शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2021

पीजीआई-----हेमाटोलॉज़ी विभाग में स्थापित हुआ फिजियो थेरेपी सेंटर

 

हिमोफीलिया में फिजियो थेरेपी की अहम भूमिका

 

 हेमाटोलॉज़ी  विभाग में स्थापित हुआ फिजियो थेरेपी सेंटर

हीमोफीलिया मरीजों के उपचार में फिजियो थेरेपी की अहम भूमिका है।  इन मरीजों में रक्त को थक्का जमाने वाले सेक्टर 8 और 9 की कमी हो जाती है जिसके कारण जरा सा भी चोट लगने पर रक्त स्राव होता है । कई यह रक्त स्राव शरीर के जोड़ों में भी होता है जिससे उनमें विकृति आने की संभावना रहती है इससे बचने के लिए फिजियो थेरेपी की  भूमिका है  ।  एनएचएम के सहयोग से संस्थान के हेमेटोलॉजी विभाग में फिजियो थेरेपी सेंटर की स्थापना की गई है।  सेंटर के उद्घाटन संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमन ने किया।
 विभाग के प्रमुख प्रो राजेश कश्यप ने बताया कि विभाग हीमोफीलिया के इलाज के लिए हर तरह की व्यवस्था है रक्त का थक्का जमाने वाले फैक्टर मरीजों को देने के अलावा अब उन्हें फिजियोथेरेपी की भी व्यवस्था विभाग में मिलेगी।  एन एच एम के डॉ एबी सिंह मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो गौरव अग्रवाल सहित कई अधिकारी और चिकित्सक मौजूद थे।


क्या है हीमोफीलिया
हीमोफीलिया आनुवंशिक बीमारी है। इसमें शरीर में खून का थक्का जमने की क्षमता खत्म हो जाती है। मरीज में खून सामान्य लोगों की तुलना में तेजी से नहीं बहता है, लेकिन ज्यादा देर तक बहता रहता है। उनके खून में थक्का जमाने वाले कारक (क्लोटिंग फैक्टर) पर्याप्त नहीं होते हैं।


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