रविवार, 28 अगस्त 2022

एक्यूट पैक्रिएटाइिटस का मिला दुश्मन : पित्ताशय स्टोन और शराब पैंक्रियाज का दुश्मन

 


एक्यूट पैक्रिएटाइिटस का मिला दुश्मन

पित्ताशय स्टोन और शराब पैंक्रियाज का दुश्मन

मोटापा भी बढ़ा रहा है खतरा

पहली बार हुई इस बीमारी के कारण और रिस्क फैक्टर पर शोध




एक्यूट पैक्रिएटाइटस के कारण का पता लगाने में विशेषज्ञों ने कामयाबी हासिल की है। इस परेशानी से ग्रस्त 120 लोगों पर शोध के बाद देखा गया कि मोटापा, अधिक संख्या( हेमेटोक्रिट) में लाल रक्त कणिकाएं और सी रिएक्टिव प्रोटीन का बढ़ा स्तर परेशानी की आशंका को बढ़ाता है। अल्कोहल और पित्ताशय में स्टोन इस परेशानी का सबसे बड़ा कारण सामने आया है। इस परेशानी से बचने के लिए पित्ताशय स्टोन का सही समय पर इलाज कराना चाहिए। शराब के सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही रिस्क फैक्टर में मोटापे पर नियंत्रण रखने की जरूरत है। यह परेशानी 14 से 60 आयु वर्ग के बीच किसी को हो सकती है। सबसे अधिक 41 से 60 आयु वर्ग के बीच देखी गयी है। 50 फीसदी लोगों में सीवियर एक्यूट पेनक्रिएटाइटिस  परेशानी होती है। सही समय पर सही मैनेजमेंट न होने पर मल्टी ऑर्गन फेल्योर की स्थिति आ सकती है। इस शोध को विश्व स्तर पर स्वीकार करते हुए एनल आफ अफ्रीकन मेडिसिन जर्नल ने स्वीकार किया है। इस परेशानी में पेट में तेज दर्द, उल्टी, मचली की परेशानी होती है। पुरुषों में यह परेशानी महिलाओं से अधिक देखी गयी है।

इन्होंने ने किया शोध

किंग जार्ज मेडिकल विवि के मेडिसिन विभाग के डा.एमएल पटेल, डा. वीरेंद्र आतम, डा. हरीश भारती, जियाट्रिक मेडिसिन के डा. राधेश्याम, गायनोकोलॉजी से डा.रेखा सचान और रेडियोलॉजी विभाग के डा. अनित परिहार में यह शोध किया ।


किसमें कितना

पुरुष- 73.73 फीसदी

महिला- 26.66 फीसदी

कारण

अल्कोहल- 70.8 फीसदी

पित्ताशय में पथरी-20.8 फीसदी

अज्ञात कारण- 4.1 फीसदी

रिस्क फैक्टर

बॉडी मास इंडेक्स- 25 से अधिक

हेमाटोक्रिट- 44 फीसदी से अधिक

सी रिएक्टिव प्रोटीन- 150 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक


किस उम्र में परेशानी

14 से 40- 31.66 फीसदी

41 से 60- 51.66

60 से अधिक- 16.66

 

क्या है एक्यूट पैक्रिएटाइटस

एक्यूट पेनक्रिएटाइटिस  (तीव्र अग्नाशयशोथ) एक ऐसी स्थिति है जहां अग्न्याशय( पैंक्रियाज) में  थोड़े समय के लिए सूजन हो जाता है । अग्न्याशय (पैंक्रियाज) पेट के पीछे स्थित एक छोटा अंग है, जो पाचन में मदद करता है। तीव्र अग्नाशयशोथ वाले अधिकांश लोग लगभग एक सप्ताह के भीतर  बेहतर महसूस करने लगते हैं। इस दौरान दर्द निवारक दवाएं दी जाती है। कई बार पैंक्रियाज से निकलने वाली डक्ट में रुकावट होती है जिसे दूर दिया जाता है। पेनक्रिएटाइटिस की स्थिति में एमाइलेज और लाइपेज एंजाइम  का स्तर रक्त में बढ़ जाता है।   कुछ भी खाने या पीने से दर्द बढ़ जाता है।

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