रविवार, 21 फ़रवरी 2021

असली भारत रत्न तो यह है ---जो गुमनामी के अंधेरे गलियारे में ...गुम है.....

 जीवन का मतलब तो आना और जाना है....गीत लिखने वाले संतोष आऩंद जी , ..संतोष आनंद का जन्म बुलंदशहर के सिकंदराबाद में हुआ था.





असली भारत रत्न तो यह है लेकिन राजनीति और केवल खुद के बारे में सोच ने इन्हें गुमनामी के अंधेरे गलियारे में ...गुम कर दिया ......इस टीवी शो को धन्यवाद ,,,,,,,,ऐसे मिली थी बॉलीवुड में पहचान
संतोष आनंद का जन्म बुलंदशहर के सिकंदराबाद में हुआ था. उन्होंने फिल्म पूरब और पश्चिम से अपने करियर की शुरुआत की थी... शारीरिक रूप से संतोष आनंद हिन्दी फिल्मों के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित गीतकार के रूप में जाने जाते हैं। इनके पुत्र संकल्प गृह मंत्रालय में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को समाजशास्त्र और अपराध शास्त्र की शिक्षा देते थे. वे काफी समय से मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे. उन्होंने आत्महत्या से पहले 10 पेज का सुसाइड लेटर भी लिखा था. 

संकल्प आनंद 15 अक्टूबर 2014 को अपनी पत्नी के साथ ही दिल्ली से मथुरा पहुंचे थे. दोनों ने कोसीकलां कस्बे के पास रेलवे ट्रैक पर पहुंचकर मथुरा की ओर से आने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस के सामने कूदकर जान दे दी थी. इस हादसे में उनकी बेटी की किसी तरह जान बच गई थी. ट्रेन के आगे कूदने से पहले उन्हें रेलवे के एक कर्मचारी गिरिराज सिंह ने ट्रैक के पास जाने से मना किया था. गिरिराज सिंह ने इस पूरी घटना को रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स और गर्वनमेंट रेलवे पुलिस को रिपोर्ट किया था. दोनों के पास से दो मोबाइल फोन और 65000 हजार रुपए  भी मिले थे.

27/08/19- जमशेदपुर (झारखंड) भारत पिछले दिनों जमशेद पुर झारखण्ड श्री गोविंद जी द्वारा संयोजित कार्यक्रम,आदरणीय संतोष आनंद जी ने लगभग 2 घण्टे काव्यपाठ किया।'एक प्यार का नगमा है,दिल दीवानों का डोला' और भी कई गीत, श्रोताओं ने खड़े होकर उनका अभिनंदन किया व्हील चेयर पर होने के बावजूद संतोष जी ने खड़े होकर उत्साह से श्रोताओं के प्यार को स्वीकार किया।लाचार है। इनका कोई सहारा नहीं है ......

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