पीजीआई में एसोसिएशन ऑफ गायनेकोलॉजिकल ऑंकोलॉजिस्ट आफ इंडिया सम्मेलन
45 वर्ष आयु तक लगता है सर्वाइकल कैंसर का वैक्सीन
जागरूकता की कमी के कारण एक फीसदी से कम में लगता है एचपीवी वैक्सीन
उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती है आशंका
जागरण संवाददाता। लखनऊ
सर्वाइकल मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण है, जो 30 से 69 वर्ष की आयु की महिलाओं में कैंसर से होने वाली सभी मौतों का 17 फीसदी है। इस कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। संजय गांधी पीजीआई में एसोसिएशन ऑफ गायनेकोलॉजिकल ऑंकोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया के सम्मेलन में संस्थान के मैटरनल एंड रिप्रोडक्टिव हेल्थ की प्रो. अमृता गुप्ता और प्रो. इंदु लता साहू वैक्सीनेशन की दर काफी है। एक फीसदी से भी लड़कियों में एपीपी वैक्सीन लग पाता है। नई गाइडलाइन के अनुसार नौ से 35 वर्ष की आयु तक वैक्सीन लग सकता है। 9 से 14 वर्ष की आयु की लड़कियों में दो डोज । 15 से 45 के बाद तीन डोज की जरूरत होती है। विशेषज्ञों ने कहा कि एचपीवी वैक्सीनेशन प्रोग्राम को नेशनल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम में शामिल करने की जरूरत है।
स्कूलों में जागरूकता अभियान की जरूरत
संयोजक डॉ. किरण पांडेय और डॉ. अंजू रानी ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर की आशंका उम्र बढ़ने का साथ बढ़ती जाती है। जागरूकता के लिए कॉलेज और स्कूलों में जागरूकता अभियान की जरूरत है जिसमें शिक्षिकाएं अहम भूमिका निभा सकती है।
सिंगल डोज वैक्सीन भी हो सकता है कारगर
शुरूआती दौर के शोध परिणाम बताते है कि सिंगल डोज वैक्सीन लेने से भी 88 फीसदी में कैंसर का खतरा कम होता है। सिंगल डोज वैक्सीन लेने वालों में दो खुराक वालों के समान ही फायदा है। सिंगल वैक्सीनेसन सरल है और सस्ती है हालांकि एंटीबॉडी का स्तर सिंगल डोज वालों में तीन खुराक प्राप्त करने वालों की तुलना में कम था। सिंगल डोज टीकाकरण सुरक्षा दो या तीन खुराक से थोड़ी कम है फिर भी काफी लड़कियां एक डोज से सुरक्षित हो सकती है।
किस उम्र में कितने में कैंसर
20 से 29- 1.32
30 से 39- 10.20
40 से 49 – 26.32
50 से 59- 27 .37
60 से 69- 22.49
70 से अधिक- 22.26
क्या है सर्वाइकल कैंसर
गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय (गर्भ) का निचला, संकीर्ण छोर है। गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय को योनि से जोड़ती है। कैंसर दिखाई देने से पहले गर्भाशय ग्रीवा में असामान्य कोशिकाएं दिखाई देने लगती हैं । समय के साथ, यदि उन्हें नष्ट या हटाया नहीं जाता है कोशिकाएं कैंसर कोशिकाएं बन सकती हैं। आस-पास के क्षेत्रों में अधिक गहराई से बढ़ने और फैलने लगती हैं।
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