पीजीआई की शोध रिपोर्ट
हेड एंड नेक कैंसर के मरीजों में 20 फीसदी होता है इलाज के आलावा खर्च
पेलेटिव केयर आयुष्मान भारत पैकेज में हुआ शामिल
पीजीआई ने खर्च पर शोध कर भेजा था प्रस्ताव
कुमार संजय। लखनऊ
इलाज में खर्च में जितना खर्च होता उसका 20 फीसदी खर्च मरीज के रहने. खाने,किराए में खर्च होता है । तीमारदार का खर्च इसमें शामिल नही हैं। इस तथ्य का खुलासा संजय गांधी स्नातकोत्तर आर्युविज्ञान संस्थान के अस्पताल प्रशासन विभाग ने हेड एंड नेक कैंसर के पैलेटिव केयर पर रहने वाले मरीजों पर शोध के बाद किया है। लाइलाज कैंसर के मरीज जिंदगी बिना दर्द के बीत सके, इसके लिए पैलेटिव केयर दिया जाता है। इसमें नर्सिगं, सर्जिकल, मेडिकल, मोटीवेशनल केयर दिया जाता है। इन मरीजों पर खर्च का अकलन करने के लिए विभाग ने शोध किया जिससे आष्युमान कार्ड धारक मरीजों को पैलेटिव केयर के लिए भी सहायता मिल सके। इलाज के आलावा अन्य खर्च को भी शामिल पैकेज में किया जाए। शोध के निष्कर्ष को विभाग ने आयुष्मान मंत्रालय को भेजा, जिसके बाद हाल में आयुष्मान से मिलने वाले इलाज के पैकेज में पैलेटिव केयर को भी शामिल किया गया। मुख्य शोध कर्ता एवं विभाग के प्रमुख प्रो. राजेश हर्ष वर्धन ने शोध का खुलासा करते हुए बताया कि हमने हेड एंड नेक कैंसर के पचास मरीजों पर शोध किया देखा कि इनके इलाज में लगभग 2044 रूपया खर्च होता है जबकि 518 रूपया अन्य खर्च होते हैं। अन्य खर्च इलाज के कुल खर्च का 20 फीसदी होता है। आयुष्मान कार्ड धारक की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती ऐसे में अन्य खर्च भी इनके लिए भारी पड़ता है। आशंका रहती है कि अन्य खर्च के आभाव मे वह इलाज बीच में छोड़ दें। शोध के बाद हम लोगों ने अन्य खर्च को भी पैकेज में शामिल करने की सिफारिश किया है।
इन्होंने किया शोध
अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रो. राजेश हर्षवर्धन, डा. तन्वी अरोड़ा. डा. सौरभ सिंह एवं रेडियोथेरिपे विभाग से प्रो. पुनीता लाल ने कास्ट एनालसिस आन टोटल कास्ट इंक्युरर्ड पाकेट एक्सपेंनडीचर एंड शोसल कास्ट ड्यूरिंग पैलेटिव केयर इन केस आफ हेड एंड नेक कैंसर एट गवर्नमेंट रीजनल कैंसर सेंटर इन नार्थ इंडिया विषय पर शोध किया जिसे इंडियन जर्नल आफ पैलेटिव केयर ने स्वीकार किया। इस शोध पत्र को हाल में भुवनेश्वर में सेफ एंड सस्टेबिल हास्पिटल विषय़ पर आयोजित नेशनल सेमीनार में दूसरा पुरस्कार मिला।
कैंसर का हर तीसरा हेड एंड नेक
भारत में सिर और गर्दन के कैंसर का अधिक बोझ है हर तीसरे पुरुष हैं। सिर का बहुमत 60से 80 फीसदी है। भारत में, कैंसर के सभी मामलों में से एक तिहाई सिर और गर्दन का कैंसर है जो विकसित दुनिया में 4-5 फीसदी की तुलना में अधिक है। कैंसर के उपचार के लिए बहुविषयक( मल्टी स्पेशिएल्टी) की आवश्यकता होती है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें