मंगलवार, 12 अक्टूबर 2021

रूमेटाइड अर्थराइटिस का दर्द खत्म करेगा बायोसिमिलर - अनियंत्रित रूमेटाइड अर्थराइटिस दे सकता है दिल और दिमाग को झटका

 

 


 

रूमेटाइड अर्थराइटिस का दर्द खत्म करेगा बायोसिमिलर

अनियंत्रित रूमेटाइड अर्थराइटिस दे सकता है दिल और दिमाग  को झटका

चार लाख से घट कर इलाज का खर्च घट हो गया 36 हजार


 

रूमेटाइड अर्थराइटस के इलाज लिए नए नुस्खे अब 60 से 70 फीसदी लोगों को राहत दे रहे हैं। यह नए नुस्खे जब नहीं थे तो पुरानी दवाओं के जरिए दस फीसदी से भी सम कम लोगों में बीमारी पर नियंत्रण हो पाता था । इन नए नुस्खों को डॉक्टरी भाषा में    बायोसिमिलर, जैकनिब्स कहते है। इन दवाओं से पहले भारत में मरीजों के लिए साल भर में खर्च चार से पांच लाख आता था लेकिन अब 36 से 40 हजार का खर्च आता है। इलाज भी सस्ता हो गया इस लिए एक से दो सप्ताह तक शरीर के किसी भी जोड़ में दर्द की परेशानी है तो इसे ऩजंरदाज न करें। यह परेशानी किसी भी उम्र के लोगों में हो सकती है।  किसी रूमेटोलॉजिस्ट से सलाह लेना चाहिए।   विश्व अर्थराइटिस दिवस ( 12 अक्टूबर) के मौके पर संजय गांधी पीजीआई के क्लीनिकल इम्यूनोलॉजिस्ट एवं रूमेटोलॉजिस्ट प्रो.विकास अग्रवाल एवं प्रो,दुर्गा प्रसन्ना कहते है कि रूमेटाइड अर्थराइटिस का सही समय समय पर सही इलाज न होने पर दिल का दौरा पड़ने, ब्रेन स्ट्रोक की परेशानी के साथ त्वचा, आंख, और फेफड़े में परेशानी हो सकती है।

 

कमर दर्द है महिलाएं दर्द निवारक क्रीम लगा कर काम पर न लग जाएं

 

विशेषज्ञों का कहना है कि कमर दर्द महिलाओं में एक बडी परेशानी है। महिलाएं दर्द होने पर विज्ञापन देख कर क्रीम लगा कर काम पर लग जाती है। यदि कमर में दर्द चार से 6 सप्ताह तक रहता है जो रूमेटोलॉजिस्ट से सलाह लेना चाहिए। यह एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस की परेशानी हो सकती है। इस परेशानी का सही इलाज न होने पर दूसरे अंग भी प्रभावित हो सकते हैं।   

 

 

   क्या होती है रूमेटाइड आर्थराइटिस

शरीर की पुरानी सूजन हाथ और पैरों में छोटे जोड़ों को प्रभावित करने लगती है। यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता स्वस्थ कोशिकाओं को ही नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है। इसमें रोग प्रतिरोधक तंत्र के कुछ सेल्स सही तरीके से काम नहीं कर पाते। इसे नजरअंदाज करने से जोड़ों में सूजन और गंभीर क्षति हो सकती है। समय पर इसका इलाज न किया जाए तो शारीरिक विकलांगता भी हो सकती है। पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में यह अर्थराइटिस आम है। इन दिनों युवाओं में रूमेटाइड अर्थराइटिस पहले की तुलना में काफी तेजी से बढ़ रही है। युवा अक्सर जोड़ों में दर्द, सूजन या कड़ेपन की शिकायत जोड़ों जैसे टखनों, तलुओं, हाथों आदि का सामना कर रहे हैं।

 

 

 

    ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटाइड आर्थराइटिस अलग परेशानी अलग इलाज

दोनों गठिया के रूप हैं और जोड़ों के दर्द और विकृति का कारण बनते हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस उम्र बढ़ने के कारण हडियों में होने वाले कार्टीलेज के घिसने होता है।  रूमेटाइड आर्थराइटिस ऑटो इम्यून डिसऑर्डर है। स्टियोआर्थराइटिस जोड़ों पर असर करता है वहीँ रुमेटीइड आर्थराइटिस का हृदय, ब्रेन और रेस्परटोरी सहित शरीर के लगभग सभी प्रणालियों पर प्रभाव पड़ता है। दोनों का इलाज एक दम अलग है। ऑस्टियोआर्थराइटिस घुटने और पीठ जैसे प्रमुख जोड़ों को प्रभावित करता है।  रूमेटाइड आर्थराइटिस मुख्य रूप से हाथों के छोटे जोड़ों में देखा जाता है।

 

 

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