स्क्रीन टाइम बढ़ा रहा है छात्रों के आँख की परेशानी
16 इंच स्क्रीन से दूरी और हर बीस मिनट पर ब्रेक है से बची रहेगी आँख की सेहत
कुमार संजय। लखनऊ
कोरोनावायरस के कारण एजुकेशन ऑनलाइन मोड पर शिफ्ट हो गई है। छात्रों का स्क्रीन टाइम बढ़ रहा है जिसके कारण चार से पांच फीसदी बच्चे आंख में दर्द, सिर दर्द, आँख में सूखापन सहित अन्य परेशानी के शिकार हो रहे है। स्क्रीन के सामने ज्यादा समय बिताने से स्ट्रेन, थकान और सिरदर्द जैसी परेशानियां होती हैं। संजय गांधी पीजीआई के नेत्र रोग विशेषज्ञ प्रो. विकास कनौजिया और प्रो. रचना अग्रवाल कहते है कि हमारे पास आंख की परेशानी को लेकर तमाम अभिभावक और छात्र रोज आठ से दस काल करते है। कहा कि बीस मिनट का रूल फालो कर काफी हद तक आंख को पचाया जा सकता है। इसके तहत हर 20 मिनट में आपको 20 फीट की दूरी पर कम से कम 20 सेकंड के लिए कुछ देखना चाहिए। इससे आपकी आंखों को आराम मिलता है और वे अपने नेचुरल पोज में आ जाती हैं। ब्लू लाइट रोकने वाले चश्मों के अलावा ब्रेक लेने को जरूरी बताते हैं। आखों के तनाव और थकान को कम करने में मदद का एकमात्र तरीका है। विशेषज्ञों ने बताया कि डिजिटल डिवाइस को आंखों के लेवल से दो फीट दूर रखने या नीचे रखने की सलाह देते हैं। इससे ज्यादा नजदीक स्क्रीन रखने पर हमारी आंखों को इमेज शार्प रखने के लिए फोकस बनाने में मुश्किल होती है। यह तनाव का कारण बन सकता है और मायोपिया को बिगाड़ सकता है। बच्चे कोहनी को टेबल पर रखते हैं और सिर को हाथों में रखते हैं। इस पोजिशन में उन्हें कोहनी को उठाकर स्क्रीन को छूना चाहिए।
ऐसे करें आंख का बचाव
आमतौर पर हम पढ़ने के लिए 16 इंच की दूरी रखें। अब हम पा रहे हैं कि लोग 10-12 इंच की दूरी से रीडिंग कर रहे हैं खास तौर मोबाइल पर। इस दूरी पर आखें आराम के बजाए स्क्रीन पर फोकस करती हैं। कुछ देर बाद मोड़ने पर इसे आंखों की मांसपेशियों में तनाव हो सकता है, जो सिरदर्द और दूसरी देखने की दिक्कतों का कारण बन सकता है।
यह हो रही परेशानी
- सिरदर्द, ज्यादा पलक झपकाना, आंख रगड़ना और बच्चों में थकान महसूस करना देखने में परेशानी के संकेत हो सकते हैं। चमक से दूर रहना मददगार हो सकता है। इंडोर रहते हुए स्क्रीन की ब्राइटनेस को कम रखें और बार डिजिटल डिवाइस का उपयोग न करें।
- आंखों का सूखा होना भी चिंता का विषय है। जब लोग डिवाइस पर पढ़ते हैं तो उनका ब्लिंक (पलक झपकाना) का रेट प्रति मिनट 5-10 बार कम हो जाता है। यह आंखें सूखने का कारण हो सकता है। हालांकि बच्चों की आंखें बड़े लोगों जितनी नहीं सूखतीं। याद रखें कि जब बच्चा स्क्रीन पर देखकर भले ही आंख बार-बार झपका रहा हो, लेकिन इसके बाद भी उन्हें इसकी याद दिलाते रहें।