लिवर भी नार्मल हुआ और सुमन ने दिया स्वस्थ शिशु को जन्म
हाई रिस्क प्रेगनेंसी मैनेज कर भरा मां का आंचल
गर्भस्थ शिशु में एक ही किडनी से परेशान, तभी महिला का बढ़ गया लिवर एंजाइम
गर्भस्थ शिशु एक ही किडनी काम लायक तो भी पा सकते है लंबी और अच्छी जिंदगी
कुमार संजय। लखनऊ
संत कबीर नगर के कोल्हूगाड़ा ग्राम की रहने वाली 30 वर्षीय सुमन ने गर्भ धारण किया । खुशी का माहौल था। परीक्षण के लिए डॉक्टर के पास गई तो पता चला कि गर्भस्थ शिशु में केवल एक ही किडनी है। कई डॉक्टरों ने कहा कि इस संतान को जन्म नहीं देना चाहिए। राजधानी के एक डाक्टर ने परीक्षण के लिए संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान भेज दिया। मैटरनल एंड रीप्रोडक्टिव विभाग की प्रमुख प्रो.मंदाकिनी प्रधान, प्रो.नीता सिंह , प्रो.संगीता लगातार पांच महीने तक गर्भस्थ शिशु पर नजर रखा। हर महीने विशेष अल्ट्रासाउंड परीक्षण( टीफा) कर किडनी पर नजर रखा। देखा एक किडनी ठीक है । खराब किडनी से शिशु के विकास या अन्य किसी तरह की परेशानी नहीं है। इस शिशु को जन्म दिया जा सकता है। एक किडनी के साथ भी शिशु लंबी और अच्छी जिंदगी पाते हैं।
खडी हो गई दूसरी परेशानी
इस दौरान सुमन में लिवर प्रोफाइल के मार्कर( बाइल एसिड) बढ़ गया। डॉक्टरों ने सलाह दिया कि बच्चे को एबार्ड कर तुरंत लिवर का इलाज कराएं। लिवर फेल्योर हो सकता है। गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डा. आकाश माथुर के पास गए तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। ऐसा कुछ महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान होता है । एसआरएच में सलाह लें। प्रो. मंदाकिनी के पास पहुंची तो उन्होंने इस परेशानी की पुष्टि के बाद भर्ती कर लिया। लिवर प्रोफाइल को नियंत्रित करने के साथ कहा कि जब लगेगा इसकी वजह से शिशु और मां पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है तब कोई निर्णय लूंगी। सुमन लगातार 1.5 महीने भर्ती रही जिसके बाद सुमन ने स्वस्थ शिशु को जन्म दिया।
पीडियाट्रिक सर्जरी में शिशु का चलेगा फालोअप
शिशु के एक ही किडनी है स्वस्थ है इस लिए पीडियाट्रिक सर्जरी में लगातार फालोअप चलेगा। सर्जरी विभाग प्रो. विजय उपाध्याय का कहना है कि कार्यहीन किडनी से स्वास्थ्य किडनी या शिशु के स्वास्थ्य पर कोई कुप्रभाव पड़ेगा तो खराब किडनी को निकलने की जरूरत पड़ सकती है।
वर्जन
से हाई रिस्क प्रिगनेंशी का केस था। तमाम लोगों को एक ही किडनी होती जिसका उन्हें पता ही नहीं होता। एक किडनी वाले शिशु को एबार्ड करने की सलाह देते है यदि एक किडनी काम रही है तो ऐसे शिशु को जन्म दिया जा सकता है। लंबी और अच्छी जिंदगी पाते है। अब तक 30 से अधिक ऐसे शिशु को जंम दिला चुकी हूं । यह अब 8 से 12 साल आयु के हो गए है। ....प्रो.मंदाकिनी प्रधान प्रमुख एसआरएच विभाग एसजीपीजीआई
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