22 प्रस्तावों में से आठ प्रस्ताव बजट में शामिल है, जिसमें पेंशन पर टैक्स राहत, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का  अपग्रेडेशन, युवाओं को 60 लाख नौकरी, एनपीएस में टैक्स राहत,गरीबों के लिए 80 लाख  घर, अधिक से अधिक व्यापारियों को कर के दायरे में लाने के लिए डिजिटल करेंसी एवं सरकारी तंत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए बजट में 35 % की  बढ़ोतरी का प्रस्ताव शामिल किया गया है।

 जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि उन्होंने 80 सी के अंतर्गत बचत सीमा बढ़ाकर तीन लाख किए जाने, सीनियर सिटीजन को राहत देने, कोविड पर इलाज सस्ता करने कोविड इलाज पर हुए खर्च को टैक्स मुक्त किए जाने, स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाए जाने ,तथा आशा बहुओं को न्यूनतम ₹18000 का मानदेय देने का सुझाव भी किया था जिसको बजट में स्थान नहीं मिल पाया है। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री जी से पुनः अनुरोध किया है कि बजट सुधारों में इन बिंदुओं को अवश्य शामिल किया जाए।

जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि डिजिटल करेंसी की व्यवस्था चालू करने से भ्रष्टाचार में कमी आएगी 30 लाख अतिरिक्त नौकरियों का प्रावधान किया गया है जिससे बेरोजगारी कम होगी। कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों की पढ़ाई क्षेत्रीय भाषा में करने तथा उनके लिए ई विद्यालय चैनल खोलने, टेलीकॉम क्षेत्र में नौकरियों की संभावना तलाश करने, डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना किए जाने  जैसी घोषणाएं स्वागत योग्य है।

जे एन तिवारी ने महिलाओं के लिए चाइल्ड केयर लीव बढ़ाने का सुझाव भी केंद्र सरकार को दिया था, बजट में मिशन वात्सल्य योजना  लागू कर दी गई है जिससे महिलाओं को लाभ होगा।  बजट में कारपोरेट सेक्टर को ज्यादा बढ़ावा दिया गया है ।सहकारी संस्थाओं का टैक्स घटाकर 15 %, कारपोरेट टैक्स घटकर15%, कारपोरेट टैक्स की सीमा बढ़ाकर 10 करोड़ कर दी गई है, जबकि बजट में इनकम टैक्स का व्यक्तिगत स्लैब नहीं बढ़ाया गया है।

 कर्मचारियों को इनकम टैक्स का व्यक्तिगत स्लैब  बढ़ाए जाने की उम्मीद थी, जिसमे  निराशा हाथ लगी है। कुल मिलाकर यह बजट चुनावी बजट नहीं है। देश के हर वर्ग को कुछ न कुछ देने की कोशिश के साथ देश को आगे बढ़ाने का प्रयास भी वित्त मंत्री जी द्वारा किया गया है ।वित्त मंत्री जी को इस बजट के लिए बहुत-बहुत बधाई।


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