बिजली निजीकरण से 77 हजार कर्मियों की नौकरी पर संकट
लखनऊ। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि. को निजी कम्पनियों को बेचे जाने के प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर मुखर हुई विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश ने आरोप लगाया है कि इन दो बिजली कम्पनियों का निजीकरण होने से 77 हजार कर्मियों की नौकरी जाएगी। समिति के संयोजक इंजीनियर शैलेन्द्र दुबे ने विश्ववार्ता ब्यूरो से बातचीत में कहा कि इन दो बिजली कम्पनियों गोरखपुर और वाराणणी क्षेत्र के 42 जिलों की बिजली व्यवस्था का निजीकरण होने के बाद बाकी बचे पावर कारपोरेशन में पदों में बढ़ोत्तरी की जाएगी, यह कहकर यूपी पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने खुद यह स्वीकार कर लिया है कि निजीकण से कर्मचारियों की पदावनति और छंटनी होने वाली है।
उन्होंने कहा कि 50 हजार आउसोर्स कर्मचारी हैं और 27 हजार 400 नियमित कर्मचारी हैं। निजी कम्पनी द्वारा अधिग्रहण किये जाने के बाद यह 50 हजार आउटसोर्स कर्मचारी तो तत्काल निकाल दिये जाएंगे क्योंकि निजी कम्पनियां अपने कर्मचारी तैनात करेंगी। उन्होंने बताया कि इस निजीकरण से मुख्य अभियंता स्तर-एक के सात पद समाप्त हो जाएंगे। मुख्य अभियंता स्तर एक के तीन पद रिक्त हैं। इस तरह केवल तीन मुख्य अभियंता स्तर एक समायोजित हो सकेंगे और चार मुख्य अभियंता स्तर एक की पदावनति होगी और वह मुख्य अभियंता स्तर-दो पर पदावनत होंगे। इस प्रकार मुख्य अभियंता स्तर दो पर 29 अभियंता सरप्लस हो जाएंगे। मुख्य अभियंता स्तर दो के तीन पद रिक्त हैं इस तरह केवल तीन मुख्य अभियंता स्तर दो समायोजित हो सकेंगे और 26 मुख्य अभियंता पदावनत होकर अधीक्षण अभियंता हो जाएंगे।
50 हजार आउटसोर्स और 27 हजार 400 नियमित कर्मचारी होंगे प्रभावित
अधीक्षण अभियंता स्तर के 109 पद समाप्त होंगे और पदावनत होकर अधीक्षण अभियंता बनने वाले 26 लोगों को और जोड़ लिया जाए तो अधीक्षण अभियंता के पद पर 135 पद सरप्लस हो जाएंगे। बाकी बचे विद्युत वितरण निगमों में अधीक्षण अभियंता के केवल 39 पद रिक्त हैं इस तरह से 135 अधीक्षण अभियंताओं में से केवल 39 समायोजित हो सकेंगे। बाकी 96 अधीक्षण अभियंताओं को पदावनत कर अधिशासी अभियंता बना दिया जाएगा।
अधिशासी अभियंता के 362 पद समाप्त होंगे। 96 अधीक्षण अभियंता पदावनत होकर अधिशासी अभियंता बन जाएंगे और इस तरह अधिशासी अभियंता के 458 पद सरप्लस हो जाएंगे। बाकी बचे विद्युत निगमों में अधिशासी अभियंता स्तर पर शेष 47 पद रिक्त हैं, इन्हें समायोजित करने के बाद 411 अधिशासी अभियंता को पदावनत कर सहायक अभियंता बना दिया जाएगा।
सहायक अभियंता स्तर के 1016 पद समाप्त होंगे। 411 अधिशासी अभियंता पदावनत होकर सहायक अभियंता हो जाएंगे और इन्हें मिलाकर सहायक अभियंता के 1427 पद सरप्लस हो जाएंगे। बाकी बचे विद्युत निगमों में सहायक अभियंता के 295 पद रिक्त हैं इस तरह से 295 सहायक अभियंता