दिल हुआ मजबूत तो कम हो गयी सांस लेने में परेशानी
नई कंबीनेशन थेरेपी हार्ट फेल्योर मरीजों को देगी राहत की सांस
हार्ट फेल्योर के मरीजों एंजियोटेनसिन रिसेप्टर नेप्रीलाइसिन इनहिबिटर साबित हो रही है कारगर
68 वर्षीय अमरावती दो कदम भी नहीं चल पा रही थी। बैठी हो या ले'टी हो सांस इतनी तेज फूलती कि लगता था, सांस थम रही है। इनके दिल की माँस पेशियां कमजोर हो गयी है जिससे दिल की पंपिंग शक्ति काफी कम हो गयी है। इस स्थिति को हार्ट फेल्योर कहती है। परेशानी बढ़ने पर परिजन संजय गांधी पीजीआइ लाए । संस्थान के हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो.सुदीप कुमार इको कार्डयोग्राफी परीक्षण किया तो पता चला कि मांसपेशियाँ पहले से अधिक कमजोर हो गयी है। जिससे शरीर में रक्त संचार कम हो रहा था। तमाम परीक्षण के बाद प्रो.सुदीप ने पहले से चल रही कंबीनेशन थिरेपी के साथ एंजियोटेनसिन रिसेप्टर नेप्रीलाइसिन इनहिबिटर (एआरएनआई) रसायन को जोड़ दिया। इस नए कंबीनेशन थिरेपी से परेशानी काफी हद तक कम हो गयी । अब वह काफी राहत महसूस कर रही है। प्रो.सुदीप का कहना है कि यह एआरएनआई हार्ट फेल्योर की ओर बढ़ रहे मरीजों का जीवन काफी हद तक सरल बनाने में राम बाण साबित हो रहा है। प्रो.सुदीप के मुताबिक इस सकूबिट्रल और वैल्सैर्टैन दो रसायन का कंबीनेशन होता है जो न्यूरल हारमोनल पाथ को व्लाक करता है । इससे शरीर में रक्त संचार बढ़ जाता है। शरीर को कम पानी बनाए रखने में भी मदद करता है। इससे हार्ट फेल्योर की तरफ बढ़ रहे मरीजों में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होने के साथ जिंदगी पर खतरा कम हो जाता है। इस दवा के साइड इफेक्ट भी है इसलिए दवा शुरू करने से पहले और बाद में सोडियम , पैटैशियम और सीरम क्रिएटनिन का स्तर देखा जाता है। दवा शुरू करने के बाद भी इस पर लगातार नजर रखी जाती है।
न्यूरोहारमोनल सिस्टम
न्यूरोहोर्मोन न्यूरोएंडोक्राइन कोशिकाओं द्वारा निर्मित और स्रावित किया जाने भी हारमोन है। न्यूरोहोर्मोनल 'सिस्टम हृदय, गुर्दे और वाहिका में कई बदलावों को प्रेरित करते हैं जिन्हें हृदय होमियोस्टेसिस को बनाए रखता है। सक्रियता से रक्त वाहिकाओं में तनाव होता है जिससे हृदय और परिसंचरण पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। न्यूरोहोर्मोनल सक्रियता को दिल की विफलता की प्रगति में बडा कारण है।
क्या होता है हार्ट फेल्योर
हार्ट फेलियर का मतलब है कि आपका ह्रदय कमजोर है और आपके फेफड़ों और पूरे शरीर में खून पंप नहीं कर सकता है. सांस फूलना, थकान, और आपके पैरों, टखनों, पेट और शरीर के अन्य हिस्सों में सूजन होना इसके आम लक्षण हैं।
क्यों होता है हार्ट फेल्योर
- यदि हार्ट तक ऑक्सीजन पहुंचानेवाली धमनियों (कोरोनरी आर्टरीज) में किसी तरह की रुकावट पैदा हो जाती है तो हार्ट तक रक्त का प्रवाह ठीक प्रकार से नहीं हो पाता है। इसके पीछे हाई ब्लड प्रेशर, मायोकार्डिटिस(हार्ट हृदय में सूजन) हार्ट में जन्म ही खराबी,-हृदय की धड़कन का असामान्य रहना, लिवर की बीमारी, किडनी का खराब होना, थायराइड एचआईवी, शरीर में प्रोटीन का जमाव होना, वायरस ए संक्रमण, फेफड़ों में रक्त के थक्के जमना, किसी दवाई के रिऐक्शन के कारण या एलर्जी।
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