हार्ट बीट को नियंत्रित रखेगा नया एनवी1.4 सोडियम चैनेल ब्लाकर
शोध पर पीजीआई के हृदयरोग विशेषज्ञ को मिला शोध पर प्रथम पुरस्कार
कई परेशानी का कारण साबित होता है अनियत्रित दिल की धड़कन
अनियत्रित दिल की धड़कन के कारण होने वाली परेशानी को कम करने में एनवी 1.5 सोडियम चैनेल ब्लाकर कारगर साबित है। ब्लाकर के रूप में फ्लेसकेनाइड रसायन कारगर साबित हो रही है। इस परेशानी से ग्रस्त 50 मरीजों पर शोध किया तो देखा गया कि इस दवा के इस्तेमाल से मरीजों में काफी कम परेशानी हुई। यह रसायन रूहमैटिक हार्ट डिजीज जिसमें माइट्रल वाल्व में परेशानी माइट्रल स्टेनोसिस के कारणहोने वाले अनियमित दिल की धड़कन की परेशानी में कारगर साबित हुई है। इस शोध को संजय गांधी पीजीआई के हृदयरोग विशेषज्ञ प्रो. अदित्यकपूर ने सोसाइटी आफ कार्डियक एंजियोग्राफी एंड इंटरवेंशन के अधिवेशन में रखा गया। सोसाइटी इस शोध को प्रथम पुरस्कार दिया है। प्रो. अदित्य कपूर ने बताया कि रूमैटिक हार्ट डिजीज के कारण कई बार माइट्रल वाल्व में परेशानी आ जाती है। इसके कारण कई वाल्व में स्टेनोसिस यानि संकुचन और रिसाव की परेशानी आ जाती है। इसके कारण एक तिहाई लोगों के हृदय गति अनियंत्रित हो जातीहै। इस परेशानी को डाक्टरी भाषा में एट्रियल फाइब्रिलेशन कहा जाता है। इस परेशानी में यह रसायन काफी कारगर साबित हो सकती है। देखा गया है कि रूमैटिक हार्ट डिजीज की परेशानी ५-१५ वर्ष के आयु वर्ग के १००० बच्चों में से 0.5 में हो सकती है। हर साल लगभग ४०,०००-५०,००० नए लोगों में यह परेशानी होती है। इस परेशानी का सही इलाज न होने पर स्ट्रोक, गैंग्रीन, थ्रोम्बोम्बोलिज़्म परेशानी का कारण बन सकता है।
क्या है एट्रियल फिब्रिलेशन
दिल की अनियमित धड़कन को एरियल फाइब्रिलेशन के रूप में जाना जाता है। यह हृदय रोग और स्ट्रोक के लिए घटनाओं को बढ़ाता है। थकान, कमजोरी और चक्कर आना एक एट्रियल फिब्रिलेशन के सभी संकेत हैं। इसका इलाज करने के लिए जीवनशैली में परिवर्तन और दवाओं की आवश्यकता होती है । कार्डियोवर्जन और सर्जरी या पेसमेकर प्लेसमेंट जैसी प्रक्रियाएं होती हैं। दिल में एट्रियल फिब्रिलेशन में असामान्य कार्यशील विद्युत प्रणाली होती है।
एट्रियल फिब्रिलेशन के लक्षण क्या हैं?
-दिल की घबराहट
-सांस की तकलीफ
-छाती में दर्द
-कमजोरी
-चक्कर आना
-थकान
-भ्रांति